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गौठानों में छायादार वृक्ष लगाने और आर्थिक गतिविधियां यथाशीघ्र शुरू करने के निर्देश

गौठानों में छायादार वृक्ष लगाने और आर्थिक गतिविधियां यथाशीघ्र शुरू करने के निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को जारी कि...

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गौठानों में छायादार वृक्ष लगाने और आर्थिक गतिविधियां यथाशीघ्र शुरू करने के निर्देश

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को जारी किया परिपत्र, गौठानों में कार्यों की प्रगति की जानकारी हर सप्ताह भेजने कहा

रायपुर. असल बात न्यूज़. 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने वर्षा ऋतु के दौरान गौठानों में छायादार वृक्ष लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गौठानों में सीपीटी (Cattle Protection Trench), वर्मी कंपोस्ट यूनिट, स्वसहायता समूहों के लिए कार्य-शेड तथा आवश्यक मशीनों एवं उपकरणों के कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर इनमें तेजी लाने कहा है। वि
मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी ने मनरेगा के सभी जिला कार्यक्रम समन्वयकों-सह-कलेक्टरों को इस संबंध में परिपत्र जारी किया है।


उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानों में मवेशियों के लिए छायादार स्थान उपलब्ध कराने अभी बरसात के मौसम में वृक्षारोपण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गौठानों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने सभी व्यवस्थाएं जल्द सुनिश्चित करने कहा है। वे हर सप्ताह इन कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कलेक्टरों को इन कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। विभाग द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि वन विभाग द्वारा प्रत्येक गौठान की जरूरत एवं मांग के अनुसार पर्याप्त ऊंचाई एवं अच्छी गुणवत्ता के छायादार बड़े वृक्ष उपलब्ध कराए जाएंगे। बड़े पौधों के रोपण से जहां उनके जीवित रहने की संभावना ज्यादा होगी, वहीं गौठान परिसरों में छाया की व्यवस्था भी शीघ्र उपलब्ध होगी। वृक्षारोपण वन और कृषि विभाग के अधिकारियों के तकनीकी मार्गदर्शन में कराया जाएगा। गौठान में लगाए गए पौधों की देखभाल एवं रखरखाव की जिम्मेदारी गौठान संचालन समिति की होगी।

विभाग ने गौठानों में मूलभूत जरूरतों सीपीटी, वर्मी कंपोस्ट यूनिट, स्वसहायता समूहों के लिए कार्य-शेड तथा आवश्यक मशीनों व उपकरणों की स्थापना के कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर इनमें तेजी लाने कहा है। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यों की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा के लिए कलेक्टरों को निर्धारित प्रारूप में इसकी अद्यतन जानकारी मनरेगा आयुक्त कार्यालय को हर सप्ताह भेजना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।