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कवर्धा जिले के गंगापुर के ग्रामीणों ने भूमि को अतिक्रमण से बचाया और उस पर बनाया तालाब

ग्रामीणों की सूझबूझ ने दिखाई एक नई राह,  रोजगार गारंटी योजना से बनाया जल संवर्धन के लिए तालाब और उसमें मिला रोजगार कवर्धा असल बात इम...

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ग्रामीणों की सूझबूझ ने दिखाई एक नई राह,

 रोजगार गारंटी योजना से बनाया जल संवर्धन के लिए तालाब और उसमें मिला रोजगार


कवर्धा असल बात इमेज ग्रामीणों की सुझबूझ और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बेहतर तालमेल से ग्राम पंचायत गांगपुर के ग्रामीणों ने क्षेत्र में एक नई मिशाल पेश की है। पंचायत क्षेत्र के भूमि को अतिक्रमण से बचा कर जल संवर्धन करते हुए रोजगार का अवसर ग्रामीणों को मिला है। जिले के विकासखण्ड पंडरिया के ग्राम पंचायत गांगपुर के ग्रामीणों की जागरूकता का ही यहां परिणाम है कि पहाड़ी क्षेत्र से आने वाला वर्षा जल जहां पहले बह जाया करता था अब उस जल को तालाब में सहेज कर निस्तारी के उपयोग में लाया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत गांगपुर में तालाब गहरीकरण कार्य ढोलाबर्री के नाम से दिसंबर 2019 में 7 लाख 98 हजार रूपए की लागत से कार्य स्वीकृत हुआ। लगभग 4 एकड़ के क्षेत्र में बने इस तालाब से 250 से अधिक ग्रामीणों को फायदा मिलेगा। 13 सप्ताह चले तालाब गहरीकरण के कार्य में 6 हजार 187 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ। जिसमें लगभग 7 लाख 11 रूपए का मजदूरी भुगतान ग्रामीणों को मिल गया है।
इस कार्य से जुड़े क्षेत्र की तकनीकी सहायक श्रीमती प्रिया सोनी, बताती है कि ग्राम पंचायत गांगपुर के ग्रामीणों ने आपस में मिल जुलकर अतिक्रमण से भूमि को बचाने कि पहल की है। ग्रामीणों को रोजगार मिल जाए और गांव में सुविधा का विस्तार हो यह मुख्य मांग रही। इसी उदेश्य की पूर्ति करने रोजगार गारंटी योजना से तालाब गहरीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया। श्रीमती प्रिया सोनी आगे बताती है कि वैश्वीक महामारी कोविड-19 के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण मास्क लगाकर, सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूरी सावधानी से तालाब के कार्य में रोजगार करते रहें। यही कारण है कि बरसात के पूर्व तालाब गहरीकरण का कार्य हो गया। लगभग 55 परिवारों के 122 मजदूर नियमित कार्य करते हुए अपनी मजदूरी भुगतान प्राप्त किए है। तालाब गहरीकरण के इस कार्य से गांगपूर के ग्रामीणों ने एक पंथ तीन काज के रूप में उदाहरण सामने रखा है जिसमें गांव की खाली पड़ी भूमि को अतिक्रमण से बचाकर तालाब के रूप में विकसित किया गया एवं इसी तालाब गहरीकरण कार्य से रोजगार के अवसर प्राप्त कर लिये। अब तालाब में वर्षा का जल संग्रहित होने लगा है। जिससे ग्रामीण अपने निस्तारी के लिए उपयोग करते हुए देखे जा सकते है। गांगपूर के ग्रामीणों की यह पहल क्षेत्र के लिए एक उदाहरण है की कैसे शासकीय योजनाओं के बेहतर ताल-मेल से स्थानीय समस्याओं का समाधान सूगमता से निकाला जा सकता है।

ग्रामीणों की एकजुटता प्रेरणादायक है-कलेक्टर

कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा, पंडरिया क्षेत्र में निर्माण कार्यो का निरीक्षण करने के दौरान गांगपुर के तालाब को देखकर ग्रामीणों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एकजुटता से गांव में विकास करने का यह कार्य प्रेरणादायक है। कोविड-19 के काल में हुए लॉकडाउन के दौरान रोजगार का अवसर और उससे मिली मजदूरी ग्रामीणों को उनके ही प्रयास से लाभ हुआ है साथ ही जल संवर्धन के क्षेत्र में यह कार्य सराहनीय होने के साथ गांगपुर निवासियों का प्रयास क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक है।


स्थानीय समस्या का बेहतर समाधान-सीईओ

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने गांगपुर के ग्रामीणों द्वारा किये गए इस पहल की तारिफ करते हुए कहते है की स्थानीय समस्याओं का यह बेहतर समाधान है। ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं पंचायत के पदाधिकारियों ने एक होकर अतिक्रमण जैसी समस्या से निपटने का सही उपाय निकाला है। तालाब गहरीकण हो जाने से रोजगार का अवसर ग्रामीणों को मिल गया साथ ही जल संवर्धन की दिशा में एक बेहतर कार्य हुआ है। तालाब पहली बरसात में ही भरने लगा है और ग्रामीण भी इसका उपयोग करते देखे जा सकते है।