Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


मैनपाट के सुप्रसिद्ध तिब्बती कालीन उद्योग अब होंगे पुनर्जीवित

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के निर्देश और ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में मैनपाट के सुप्रसिद्ध तिब्बती पैटर...

Also Read


   

मुख्यमंत्री 

भूपेश बघेल के निर्देश और ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में मैनपाट के सुप्रसिद्ध तिब्बती पैटर्न के कालीन उद्योग को पुनर्जीवित किया जा रहा है। मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने कहा कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप ग्रामोद्योग विभाग प्रवासी श्रमिकों के लिए कार्ययोजना बनाकर उन्हें नियमित रोजगार उपलब्ध करा रहा है। साथ ही विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने हर संभव मदद दी जा रही है।
    छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक (विकास) श्री शंकर लाल धुर्वे ने बताया कि सरगुजा जिले के कालीन बुनकरों को नियमित रोजगार देने के लिए दो दशक से बंद पड़े मैनपाट के सुप्रसिद्ध तिब्बती पैटर्न के कालीन उद्योग को पुनर्जीवित करने का काम शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा मैनपाट के रेखापार में कालीन निर्माण केंद्र में 20 कालीन शिल्पकारों द्वारा कालीन उत्पादन का काम शुरू किया गया है। इसको और अधिक विस्तार देने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस केंद्र के माध्यम से लगभग 100 से अधिक कालीन बुनाई करने वालों कारीगरों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते बतौली, सीतापुर के सैकड़ों कालीन बुनाई करने वाले कारीगर भदोही और मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) जाकर कालीन बुनाई का काम करते थे, अभी वहां नहीं जा पाने के कारण बेरोजगार हैं। इन कारीगरों को मैनपाट के कालीन बुनाई केन्द्र से जोड़कर इन्हें रोजगार देने की पहल बोर्ड ने शुरू की है, ताकि कालीन बुनाई करने वाले स्थानीय कारीगरों को मैनपाट में ही रोजगार मिल सके। इन कारीगरों को मैनपाट के केन्द्र से जोड़ने से तिब्बती कालीन की बुनाई के काम में तेजी आएगी