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कोरोना से तीसरी मौत के बाद फूट पड़ा कर्मचारियों का गुस्सा, काम बंद करने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन

इंद्रावती भवन में कोरोना से तीसरी मौत को लेकर कर्मचारियों में फूटा गुस्सा कार्यालय बंद करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन   रायपुर। असल बा...

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इंद्रावती भवन में कोरोना से तीसरी मौत को लेकर कर्मचारियों में फूटा गुस्सा

कार्यालय बंद करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन 

रायपुर। असल बात न्यूज़।

  छत्तीसगढ़ में ना तो कोरोना मरीजों की संख्या कम हो रही है और ना ही मौत का सिलसिला थम रहा है। रायपुर के इंद्रावती भवन में भी कोरोना से तीसरी मौत हो गयी है। इंद्रावती भवन में कोरोना से हुई मौत के बाद कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा है। विभागाध्यक्ष कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में  कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इंद्रावती भवन में  दोपहर उग्र प्रदर्शन किया।


संयुक्त कर्मचारी संघ के



अध्यक्ष अमोद श्रीवास्तव ने सभा को संबोधित करते हुए कहां कि इंद्रावती में संक्रमण फैलाने के लिए भवन में पदस्थ कई विभाग प्रमुख  जिम्मेदार है।शासन ने स्पष्ट आदेश जारी कर 33 प्रतिशत कर्मचारियों से कार्यालय संचालित करने निर्देश जारी किए थे , लेकिन इन अधिकारियों ने उक्त आदेश का पालन नहीं करते हुए तानाशाही रवैया अपनाते हुए 80 से 100 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय बुलाया। जिसके कारण बसों में भीड़ बढ़ने से संक्रमण तेजी से फैल गया। विभागाध्यक्ष कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर ने कहां कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के लिए शासन को लगातार अवगत करने के बाद भी स्थिति की गंभीरता से नहीं लिया। शासन से कई माह से नोडल अधिकारी नियुक्त करने की मांग की जाती रही लेकिन सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाया। इंद्रावती भवन के साथ भेदभाव किए जाने को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया।उन्होंने पुनः शासन से स्थिति को काबू करने ठोस रणनीति बनाने की मांग की।

प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहां कि सभी विभाग प्रमुख को शासन के निर्देश का पालन करने अनुरोध किया।उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहां कि इंद्रावती भवन के समस्त विभागाध्यक्ष कर्मचारियों की उपस्थिति  शासन के आदेश अनुसार नहीं करेगा तो संयुक्त मोर्चा हल्ला बोल कार्यक्रम आयोजित कर शासन के आदेश को पालन कराने मजबूर करेगा।उन्होंने कलेक्टर रायपुर के आदेश 20/8 की कंडिका 5 का हवाला देते हुए इंद्रावती भवन  को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए जोरदार वकालत किया।वर्मा ने शासन द्वारा जारी उस वक्तव्य का जोरदार खंडन किया जिसमें कंटेनमेंट जोन सिर्फ रिहासी क्षेत्र में लागू होता है।उन्होंने कहां की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 में कहीं भी कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए रिहासी या गैर रिहासी का उल्लेख है। अपने उद्दबोधन में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आगाह करते हुए कहां कि इस महामारी कोरोना  वायरस का इलाज अभी विश्व में नहीं है इसलिए आत्म सुरक्षा के लिए सभी कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर एवं सोशल दूरी का पालन करना होगा। शासकीय कार्योंलय बार बार बंद कराना भी स्थाई समाधान नहीं है।सभी शासकीय सेवकों को उनके कारण आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो , उसका भी ध्यान हमें देना होगा।सभा का संचालन पुरूषोत्तम पमनानी ने किया।इस दौरान भारी संख्या में विभिन्न विभागों के अधिकारी - कर्मचारी मौजूद थे।  

मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल नव नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ सी आर प्रसन्ना से मिलकर इंद्रावती भवन में व्याप्त विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया।साथ ही मोर्चा ने कोरोना  के बढ़ते संख्या से अवगत कराते हुए तत्काल कंटेनमेंट जोन घोषित कर इंद्रावती भवन को 17 दिन बंद  कराने शासन से पहल करने की मांग की गई। उन्होंने  प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक सहयोग करने आश्वासन दिया।