कलेक्टर  श्याम धावड़े ने कृषकों के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि कार्यों में उपयोग होने वाले कीटनाशक दवाई विक्रेताओं के दुकानों की समय-समय पर जांच करने के निर्देश दिए थे। नकली कीटनाशक दवाईयों का उपयोग कृषि कार्य में न हो, इसलिए कृषि विभाग को उन दुकानों की सघन जांच कर अमानक विक्रेताओं पर कार्यवाही करने को कहा था। जिले के विभिन्न विकास खण्डों में नकली कीटनाशक दवाईयों के रोकथाम हेतु कृषि विभाग के कीटनाशी निरीक्षक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं टीम के द्वारा विभिन्न कीटनाशक दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया।

 प्राप्त निर्देशानुसार कीटनाशी दुकानों से कीटनाशक नेटिवो 75 डब्ल्यूजी (बायर क्राप साईंस) एवं अन्य कीटनाशी का सैम्पल लिया गया है। यह कवकनाशी दवा पौधों के पत्ती धब्बा रोग, शीथ ब्लाइड, पाउडरीमिल्डयू, एन्थ््रोक्नोज इत्यादि रोग के नियंत्रण हेतु उपयोग किया जाता है, जिसे परीक्षण हेतु अधिसूचित प्रयोगशाला में भेजा जायेगा। निरीक्षण के दौरान रामानुजगंज विकास खण्ड अंतर्गत गोयल इन्टरप्राईजेस, केशरी मशीनघर, साहा कृषि सेवा केन्द्र केरवाशीला एवं महामाया कृषि सेवा केन्द्र आरागाही का निरीक्षण  आर.एस. कुजूर, अनुविभागीय कृषि अधिकारी/निरीक्षक,  श्यामलाल कंवर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी रामानुजगंज एवं टीम के द्वारा किया गया। इसी क्रम में वाड्रफनगर विकासखण्ड के निरीक्षक श्री रामचन्द्र भगत एवं टीम के द्वारा सुमित कृषि सेवा केन्द्र, यादव ब्रदर्स, जायसवाल कृषि परामर्श केन्द्र वाड्रफनगर तथा विकास खण्ड बलरामपुर के पप्पू कृषि सेवा केन्द्र बलरामपुर, सरकार कृषि सेवा केन्द्र, रघुवीर कृषि सेवा केन्द्र तातापानी का निरीक्षण श्री हिन्द कुमार भगत, निरीक्षक/व.कृ.वि.अधिकारी एवं टीम के द्वारा किया गया।



 दुकानों के निरीक्षण के दौरान दुकान संचालकों के वैध कीटनाशक दवाई एवं प्रिन्सिपल प्रमाण पत्र, पंजी संधारण एवं अन्य आवश्यक दस्तावेजों का निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही दुकान संचालकों द्वारा किसानों को सही दवा एवं अनुशंसित मात्रा का प्रयोग करने हेतु सुझाव देने तथा दवाई खरीदने वाले किसानों को कैश मेमो बिल अनिवार्य रूप से देने हेतु निर्देशित किया गया। यदि किसी दुकान संचालक द्वारा बिल/कैश मेमो प्रदाय नहीं किया जाता है तो इसकी सूचना ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी/वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को दें, ताकि उनके विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम 1968 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा सके।