Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


कोरोना पॉजिटिव मृत शरीर के पास जाने से संभवत सब डरते हैं और ये कोरोना योद्धा उनका करते हैं ससम्मान अंतिम संस्कार, जान जोखिम में फिर भी कर्तव्य का निर्वहन

जिस शव को हाथ नहीं लगाने की बाध्यता, ऐसे शव का कर रहे अंतिम संस्कार,कोरोना योद्धा कोविड-19 के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसके कारण समाज म...

Also Read


जिस शव को हाथ नहीं लगाने की बाध्यता, ऐसे शव का कर रहे अंतिम संस्कार,कोरोना योद्धा

कोविड-19 के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसके कारण समाज में, परिवार में एक भय का वातावरण पैदा हो गया है। संक्रमण फैलने की बात तो दूर है लोग वैसे ही 2 गज की दूरी को अपना रहे हैं। ऐसे में कोई कोरोना संक्रमित हो जाए तो उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा इसकी कल्पना की जा सकती है। वैसे सभी इसी की सलाह दे रहे की कोरोना से लड़ना है संक्रमित से नहीं। किसी की भी पॉजिटिव रिपोर्ट आ जाती है तो उसे सबसे दूर कर दिया जाता है। यहां तक कि अस्पताल में भी उसे कोई देख नहीं पाता है उसे किसी की मुलाकात नहीं हो पाती है। ऐसा करना जायज भी है और इसी के कारण सबसे अधिक दहशत का वातावरण पैदा हुआ है। ऐसा ना किया जाए तो उससे संक्रमण और अधिक फैलने की आशंका पैदा हो जाएगी।ऐसे में किसी संक्रमित की मृत्यु हो जाती है तो उसके साथ क्या होता होगा। परिवार के सदस्यों को मृत शरीर को तो नहीं सौंपा जाता यह तो सब मालूम है। तो फिर उसका अंतिम संस्कार कोरोना वारियर्स करते हैं। अंतिम संस्कार के लिए भी शासन-प्रशासन की गाइडलाइन निर्धारित है। मृत शरीर को खुले हाथों से छूने की मनाही है। ऐसे में कोरोना संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार कैसे किया जाता होगा? इसको सोच कर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं


रिसाली /दुर्ग। असल बात न्यूज़


कोरोना पाॅजिटिव हो जाने पर संक्रमित व्यक्ति न केवल समाज से दूर हो जाता  है, बल्कि परिजन, रिश्तेदारों से भी एक दूरी बन जाती है। एक अनहोनी की आशंका के साथ भय का वातावरण पैदा हो जाता है। सबसे भयावह स्थिति  तब हो जाती है जब कोरोना से किसी व्यक्ति की मौत हो जाए। एहतियात के तौर पर पीड़ित परिवार को शव के नजदीक नहीं आने दिया जाता। ऐसे समय पर नगर पालिक निगम के कोरोना योद्धा संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार करने में पीछे नहीं हटते। 

नगर पालिक निगम रिसाली के स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षक बृजेन्द्र परिहार के नेतृत्व में गठित टीम मेघनाथ कुर्रे, मंगल सिंह सेन, जागेश्वर प्रसाद देशमुख, रैन सिंह व गौतरिहा पटेल इन दिनों ऐसे शव का अंतिम संस्कार कर रहे है, जिनकी मृत्यु कोरोना से हुई है। सुपरवाइजर मेघनाथ कुर्रे का कहना है कि मृत्यु की सूचना मिलते ही वे बिना समय देखे सीधे शव लेकर मुक्तिधाम पहुंच जाते है। जहां मृतक के अपनों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार करते है। इस नेक कार्य करने वाले टीम के सदस्यों का कहना है कि शुरूआत में वे काफी डरे हुए थे, लेकिन अपर कलेक्टर व निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे व नोडल अधिकारी रमाकांत साहू ने हौसला बढ़ाते हुए सुरक्षा के उपायों को बताया। तब से मनोबल बढ़ा और इस कार्य को कर्तव्य समझने लगे। सफाई मित्र का कहना है कि कईबार विषम परिस्थिति निर्मित हो जाती है। परिजन मृतक का चेहरा देखने विवाद करने लगते है। ऐसे समय में परिजनों को समझाना मुश्किल हो जाता है। फिर भी वे सयंम से काम करते है।




सुरक्षा पर विशेष ध्यान

स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षक बृजेन्द्र परिहार ने बताया कि टीम में शामिल सुपरवाइजर व स्वास्थ्य मित्र की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा हैं। अंतिम संस्कार प्रक्रिया के बाद सुरक्षा मित्रों के पहने हुए पीपीई कीट को तत्काल मुक्तिधाम में नष्ट किया जाता है। वहीं पहने हुए कपड़ों को तत्काल गर्म पानी में डुबाने के बाद सेनेटाइज किया जाता है। इसके बाद साफ सुथरा कपड़ा पहनकर कार्यालय के लिए रवाना होते है। इसके अलावा निगम के अन्य कर्मचारी पूरे मुक्तिधाम को सेनेटाइज करते है।


आयुक्त कर चुके हैं सम्मानित

कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य कर रहे सफाई मित्रों का सम्मान 15 अगस्त को निगम के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे कर चुके है। कोरोना योद्धाओं को प्रमाण पत्र व उपहार देकर सम्मानित करते उनका मनोबल बढ़ाया।


अब तक सात मृतकों का अंतिम संस्कार

रिसाली निगम क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की सूची लंबी हो चुकी है। वहीं रूआबांधा, डुंडेरा, मैत्रीकुंज, आम्रपाली, प्रगतिनगर व स्टेशन मरोदा क्षेत्र के 7 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है। जिनका अंतिम संस्कार कोरोना योद्धाओं ने रिसाली बस्ती के मुक्तिधाम में किया है।


         .    रिसाली ब्यूरो, असल बात न्यूज़