सेक्टर 9 अस्पताल के सामने मांग की तख्तियां लेकर किया प्रदर्शन भिलाई। असल बात न्यूज़। सार्वभौमिक सुलभ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की मांग को लेक...
सेक्टर 9 अस्पताल के सामने मांग की तख्तियां लेकर किया प्रदर्शन
भिलाई। असल बात न्यूज़।
सार्वभौमिक सुलभ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की मांग को लेकर हिंदुस्तान स्टील एंप्लाइज यूनियन सीटू के आह्वान पर गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को बड़ी संख्या में कर्मियों ने अपने परिवार के साथ सेक्टर 9 अस्पताल के समक्ष सामाजिक दूरी बरकरार रखते हुए प्रदर्शन किया ।
अन्य उद्योग के कर्मियों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया
प्रदर्शन का आह्वान सीटू ने किया किंतु इसमें बड़ी संख्या में स्थायी इस्पात कर्मियों के अलावा दवा प्रतिनिधि संघ के साथियों, सेवानिवृत्त साथियों, एसएफआई, डीवाईएफआई के साथियों ने भी हिस्सेदारी की ।
सेक्टर 9 अस्पताल की पुरानी साख कायम हो
प्रदर्शन में इस्पात कर्मियों के अलावा अन्य उद्योग के कर्मियों के शामिल होने के पीछे कारण यह है कि आज भी लोगों को सेक्टर-9 अस्पताल पर ही भरोसा है, किंतु इसे धीरे-धीरे निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है ।
प्रबंधन के अलावा केन्द्र सरकार के नाम सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शन के पश्चात यूनियन द्वारा प्रबंधन तथा सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया। यूनियन का मानना है कि प्रबंधन धीरे-धीरे स्वास्थ्य सेवाओं से मुक्त होकर कर्मियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी के नाम पर रेफरल प्रणाली को पूरी तरह लागू करना चाहती है।
सेक्टर 9 अस्पताल का विकल्प निजी नर्सिंग होम नहीं है
विगत कुछ वर्षों में विशेषकर पिछले एक माह में यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है कि सेक्टर 9 अस्पताल का विकल्प निजी अस्पताल नहीं हो सकता है। पिछले 1 माह के दौरान कई ऐसे कर्मी है, जिन्होंने बेहतर इलाज के लिए निजी अस्पतालों में रेफर करने की आग्रह किया किंतु रेफरल अस्पतालों की स्थिति बहुत खराब इसका उन्होंने अनुभव किया है।
महंगी ब्रांड और सस्ती ब्रांड के बीच का अंतर 25% से अधिक नहीं होना चाहिए। इन सूचीबद्ध दवाओं में जीवन रक्षक दवाइयां शामिल थी किंतु इस सरकार ने कई जीवन रक्षक दवाओं को सूचीबद्ध दवाओं की श्रेणी से निकाल दिया और दवा कारोबारियों को मुनाफा कमाने की खुली छूट दे दी है ।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा में बजट का 3% खर्चा करना होगा।
यूनियन का मानना है कि जनता को स्वास्थ्य उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है इसलिए प्रत्येक सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं पर अपने बजट की कम से कम 3% राशि खर्च करनी चाहिए |
सार्वजनिक दवा निर्माण उपक्रमों में निवेश कर पुनर्जीवित किया जाए
योजना आयोग भंग कर निति आयोग बनाने के साथ ही सरकार ने जिन 22 सार्वजनिक रणनीतिक बिक्री के लिए चिन्हित किया है उनमें से चार दवा निर्माता उपक्रम है | इसके अलावा हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक एवं बंगाल केमिकल जैसे सार्वजनिक उपक्रम है जो पुनरुद्धार के लिए उचित निवेश नहीं होने एवं सरकार द्वारा भेदभाव नीति अपनाए जाने से उपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहें है | ज्ञात हो कि बंगाल केमिकल्स कोरोना के लिए उपयोग की जाने वाली मलेरिया के उपचार की दवा हाड्रोक्वीन दवा बनाने वाली एकमात्र कंपनी है जिसे दवा बनाने के लिएआर्डर ना देकर चीन से आयात करने वाली एक निजी कंपनी को आर्डर दिया|
सभा के अंत में सितबर माह से अभी तक जिन कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों की कोरोना से मौत हुयी है एवं हाथरस में मनीषा की बर्बरतापूर्वक मौत के प्रति सभी ने दो मिनट मौन धारण कर श्रद्धांजली दी |