एक तरफ कोरोनावायरस के संक्रमण के फैलाव से तथा रोज हो रही मौतों की खबर से आम लोग परेशान तथा त्रस्त हैं। तो दूसरी तरफ कोविड-19 का इलाज करने ...
एक तरफ कोरोनावायरस के संक्रमण के फैलाव से तथा रोज हो रही मौतों की खबर से आम लोग परेशान तथा त्रस्त हैं। तो दूसरी तरफ कोविड-19 का इलाज करने की जिम्मेदारी संभाल रहे निजी अस्पतालों के प्रबंधकों व स्टाफ का जैसा रवैया है वह भी मरीज तथा उनके परिजनों के परेशानी का सबब बनता जा रहा है। कुछ अस्पतालों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहा है। इनकी शिकायतें बढ़ती जा रही है। आज जिले के कलेक्टर ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों के साथ बैठक ली तथा कोविड-19 के इलाज के लिए अस्पताल में बेहतर व्यवस्था बनाने को कहा है। जिस एक हॉस्पिटल, हाईटेक अस्पताल के खिलाफ इलाज में लापरवाही की अधिक शिकायतें आ रही थी उस अस्पताल पर 7 दिनों का प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दुर्ग।असल बात न्यूज़।
निजी अस्पतालों की आ रही शिकायतों पर कलेक्टर के सख्त निर्देश-कलेक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल प्रबंधकों को बैठक में कहा व्यवस्था बेहतर करें।
- प्रत्येक अस्पताल के लिए नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त, ये रेफेरल और डेड बॉडी मैनेजमेंट तथा मरीजों की शिकायतों पर भी रखेंगे नजर
- कोरोना मरीजों के हाईटेक अस्पताल में इलाज के लिए 7 दिनों का प्रतिबंध
दुर्ग। निजी अस्पतालों के प्रबंधन कि लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज निजी अस्पताल के प्रबंधकों की अहम बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने निजी अस्पताल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिए कि मरीजों के उपचार के मामले में किसी भी तरह की शिकायत आने पाने पर स्वास्थय विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्येक अस्पताल में रिफरल मरीज एवं डेड बॉडी मैनेजमेंट तथा अन्य मामलों में समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। नोडल अधिकारी अस्पताल प्रबंधन के साथ इस संबंध में समन्वय करेंगे ताकि मरीजों को और उनके परिजनों को किसी तरह की दिक्कत ना आए। रिफरल की स्थिति में अस्पताल प्रबंधन नोडल ऑफिसर को जानकारी देंगे। कलेक्टर ने कहा कि गंभीर मरीजों, बुजुर्ग मरीजों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रत्येक हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड पृथक से होंगे। कलेक्टर ने हाइटेक हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 7 दिन का प्रतिबंध भी लगाया है।
उन्होंने कहा कि सारी स्थिति की कड़ाई से मॉनिटरिंग की जा रही है। नोडल अधिकारियों से समन्वय कर सबसे अच्छा इलाज दें।