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गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही बनेगा विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का अग्रणी जिला: जयसिंह अग्रवाल

  गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही असल बात न्यूज़।  प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज ग्राम दानीकुण्डी में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्रशिक्षण सह-क...

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गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही असल बात न्यूज़।


 प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज ग्राम दानीकुण्डी में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्रशिक्षण सह-कार्यशाला में उपस्थित ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नवगठित गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही अब बड़ी तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में जिले का सर्वांगीण विकास हो रहा है। विगत 6 माह में जिले में करोड़ों रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण, शिलान्यास व घोषणाएं की गई है, जिससे यह पता चलता है कि शासन छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल के विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के सबसे अग्रणी जिलों में से एक होगा। प्रभारी मंत्री ने मरवाही बाजार में सुदृढ़ीकरण व सड़क चौड़ीकरण कार्यों के लिए प्रभारी मंत्री मद से 10 लाख रूपए की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय युवाओं एवं महिलाओं को रोजगार से जोड़े जाने हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपील की। उन्होंने नेचर कैम्प के रख-रखाव एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहतर अधोसंरचना निर्माण के लिए अधोसंरचना मद से 50 लाख रूपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने बिलाईगढ़ को राजस्व ग्राम घोषित किया। प्रभारी मंत्री ने लाख प्रसंस्करण केन्द्र, लाख चूड़ी एवं गहना निर्माण इकाई, बांस प्रसंस्करण एवं आगरबत्ती निर्माण इकाई, टमाटर प्रसंस्करण इकाई, सीताफल प्रसंस्करण, ढेकी द्वारा जैविक चावल उत्पादन, सिलाई प्रशिक्षण सह-वस्त्र निर्माण, फैंसिंग पोल एवं गमला निर्माण इकाई से संबंधित प्रसंस्करण संयंत्रों का शुभारंभ किया। 




उल्लेखनीय है कि विविध सुविधा सह मूल्य संवर्धन केन्द्र दानीकुण्डी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की कल्पना एवं प्रेरणा पथ पर चलते हुए उनके मंत्र-स्थानीय संसाधन-स्थानीय तकनीक एवं स्थानीय लोगों को आधार मानकर ग्राम रोजगार के सृजन द्वारा व्यवस्था एवं ग्राम्य जीवन स्तर के उन्नयन करने का सहकारी प्रयास है। इसी कड़ी में मरवाही क्षेत्र की जनता विशेष कर महिलाओं की रूचि को देखकर विविध प्रशिक्षण द्वारा कौशल उन्नयन कर इनकी अजीविका के साधनों का सृजन इस वनांचल से प्राप्त वनोत्पादनों द्वारा ही करने हेतु दानीकुण्डी में विविध सुविधा सह मूल्य संवर्धन केन्द्र की स्थापना की गई है। 


केन्द्र में लाख प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से लाख प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। मरवाही क्षेत्र में नैसर्गिक रूप से वन एवं राजस्व क्षेत्रों में पलाश के वृक्ष विपुल संख्या में प्राप्त होते हैं। यहां अनेक वर्षों से ग्रामीण परम्परागत रूप से लाख पालन एवं संग्रहण करते रहे हैं।  इस सयंत्र के स्थापना से स्थानीय उत्पादों का मूल्य संवर्धन स्थानीय रूप से होगा जिससे ग्रामीणो को सतत रोजगार मिल सकेगा। वन धन केंद्र दानीकुण्डी में निर्माणाधीन भवन का उपयोग भविष्य में आटी इमली से फूल इमली बनाने, महुआ फूल से जीरा निकालने एवं चार गुठली से चिरौंजी निर्माण कर मूल्य संवर्धन किया जायेगा। इस पूरे गतिविधि में लगभग 200 लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा।



  इसी प्रकार टमाटर प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से टमाटर प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। मरवाही क्षेत्र के कटरा, बेलझिरिया, उसाढ़ के इलाकों में प्राकृतिक रुप से अत्यधिक मात्रा में टमाटर उत्पादित होता है, एवं यहां पर स्थानीय कृषक भी इसका उत्पादन बहुतायत में करते है, शीत ऋतु में इनके मूल्य में कमी आती है ऐसे समय में टमाटर का पावडर निर्मित कर इसे बाद में अच्छी कीमत में विक्रय इससे पश्चातवर्ती माह में विक्रय करने में अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है। इससे स्व-सहायता समूह की महिलाओं को स्थायी रोजगार प्राप्त होगा, इसी सयंत्र द्वारा टमाटर पल्प एवं सॉस निर्माण करने के भी योजना है, इसी इकाई में ग्राईण्डर एवं ड्रायर है, जिससे की पलाश के फूल का पावडर जो खाद्य पदार्थों में रंग के रुप में उपयोग होता है साथ ही जामुन बीज के पावडर, धनिया पाउडर, मिर्च पावडर बनाकर आदि बनाकर स्थानीय बाजार में विक्रय कर सकेगें।