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गोबर की कमाई से दाना और हरे चारे का खर्च निकल रहा है, नई भैंस भी खरीदी

भिलाई। असल बात न्यूज़।   छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना नगर पालिक निगम क्षेत्र के पशुपालकों के लिए लाभदायी साबित हो रही है। पशुपालक इस ...

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भिलाई। असल बात न्यूज़।


 छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना नगर पालिक निगम क्षेत्र के पशुपालकों के लिए लाभदायी साबित हो रही है। पशुपालक इस योजना से जुड़कर अपने डेयरी व्यावसाय को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। शहर में ऐसे कई पशुपालक हैं, जो पहले गोबर को इधर उधर फेंक देते थे। वे अब गोबर को फेंकने के बजाय हर दिन 800-900 रुपए तक कमाई कर रहे हैं। इस कमाई से पशुपालक मवेशियों के लिए दाना और हरा चारे का खर्च निकाल रहे हैं। कुछ पशुपालकों ने तो गोधन से होने वाली आय से भैंसी खरीदा है ताकि दूध विक्रय कर और अर्जित की जा सके। वार्ड-3 कोसा नगर निवासी होरीलाल यादव बताते है कि वह काफी लंबे समय से डेयरी का व्यावसाय कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए हमेशा 17-18 मवेशियों के गोबर का निष्पादन चुनौती रही है। खाद बनाने के लिए डेयरी में अंदर एकत्र करते थे जितनी जगह खाद बनाने के लिए है वह भी उपयुक्त नहीं है। अधिक मात्रा में गोबर होने से इधर उधर फेंक देते थे। अब सरकार की गोधन योजना से इसी गोबर से उन्हें 700-800 रुपए की कमाई हो रही है।



 पिछले महीने लगभग 15000 हजार रुपए का गोबर बिका। उससे होने वाली कमाई को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 1 लाख की कीमत से एक भैंसीसे है। शेष राशि को वह किस्तों में भुगतान करेगा। इसी तरह यादव मोहल्ला निवासी पंचराम यादव ने भी गोधन से होने वाली आय को ध्यान में रखते हुए 80000 रुपए की भैंसी प्राप्ति है इसके लिए उन्होंने 30000 रुपए अदा किए हैं और शेष उसस्तों में जमा करेंगे। पंचराम यादव का कहना है कि उनके पास गाय भैंस सहित 18 मवेशी है। वह हर दिन औसत 4 क्विनटल तक गोबर के हैं। इससे मिलने वाली राशि को वह वहस्तों में व्यापारी को देगा।

ललिता यादव ने चुकाई उधारी की राशि खुर्सीपार निवासी ललिता यादव और उनके बेटे दिगम यादव ने बताया कि अब तक 8100 किलोग्राम गोबर ने गोबरसहन केंद्र में बेच दिया है और इसे प्राप्त होने वाली 16200 की राशि के लिए पुरानी किंवदंतियां है! कुरूद गड़रिया पारा के निवासी चैन सिंह यादव गोबर बिक्री से होने वाली आय से बीमा कंपनी की किस्त जमा कर रहे हैं।