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एनडीआरएफ की टीम ने बचाया पहाड़ी में फंसे बच्चे को

  पहाड़ी नाले में बच्चे का पैर फंसा था, जान जा सकती थी दुर्ग से एनडीआरएफ की टीम पहुंची और आपरेशन सफल  तीन घंटे की कड़ी मशक्कत कर किया आपरेशन, ...

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 पहाड़ी नाले में बच्चे का पैर फंसा था, जान जा सकती थी दुर्ग से एनडीआरएफ की टीम पहुंची और आपरेशन सफल

 तीन घंटे की कड़ी मशक्कत कर किया आपरेशन, चट्टान काट कर बच्चे की बचाई जांच 

खबर लगते ही दो घंटे के भीतर टीम पहुंची राजनांदगांव के गंडई


दुर्ग । असल बात न्यूज़

 जिले में मौजूद एनडीआरएफ की टीम की तत्परता से गंडई में दस साल के बच्चे की जान बच गई। राजनांदगांव जिले के गंडई के एक छोटे से गांव ठंडार का यह बच्चा एक पहाड़ी नाले नर्मदा में दो चट्टानों के बीच फंस गया था। स्थानीय प्रशासन ने कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। जेसीबी लगाई गई लेकिन नहीं हो पाया। ऐसे में एसडीआरएफ ने तुरंत दुर्ग स्थित एनडीआरएफ की टीम को फोन किया। फोन आते ही 21 सदस्यीय दल कमांडर श्री शैलेंद्र प्रसाद मौके पर पहुंचे। श्री प्रसाद ने मौके की नजाकत देखी और पानी में उतरने का फैसला किया। यह आपरेशन रात को चला और बेहद जोखिम भरा था क्योंकि पानी काफी अधिक था, नजर नहीं आ रहा था। सदमें में बच्चे को फिट आ रहे थे। चुनौती यह थी कि बच्चे का पैर भी निकाला जाए और उसे किसी तरह की चोट भी नहीं आए। वैसे ऐसी किसी स्थिति के लिए डाक्टरों का पूरा दस्ता मौजूद था। 21 सदस्य चिपिंग हैमर की मदद से लगातार काम करने लगे। उन्होंने दो घंटे के भीतर यह असंभव कार्य पूरा कर दिखाया। रात एक बजे जब बच्चे को निकाला गया तो सबके चेहरे पर सुकून था। सबने एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को बहुत बधाई दी जिनकी तत्परता के चलते बच्चे की जान बचाई जा सकी। बच्चे के अभिभावक भी बहुत भावुक हो गये थे। 


नजारा देखने लायक था रात को जब बच्चे को गोद में लेकर टीम उफनते नाले से बाहर निकली तो लोगों ने जयकारा लगाया। एनडीआरएफ की टीम दुर्ग में ही नियुक्त है और इस प्रकार के रेस्क्यू कार्य में टीम को महारत हासिल है। टीम समय-समय पर माकड्रिल भी करती है ताकि इस तरह का खतरा होने पर तुरंत अच्छे से रिस्पांस किया जाए। घटना के संबंध में जानकारी देते हुए श्री प्रसाद ने बताया कि पानी इतना तेज था कि कटिंग और ड्रिलिंग बहुत कठिन थी। अंधेरा होने की वजह से और पानी के भीतर चट्टान होने की वजह से आब्जेक्ट का जजमेंट काफी कठिन था। इसके साथ ही बच्चों को भी संभालना था और बहुत तेजी से कार्य करना था। श्री प्रसाद ने बताया कि मैं अपनी टीम का इस कार्य के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने अनथक प्रयत्न कर लगातार ड्रिलिंग का कार्य किया क्योंकि थोड़ी भी देर हो जाती तो बच्चे का धैर्य जवाब दे देता क्योंकि बच्चा कई घंटों से पानी में फंसा हुआ था।

*रेस्क्यू की स्थिति में इस नंबर पर कर सकते हैं संपर्क-* कोलेप्स स्ट्रक्चर, सर्च और रेस्क्यू के केस में एनडीआरएफ से संपर्क किया जा सकता है। इनके कमांडर श्री शैलेन्द्र प्रसाद से ऐसी किसी स्थिति में उनके मोबाइल नंबर 9911695711 में संपर्क किया जा सकता है।