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वरिष्ठ कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से खास बातचीत,केंद्र कहता है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से एक रुपए भी अधिक मत दो, और हमारी ज़िद है कि जो वादा किया है धान की कीमत 2500 से एक रुपए कम नहीं होने देंगे

  केंद्र कहता है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से एक रुपए भी अधिक मत दो, और हमारी ज़िद है कि जो वादा किया है धान की कीमत 2500 से एक रुपए कम नहीं ह...

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 केंद्र कहता है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से एक रुपए भी अधिक मत दो, और हमारी ज़िद है कि जो वादा किया है धान की कीमत 2500 से एक रुपए कम नहीं होने देंगे


वरिष्ठ कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से  खास बातचीत

0 अपने किसानों का धान खरीदने में देरी का कोई सवाल नहीं उठता
0 केंद्र सरकार के काले कानून के खिलाफ पूरा किसान वर्ग नाराज
0 कोरोना के संकट की वजह से बारदाना की कमी
0 किसान, प्रदेश सरकार की ताकत हैं।



रायपुर, दुर्ग। Asal Baat news

छत्तीसगढ़ राज्य के वरिष्ठ मंत्री कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि राज्य सरकार इस साल भी किसानों का धान  25 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार के लोग कहते हैं कि समर्थन मूल्य से एक रुपए भी अधिक दर पर धान खरीदी नहीं होनी चाहिए और हम कहते हैं कि किसानों के हित में 2500 रुपए प्रति क्विंटल से नीचे दर् पर धान की खरीदी नहीं करेंगे। उन्होंने  कहा कि बारदाने की कमी की वजह से धान खरीदने में अपेक्षाकृत देरी हुई है। लेकिन हम अपने किसानों को धान खरीदेंगे उस में देरी करने का कोई सवाल नहीं उठता।

कृषि मंत्री श्री चौबे ने Asal Baat news से विशेष बातचीत करते हुए ये बातें कहीं। छत्तीसगढ़ राज्य में अभी किसानों के तमाम मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों के बीच घमासान मचा हुआ है और पक्ष विपक्ष के द्वारा एक दूसरे पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के द्वारा कृषि   सुधार संशोधन विधेयक लाए जाने के बाद यह घमासान और तेज हो गया है। बात यहां तक पहुंच गई है कि राज्य सरकार कृषि सुधार संशोधन पर छत्तीसगढ़ में अलग से विधेयक लाने की तैयारी कर रही हैं और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है। राज्य में इस साल धान की खरीदी कब से शुरु हो जाएगी? राजीव किसान या योजना का बकाया पैसा किसानों को कब तक मिल जाएगा? और इस साल धान की खरीदी केंद्र पर की जाएगी? के जैसे तमाम मुद्दों पर हमने उनसे बातचीत की। वॉइस मंत्री श्री चौबे ने इसका जवाब बड़ी बेबाकी से दिया और उन्होंने कहा कि वे लोग नहीं चाहते कि किसानों का धान अधिक दाम पर खरीदा जाए और हमारी सरकार हम सब प्रयास कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के किसानों का धान इस साल भी 2500 से एक रुपए कम मैं भी ना बेचना पड़े।




कृषि मंत्री श्री चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में इस साल धान की खरीदी के बारे में तमाम अतिथियों का परीक्षण करने के लिए मंत्रिमंडल की उपसमिति गठित की गई है। यह समिति विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय देगी। इसके अनुसार धान खरीदी का निर्णय लिया जाएगा। इस साल बारिश अच्छी हुई है। खेतों में धान की फसल लहलहा रही है। इस साल धान की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ी किसानों ने बहुत मेहनत की है। ईश्वर ने भी हमारे किसानों का साथ  दिया है। राज्य सरकार ने किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज तथा कृषि ऋण उपलब्ध कराया है। इससे किसानों का धान की फसल लेने  के प्रति उत्साह बढ़ा है।

बारदाने की कमी से दिक्कत

मंत्री श्री चौबे ने बताया कि इस साल बारदाना की कमी है। धान की खरीदी में बारदाना की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। धान की खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ को 14 लाख गठान बारदानो की जरूरत पड़ती है। हम केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध कराने के लिए लगातार पत्र व्यवहार कर रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से लंबे समय तक जुट मिले बंद रही हैं। इस वजह से जुट के बोरों का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं हुआ है। ऐसे में छत्तीसगढ़ को भी पर्याप्त मात्रा में बारदाना नहीं मिल रहा है। यह पूछे जाने पर कि बारदाना की कमी की वजह से धान की खरीदी में इस साल देरी होगी ? उन्होंने कहा कि अपने किसानों को धान खरीदने में देरी करने का कोई सवाल नहीं उठता। हम प्लास्टिक के बोरे भी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। पीडीएस का बारदाना भी संग्रहित कर रहे हैं। जगह-जगह से पुराने बारदानो का मंगाया जा रहा है। प्लास्टिक के जितने बारदानों की जरूरत पड़ेगी उसे उपलब्ध कराने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया जा रहा है। ऐसे में बारदानों की कमी की वजह से धान की खरीदी में देरी नहीं होगी।
 इस सवाल पर कि धान खरीदी में देरी होगी तो किसानों में आक्रोश नहीं भड़केगा, नाराजगी नहीं बढ़ेगी उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के काले कानून के खिलाफ पूरे देश के किसान नाराज हैं।आम जनता को समझ में आ गया है कि केंद्र सरकार काला कानून बनाकर छत्तीसगढ़ के किसानों से कृषि को छीनना  चाहती है।केंद्र सरकार पूंजीपतियों और बड़े कारपोरेट घरानों के पक्ष में कृषि कानून बना रही है। हम अपने किसानों के पक्ष में कानून बनाने विधानसभा का सत्र बुला रहे हैं। किसान हमारे सरकार की ताकत  हैं। राज्य के संपूर्ण किसान इस समय हमारे नेता भूपेश बघेल जी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के साथ हैं। ऐसे में  किसानों की नाराजगी का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने किसानों को धान न्यूनतम समर्थन मूल्य अट्ठारह सौ 15 रुपए पर ही खरीदने को कहा था। और इस साल अट्ठारह सौ 60 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदने को कह रहे हैं। हम किसानों के हित में 2500  रू प्रति क्विंटल से  एक रुपए भी कम  नहीं होने देंगे। केंद्र कहता है ज्यादा मत दो हम कहते हैं कि कम नहीं होने देंगे। किसानों के हित में इस लड़ाई में जीत हमारी होगी। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के कल्याण के लिए ढेर सारे कदम उठा रही है और किसानों को आर्थिक रूप से कहीं भी कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।