Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


भाईयों के हाथों में सजेगी धान-चावल से बनी राखियां रक्षाबंधन के लिए बना रही हैं राखियां, मिल रहा है घर में ही रोजगार

भाई-बहन के रिश्ते से जुड़े पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन में इस बार भाईयों की कलाईयों में धान, चावल, रूद्राक्ष, रंगीन मोती, स्टोन और ऊन से बनी रा...

Also Read
भाई-बहन के रिश्ते से जुड़े पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन में इस बार भाईयों की कलाईयों में धान, चावल, रूद्राक्ष, रंगीन मोती, स्टोन और ऊन से बनी राखियां सजेंगी। जांजगीर जिले के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा रक्षाबंधन के समय इसकी तैयारी शुरू कर दी है। स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित राखियां आसपास के दुकानों में मिलना शुरू हो गया है। इससे इन महिला समूहो की अच्छी आमदनी हो रही है। साथ ही लोगो को सस्ते दामों में अच्छी राखियां मिल पा रही है। 


    जांजगीर जिले के जनपद पंचायत बम्हनीडीह की ग्राम पंचायत परसापाली, पोडीशंकर की महिला स्व सहायता समूहों की सदस्यों का कहना है कि छत्तीसगढ़ी देशी राखियों के निर्माण में धान, चावल एवं अन्य अनाज का उपयोग किया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से राखियां बनाकर उन्हें आसपास के मार्केट में बेचा जा रहा है, इससे समूह को अच्छी आमदनी हो रही है। 



रक्षाबंधन त्यौहार के पूर्व समूह की महिलाएं घरों में कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए रेशम के धागेे, छोटे-बड़े मोती, चावल के दाने, अलग-अलग रंगीन कपड़े, छोटे-छोटे रूद्राक्ष, रंगीन पत्थर आदि मार्केट से खरीदकर उनसे राखियां तैयार कर रहीं हैं।
    जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि एनआरएलएम बिहान की महिला स्व सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। अगले माह रक्षाबंधन त्यौहार आ रहा है, इसलिए समूहों को राखियां बनाकर बेहतर स्वरोजगार प्राप्त हो इसके लिए लगातार प्रेरित भी कि