कुटेला भाटा मैं तेज गति से निर्मित हो रहै आईआईटी भिलाई के निर्माण कार्य का प्रथम चरण शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।इसका निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर...
कुटेला भाटा मैं तेज गति से निर्मित हो रहै आईआईटी भिलाई के निर्माण कार्य का प्रथम चरण शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।इसका निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।सेंट्रल लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की देखरेख में यह काम चल रहा है। अभी कोरोना संकट के समय में राज्य से बाहर कमाने खाने गए मजदूर बेरोजगार होकर अपने घर लौट आए हैं। ऐसे बेरोजगार स्थानीय मजदूरों को इस निर्माण कार्य में काम देने की कोशिश की जा रही है। इस काम में लगे प्रबंधन के लोगों ने स्थानीय मजदूरों को यहां अधिक काम देने की बात कही है।जिले के कलेक्टर ने आज यहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया तथा काम को और व्यवस्थित करने विभिन्न सुझाव तथा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां निर्माण कार्य से पेड़ कटने से बचाए जा सकते हैं तो उसका ध्यान रखा जाना चाहिए ।
दुर्ग, भिलाई। असल बात न्यूज़।
जुलाई 2022 में पूरा होगा आईआईटी भिलाई का पहला फेस, वाक ओवर वीडियो के माध्यम से कलेक्टर को,सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने डिजाइन की दी डिटेल जानकारियां
कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने निर्माण एजेंसी से कहा, - कार्यों में स्थानीय श्रमिकों को दें अधिकाधिक अवसर
आईआईटी भिलाई के निर्माण का कार्य सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियो की देखरेख में चल रहा है। फेस वन का काम एल एंड टी को सौंपा गया है। यहां कार्य की रफ्तार तथा प्रगति देखने एवं इमारत की तकनीकी बारीकियों के बारे में जानकारी लेने कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे कुटेलाभाटा स्थित आईआईटी कैंपस पहुंचे। सीपीडब्ल्यूडी और एल एंड टी के प्रबंधन ने बताया कि यह 720 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है जिसमें प्रथम चरण में कार्य हो रहा है।
कलेक्टर ने कहा कि इतनी बड़ी अधोसंरचना के निर्माण से बड़े पैमाने पर रोजगार की गुंजाइश होती है। इसमें ज्यादातर, जहां तक संभव हो सके, स्थानीय श्रमिकों को इस कार्य में रोजगार दे प्रदान करे। प्रबंधन ने कहा कि इस संबंध में पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर ही श्रमिक मिल जाएं। प्रबंधक टीम के लोगों ने यह भी बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए विशेष तौर पर कोविड प्रोटोकाल के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। श्रमिकों के लिए आइसोलेशन की सुविधा है। बाहर से आने जाने वाले श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर से लाया जाता है और छोड़ा जाता है।
कलेक्टर ने इस मौके पर कहा कि कैंपस की में डिजाइन में यदि थोड़े फेरबदल के साथ डिजाइन एरिया में आ रहे पेड़ बचाये जा सकते हैं तो इस ओर कुशलता के साथ तकनीकी बदलाव कर इस दिशा में प्रयास जरूर करें ताकि पेड़ भी बचें रहें और बिल्डिंग भी उसी तरह तैयार हो सके। प्रबंधन ने बताया कि फेस वन का काम जुलाई 2022 तक पूरा हो पाएगा। इस दौरान अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई तथा एसडीएम खेमलाल वर्मा भी मौजूद थे।
सीपीडब्ल्यूडी ने कलेक्टर को 3 मिनट का वीडियो दिखाया। यह वाक ओवर वीडियो था। इसमें थ्री डी इमैजिनेशन के साथ दिखाया गया कि किस प्रकार आईआईटी का कैंपस बनने पर आकार लेगा। कुटेलाभाठा और सिरसाखुर्द में 534 एकड़ कैंपस में बन रहे इस आईआईटी में बिल्डअप एरिया एक लाख 42 हजार वर्ग मीटर होगा। इसमें तीन एरिया होंगे, पहला हास्टल एरिया जो 32 प्रतिशत भाग में होगा। रेसीडेंशियल एरिया जो 26 प्रतिशत हिस्से में होगा और तीसरा अकादमिक ब्लाक जिसमें इंजीनियरिंग और साइंटिफिक ब्लाक होंगे, यह 42 प्रतिशत हिस्से में होगा।
*56 मीटर ऊंची आब्जर्वेटरी देगी विशेष पहचान-* वाक ओवर वीडियो में इमारत का सबसे विशेष फीचर भी दिखा। यह 56 मीटर ऊंची आब्जर्वेटरी होगी, इससे कैंपस की विशेष पहचान बनेगी। इमारत की सभी बिल्डिंग कारीडोर से जुड़ी होगी जो स्टील स्ट्रक्चर होगा। शेष बिल्डिंग आरसीसी की होगी। कैंपस की अपनी वाटरबाडी भी होगी, जिसे तैयार किया जा रहा है। प्रमुख इमारतों में लाइब्रेरी के अलावा विजिटर्स हास्टल वगैरह भी होंगे। रेसीडेंशियल क्वार्टस दस स्टोरी बिल्डिंग होंगे। वाक ओवर वीडियो इस आईआईटी गेट से खुलता है और अंदर के आठ किमी सड़क वाले परिसर के डिटेल्स बताता है।
*हरियाली से भरा परिसर होगा आईआईटी भिलाई-* हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह के सोलह सौ पौधे लगाये जाने की योजना है। कलेक्टर ने कहा कि बड़े पौधे लगाएं। गुलमोहर जैसे पौधे लगाएं जो तेजी से बढ़ते हैं।