एजुकेशन हब, अविभाजित मध्यप्रदेश में अपनी अलग पहचान -शान बनाए रखने वाली औद्योगिक नगरी भिलाई में पिछले कुछ वर्षों से डेंगू,, पीलिया, हैजा, जैस...
एजुकेशन हब, अविभाजित मध्यप्रदेश में अपनी अलग पहचान -शान बनाए रखने वाली औद्योगिक नगरी भिलाई में पिछले कुछ वर्षों से डेंगू,, पीलिया, हैजा, जैसी संक्रामक बीमारियों से भी बहुत लोगों की जान गई है। जिस शहर, को स्वच्छता, साफ सफाई के लिए जाना पहचाना जाता रहा है वहां ऐसी संक्रामक बीमारियों से लोगों की मौतें होने लगी।लोगों की माने तो इसका खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है।निगम प्रशासन की व्यवस्था अपने ढर्रे पर चल रही है। साफ सफाई व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे है।कहां जाता है कि निगम का सबसे अधिक बजट इसी विभाग को मिल रहा है लेकिन यहां बहुत सारे काम सिर्फ ठेकेदारों के भरोसे होकर रह गए हैं। कचरा उठाने और ढोने के नाम पर बहुत सारी जेसीबी और ट्रक के चल रही हैं जिनके पीछे भी बहुत राशि खर्च हो जाती है। कीटनाशक दवाइयां कब खरीदी आती हैं, कहां छिड़काव किया जाता है, कब खत्म हो जाती हैं आम लोगों को इसका पता कभी नहीं चलता है। ऐसे हालात में जिले के कलेक्टर ने यहां की श्रमिक बस्ती शारदा पारा इलाके का दौरा किया।
दुर्ग। असल बात न्यूज़।
कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी द्वारा डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम से संबंधित गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए जा रहे हैं। आज उन्होंने इस बाबत भिलाई के प्रगति नगर और शारदा पारा में डेंगू नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कूलर भी चेक किये और जल जमाव न होने देने की सतर्कता के संबंध में लोगों को कहा। उन्होंने लोगों से टेमिफॉस के वितरण, फोगिंग आदि की जानकारी भी ली।।
नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम के तहत निगम की टीम द्वारा लगातार टेमीफास् का वितरण किया जा रहा है, डेंगू बीमारी से बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं! निगम क्षेत्रों में स्वच्छता के विशेष गैंग के माध्यम से नाली सफाई, कचरा सफाई, फागिंग, घर-घर कूलर एवं विभिन्न पात्रों की जांच, टेमीफास् के उपयोग के तरीके तथा बुखार आदि की जानकारी प्राप्त करने का कार्य किया जा रहा है। डेंगू प्रभावित क्षेत्र में निगम की विशेष गैंग लगाई गई है!
*टेमीफास् का वितरण कर बताए जा रहे हैं उपयोग के तरीके* डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए घरों में टेमीफास् का वितरण निगम द्वारा किया जा रहा है साथ ही उपयोग के तरीके बताए जा रहे हैं और बच्चों से इसे दूर रखने कहा जा रहा है।
*जन जागरूकता के तहत प्रचार-प्रसार* डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए पंपलेट चस्पा के साथ ही वितरण भी किया जा रहा है और अन्य माध्यम से डेंगू से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं! अब तक 25000 से अधिक पंपलेट का वितरण किया जा चुका है। निगम के विभिन्न क्षेत्रों में फागिंग का कार्य किया जा रहा है । स्प्रे कार्य के लिए अतिरिक्त स्वच्छता कर्मचारी लगाए गए हैं, इसके साथ ही मच्छरों को नष्ट करने के लिए नालियों के समीप एवं झाड़ी के पास स्प्रे कर रहे हैं। स्वच्छता कर्मचारी सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए नाली एवं गंदगी सफाई का कार्य करते हुए सफाई के पश्चात चूना एवं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर रहे है।
*जलजमाव वाले पात्रों की जांच* निगम की टीम घर-घर जाकर कूलर, पात्रों, छत में रखे गमले, टंकी इत्यादि का निरीक्षण कर रहे हैं, जमे पानी में डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमीफास् का उपयोग किया जा रहा है। डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण के तहत किए जाने वाले कार्यों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में एकत्रित की जा रही है। जिसमें निरीक्षण किए गए पात्रों, टंकियों आदि की संख्या, मच्छर के लार्वा मिलने वाले स्थानों की संख्या, घर में बुखार मरीज की संख्या, फ्रिज के पीछे के ट्रे का निरीक्षण, मच्छरदानी का उपयोग किया जा रहा है अथवा नहीं, कचरा डस्टबिन में ही डाला गया है की संख्या, कूलर का पानी कब बदला गया तथा आवश्यकतानुसार टेमीफास् का उपयोग, छत का निरीक्षण एवं मितानिन द्वारा किए गए भेंट की जानकारी, परिवार के सदस्यों की संख्या एवं मुखिया का नाम सहित अन्य आवश्यक जानकारी रखी जा रही है।