रेत उत्खनन में माफिया के लोगों की दादागिरी तथा रेत की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने क...
रेत उत्खनन में माफिया के लोगों की दादागिरी तथा रेत की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा
वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा-सरकार की नई रेत खनन नीति से माफिया के लोगों को मिल रहा है संरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा-रेत उत्खनन परिवहन का पूरा कार्य प्रशासनिक नियंत्रण में किया जा रहा है
Raipur/दुर्ग। असल बात न्यूज़।
रेत की कालाबाजारी, अवैध उत्खनन, खनिज माफियाओं की गुंडागर्दी, मारपीट तथा महंगे दामों पर बिक्री के मुद्दे पर विधानसभा में आज जमकर हंगामा हुआ। वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल नारायण चंदेल तथा धरमलाल कौशिक ने नियम 138, 1, के अधीन अविलंबनीय सार्वजनिक महत्व के विषय की ओर शासन का ध्यान आकर्षित करते हुए इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि राज्य में रेत के धंधे में खनिज माफियाओं का कब्जा हो गया है। रेत माफियाओं के चलते गांव और शहरी इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे घरों की लागत बढ़ गई है। रेत माफिया के द्वारा चारों तरफ खुलेआम गुंडागर्दी की जा रही है। रेत का दाम 2 से 4 गुना तक बढ़ा दिया गया है। इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश में रेत माफिया सक्रिय हैं तथा रेत के दाम दोगुने से 4 गुना कर दिए गए हैं।
सदन में वरिष्ठ सदस्यों ने प्रदेश में चारों तरफ बढ़ गई रेत माफिया के लोगों की गुंडागर्दी का उल्लेख करते हुए कहा कि रेत माफिया के लोगों ने धमतरी में जिला पंचायत सदस्य खूब लाल ध्रुव को रे त खदान पर ही कपड़े उतरवाकर मुर्गा बनाया। बेल्ट, राड, डंडो से पिटाई की गई। जान लेने की कोशिश की गई। इनमें धमकी देने और मारपीट करने वाले ज्यादातर गुंडे उत्तर प्रदेश निवासी हैं। इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि धमतरी के जिला पंचायत सदस्य खूब लाल ध्रुव जोरा तराई रेत खदान में रात्रि 11:00 बजे निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान रेत खदान में कार्य र त ठेकेदार के व्यक्ति द्वारा मारपीट की गई। मारपीट करने वाले दोषियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है तथा 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जोरा तराई रेत खदान से इस मामले में अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर दो चैन माउंटेन मशीन एवं 12 हाईवा जप्त किया गया है।
वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि प्रदेश में चारों तरफ रेत माफियाओं की गुंडागर्दी चल रही है तो वही रेत के दाम दोगुने से 4 गुना तक बढ़ा दिए गए हैं। राज्य शासन ने रेत उत्खनन की नीति में परिवर्तन कर अवैध कारोबारियों को फलने- फूलने का मौका दिया है। रेत माफियाओं की दादागिरी के चलते गांवों में शहरों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होने वाली निर्माण कार्यों की लागत बढ़ गई है। गांव-गांव में शासकीय निजी निर्माण कार्य बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। ठेकेदारों ने रेत की बढ़ती कीमतों को देखकर सरकारी निर्माण कार्य को रोक दिया है। शासन की नीति से सीधे-सीधे गरीब परिवारों को नुकसान पहुंचा है और वह अपना घर ही बना पा रहे हैं।
सदस्यों ने कहा कि रेत माफिया के लोगों की इतनी दादागिरी बढ़ गई है कि दुर्ग जिले में पिछले 4 मई को रानी तराई में खारून नदी के एनीकट का खोलकर पानी बहा दिया गया तथा रेत उत्खनन की कोशिश की गई। पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर नदियों से मशीन के माध्यम से रात-दिन रेत की अवैध निकासी की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पर बताया है कि यह कहना सही नहीं है कि उस दिन खारून नदी के निकट खोलकर रेत माफिया के लोगों के द्वारा पानी बहा कर रेत का उत्खनन चालू किया गया। इसमें वास्तविकता यह है कि खनिज निरीक्षक द्वारा वाहन क्रमांक सीजी 07 b.a. 7483 को 14 घर मीटर रेट अवैध रूप से परिवहन करते पाए जाने पर जब्ती बनाकर थाना रानी तराई जिला दुर्ग में अभिरक्षा में रखा गया है। रेत कांकेर के जिले के साधु नवागांव से लाई जा रही थी प्रकरण में 14 हजारों रुपए शास्ती आरोपित की गई है।
वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि पर्यावरण नियमों की अनदेखी करते हुए रेत माफिया के लोगों के द्वारा नदियों से मशीनों के माध्यम से दिन-रात रेत की अवैध निकासी की जा रही है। प्रशासन के संरक्षण में पैरी नदी, मानपुर एवं कुशल जिला दुर्ग कोरबा के बरहमपुर खुद जी राजन गांव महानदी पर राजिम, आरंग महासमुंद और अरपाघाट, हसदेव नदी इत्यादि जगह पर अवैध रेत खदान का खुलेआम संचालन किया जा रहा है। राजनांदगांव जिले की खदानों से अवैध उत्खनन की जानकारी ग्रामीणों के द्वारा दी जाने के बाद में खनिज विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की । प्रदेश के हर नदी नाले पर रेत माफिया ने कब्जा कर रखा है और शासन प्रशासन मौन है। इससे प्रदेश की जनता में राज्य शासन के खिलाफ आक्रोश एवं रोचक रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि जिला गरियाबंद दुर्ग कोरबा जिला जलगांव रायपुर महासमुंद बिलासपुर आदि जिले में प्रशासन के संरक्षण में अवैध रेत खदानें खुलेआम चल रही हैं। यह भी सही नहीं है कि अवैध उत्थान की शिकायतें प्राप्त होने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तथा पर्यावरण नियमों की अनदेखी कर नदियों से मशीन के माध्यम से दिन रात रेत की अवैध निकासी की जा रही है। वस्तुस्थिति यह है कि रेत खनन में एनजीटी तथा पर्यावरण विभाग द्वारा जारी समस्त शर्तों का पालन कराया जा रहा है तथा विभाग द्वारा लगातार रेत खदानों की जांच की जा रही है और अवैध उत्खनन परिवहन पाए जाने पर प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। प्रदेश में 1 जनवरी 2020 से 31 जुलाई 2020 तक रेत के अवैध खनन के 47 कारण दर्ज कर 28लाख50हजार रुपए वसूल किए गए।