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छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का नाम ममतामयी मिनीमाता जी के नाम पर रखने की मांग

  पिछले दिनों नया रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य के नए विधानसभा भवन का शिलान्यास भूमि पूजन किया गया। यहां शिलान्यास पत्थर पर अंचल की प्रथम महिला...

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 पिछले दिनों नया रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य के नए विधानसभा भवन का शिलान्यास भूमि पूजन किया गया। यहां शिलान्यास पत्थर पर अंचल की प्रथम महिला सांसद मिनी माता जी का नाम उल्लेखित नहीं किए जाने पर तमाम संगठनो ने आक्रोश जाहिर किया है। डोगरगढ़ क्षेत्र से सतनामी समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र लिखकर नवीन विधानसभा का नाम ममतामयी मिनीमाता जी के ही नाम पर करने की मांग की है।

रायपुर, राजनंदगांव। असल बात न्यूज़।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन के उक्त भूमि पूजन समारोह में मुख्यमंत्री समेत छत्तीसगढ़ राज्य के तमाम मंत्री व अन्य दिग्गज नेता शामिल हुए थे। सतनामी समाज के नेताओं ने कहा है कि ऐसे विकास कार्य के लिए हम सरकार की प्रशंसा एवं खुशी व्यक्त करते हैं । विकास के लिए शुरू किए गए काम  से छत्तीसगढ़ में सर्व समाज में प्रसन्नता है लेकिन खुशी के साथ यह बड़े दुख की बात है कि नवीन विधानसभा के भूमि पूजन बोर्ड पर कही भी मिनीमाता विधानसभा भवन अंकित नहीं किया गया है। 



समाज के नेताओं का कहना है कि इस चूक से छत्तीसगढ़ में सर्व समाज की जनता काफी आहत है और सतनामी समाज में निराशा के साथ-साथ नाराजगी और आक्रोश भड़क रहा है। 

ममतामयी मिनीमाता जी छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद रही हैं तथा वर्ष 1952 से 1971 तक लगातार पांच बार सांसद रही हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ का लोक सभा में कुशल प्रतिनिधित्व  किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम किया तो वही प्रत्येक कमजोर वर्ग के लोगों के सुख-दुख में साथ देने में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व सांसद जगतगुरु अगम दास जी की धर्मपत्नी होने के साथ-साथ वे स्वयं भी एक स्वतंत्रता सेनानी थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण का सपना देखा और आज  जब छत्तीसगढ़ राज्य बन गया है तो उनकी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए हुए जन आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने किसानों को भी न्याय दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिलाने हसदेव बांगो बांध के निर्माण में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी और किसानों  की हजारों एकड़ भूमि उस बांध के बन जाने से आज भी सिंचित हो रही है। ममतामई मिनीमाता जी ने मानव कल्याण, नारी उत्थान, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए लड़ाई लड़ने के साथ निशक्त व अनाथ आश्रम, महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम किया है। उनके सरल सहज व्यक्तित्व और समर्पण तथा सेवा भाव के साथ ममतामयी रूप के कारण ही उन्हें छत्तीसगढ़ की राजमाता भी कहा जाता है।ऐसे में छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन का नाम ममतामई मिनीमाता जी के नाम पर ही रखा जाना चाहिए।