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परियोजना स्तरीय वेबिनार में कुपोषण व एनीमिया पर विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार

  दुर्ग । असल बात न्यूज़। वैश्विक महामारी कोविड -19 संक्रमण  को ध्यान में रखते हुए पोषण अभियान के तहत राष्ट्रीय पोषण माह 2020 के दौरान प्रमु...

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दुर्ग । असल बात न्यूज़।

वैश्विक महामारी कोविड -19 संक्रमण  को ध्यान में रखते हुए पोषण अभियान के तहत राष्ट्रीय पोषण माह 2020 के दौरान प्रमुख रूप से तीन उद्देश्यों जिसमे बच्चे के जीवन के 1000 दिवस , गंभीर कुपोषण का चिन्हांकन और जनभागीदारी से पोषण वाटिका निर्माण विषयो पर द  एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण में वेबिनार का आयोजन किया गया । वेबिनार के संयोजक अजय कुमार साहू परियोजना अधिकारी दुर्ग ग्रामीण  ने बताया कि बच्चे का 5 वर्ष सबसे महत्वपूर्ण होता है यदि इस समय उचित देखभाल और खानपान पर पालक ध्यान देते है तो बच्चे कुपोषण से मुक्त रहते है ।परियोजना दुर्ग ग्रामीण में वर्ष 2018 में कुपोषण 16 प्रतिशत वही आज की स्थिति में  मात्र  8 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से बचे है । जिसे दूर करने के लिए विभाग पूरा प्रयास कर रहा है ।



जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन, महिला एवं बाल विकास विभाग ने वेबिनार के माध्यम से बताया कि  मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में विभागीय अमलों के बेहतर प्रयासों से जिले में कुपोषण में कमी आई है ।साथ कुपोषण और एनीमिया को दूर करने के लिए 6 माह से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चो को सूखा राशन , चिक्की एवं एनिमिक धात्री माताओं को योजना के तहत लाभान्वित करने व जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रेरित किया ।कृषि विज्ञान केन्द्र अंजोरा की वैज्ञानिक डॉ निशा शर्मा ने वर्तमान में पोषण वाटिका की आवश्यकता पर बल दिया गया।साथ ही भाजियों के ज्यादा से ज्यादा भोजन में उपयोग करने पर बल दिया गया।मुनगा का  पौधा कुपोषण और एनीमिया को दूर करने में किस प्रकार सहायक है, इस विषय पर विस्तृत रूप से बताया गया।

डॉ अल्का द्विवेदी एनीमिया के कारण, लक्षण, और प्रकार एवं उपायों पर चर्चा की गई।आयरन फोलिक एसिड की गोलियों की उपयोगिता को समझाया गया।गर्भवती महिलाओं में एनीमिया से होने वाले नुकसान और उपायों पर जानकारी दी गई।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ दिव्या श्रीवास्तव ने नवजात शिशुओं को तुरंत स्तनपान, सिर्फ स्तनपान और सतत स्तनपान बढ़ावा देने के बारे में समझाया गया,इससे माँ और बच्चे को होने वाले लाभ को बताया गया।

घरेलू और सुलभ उपलब्ध खाद्य सामग्री का उपयोग करके बच्चों को कैसे सुपोषित किया जा सकता है, इस पर चर्चा की गई।

बच्चों को कुरकुरे और चिप्स से होने वाले नुकसान को बताया गया, विकल्प के रूप में, घर में ही आलू के लम्बे और पतले टुकड़ो को काटकर डीप फ्राई कर ऊपर से जीरा और नमक छिड़ककर खिलाने की सलाह दी गई।

वेबिनार में परियोजना दुर्ग ग्रामीण की समस्त सेक्टर पर्यवेक्षक, सरपंच ,पंच व अन्य जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, महिला पुलिस स्वयं सेविका ,मितानीन, कुपोषित बच्चों के पालक, शिशुवती और गर्भवती शमिल गई।परियोजना स्तरीय वेबिनार में कुल 72 ग्रामपंचायत के  लगभग 520 लोगो ने श्रवण किया ।