दुर्ग जिले ही नहीं प्रदेश के लोगों की नजर अभी पाटन विधानसभा क्षेत्र के पुराने धान खरीदी केंद्र मंडी प्रांगण धरना स्थल की ओर लगी हुई है, कि...
दुर्ग जिले ही नहीं प्रदेश के लोगों की नजर अभी पाटन विधानसभा क्षेत्र के पुराने धान खरीदी केंद्र मंडी प्रांगण धरना स्थल की ओर लगी हुई है, कि वहां आगे क्या होने वाला है? क्या निर्णय लिया जाने वाला है? बताया जाता है कि बीती रात कष्ट भरी रही। आमरण अनशन, धरने पर बैठे सांसद सहित दूसरे प्रदर्शनकारियों को मच्छरों ने रात भर सोने नहीं दिया। एक दिन पहले मच्छरों की संख्या कम थी। पहले दिन के तड़के से मच्छरों की भरमार होने लगी है। कष्ट बढा है, लेकिन आमरण अनशन के टूटने की फिलहाल कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
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पाटन,,रायपुर, दुर्ग। असल बात न्यूज़।
दारू दुकान बंद कराने के प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की नि शर्त रिहाई सहित विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल के आंदोलन को प्रदेश व्यापी समर्थन मिलता नजर आ रहा है। इस आंदोलन के साथ प्रदेश में अब पूर्ण शराबबंदी की मांग भी यहां से तेज होती जा रही है। जो भी वक्ता बोल रहे हैं जिनमें महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल है सभी अपने संबोधन में प्रदेश सरकार से पूर्ण शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। इस तरह से आंदोलन एक बड़ा प्रदेश व्यापी मुद्दा भी जुड़ता दिख रहा है। असल में छत्तीसगढ़ में विपक्ष ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर प्रदेश सरकार को बार-बार घेरने की कोशिश की है। सरकार के बार-बार आश्वासन के चलते तथा इस मुद्दे पर राय देने के लिए एक समिति बना देने के बाद यह मुद्दा अभी ठंडा पड़ा हुआ है।
जब यहां पाटन में आंदोलन शुरू हुआ है तो ज्यादातर वक्ताओं ने यहां अपने संबोधन में शराबबंदी के मुद्दे पर ही सरकार को घेरने की कोशिश की है। रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुनील सोनी ने भी अपने संबोधन में आरोप लगाया कि उनके लोकसभा क्षेत्र में lockdown की अवधि में भी कुछ बड़े लोगों के संरक्षण में पंजाब से लाकर अवैध रूप से दारू जमा की गई और उसे 10 गुना से अधिक दाम में बेचा गया।जब ऐसे आरोप प्रदेश सरकार पर यहां जिम्मेदारी के साथ लगाए जा रहे हैं तो उसे, सब कोई अन्यथा ही लेंगे, ऐसा कहना मुश्किल है। दूसरे तमाम वक्ताओं के द्वारा प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया गया है कि प्रदेश में पिछले एक साल में अवैध दारू बिक्री तथा ड्रग्स का कारोबार चारों तरफ फैल गया है और अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। माफिया के लोग, अपराधिक तत्व हर जगह अवैध दारू तथा ड्रग्स का धंधा फैला रहे हैं। इस धरना स्थल पर आकर गांव गांव की महिलाएं भी प्रदेश सरकार पर यही आरोप लगा रही हैं। राजनीतिक विश्लेषक वक्ताओं के आरोपों तथा मुद्दों मैं नए समीकरण क्लास रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि एक प्रदेश व्यापी मुद्दा भी इस आंदोलन से सीधे जुड़ता जा रहा है ।
दूसरे स्थानों से आकर यहां भाषण देने वाले कार्यकर्ता भी अपने क्षेत्र में हो रही अवैध दारू की बिक्री, दारू माफियाओं की करतूतों तथा उनके कारण बढ़ रहे अपराधों को गिना रहे हैं और राज्य सरकार को कोस रहे हैं। शायद ही ऐसा कोई कार्यकर्ता वक्ता रहा होगा जिसने अपने संबोधन में दारू माफिया के अपराधिक कृतयों, अवैध रूप से दारू बिक्री को सत्ता में बैठे लोगों का संरक्षण, आपराधिक तत्वों के बढ़ते हौसले से आम लोगों को हो रही परेशानियों का उल्लेख नहीं किया होगा।
राजधानी रायपुर से सांसद सुनील सोनी तथा जिला पंचायत रायपुर के पूर्व अध्यक्ष अशोक बजाज के कल यहां पहुंचकर धरने में शामिल होने तथा आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने के बाद से यहां प्रदर्शनकारियों का उत्साह बढ़ा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश भार के विभिन्न स्थानों से भाजपा के ढेर सारे नेताओं का यहां आगमन होने वाला है। कल ही कई सारे नेता आने वाले थे। परंतु उस दिन मरवाही विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिले का काम निपटाने की व्यस्तता थी जिसकी वजह से ढेर सारे नेता कल यहां नहीं पहुंच सके। यह भी बताया गया है कि भाजपा के ढेर सारे नेताओं ने विभिन्न संचार माध्यमों के जरिए आमरण अनशन पर बैठे सांसद विजय बघेल से बातचीत की है तथा उनके आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की बात कही है। दुर्ग तथा बेमेतरा जिला के विभिन्न जनपद पंचायत विकासखंड क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आकर कार्यकर्ता धरने में शामिल हो रहे हैं।
पिछले 45 घंटों से सिर्फ पानी पर निर्भर सांसद विजय बघेल के स्वास्थ्य का स्थानीय चिकित्सकों की टीम ने परीक्षण किया है। जिसमें उनका बीपी शुगर सामान्य पाए जाने की जानकारी मिली है। यह जांच कल रात के पहले भी की गई थी। तब भी रिपोर्ट सामान्य आई थी। सांसद विजय बघेल ने कहा है कि उनका आमरण अनशन अनवरत जारी रहेगा। उन्हें कोई डिगा नहीं सकता। शासन-प्रशासन के लोगों ने कल उनसे कोई बातचीत नहीं की है। इस पर उन्होंने कहा कि वे लोग ना आए, उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वे अनशन पर बैठे रहेंगे।
रात जैसे-जैसे गहराती गई, नींद आंखों को घेरने लगी वक्त कष्टकारी होने लगा। मच्छरों का आतंक बढना शुरू हो गया। धरना स्थल पर हल्का उमस भरा वातावरण है। शेड के नीचे एक, दो लाइट रात भर जलती है। उसी से गुजारा करना पड़ रहा है। पंखे जैसी चीज की व्यवस्था की बात सोचना बेमानी है। धरना स्थल कैंपस के चारों ओर प्रशासन के द्वारा कुछ लाइट जरूर लगादी गई है जिससे कुछ राहत मिली है। वहां धरने पर बैठे कुछ प्रदर्शनकारी कार्यकर्ता ने बताया कि तड़के तीन , 4 बजे के बाद हल्की ठंड भरी हवा चलने लगी थी जिससे नींद हावी हो रही थी। लेकिन मच्छरों ने सोने नहीं दिया। इससे ज्यादा तर लोगों के आंखें भारी हो रही हैं। सुबह होने के बाद सिर भारी लग रहा है। लेकिन हमें मालूम है कि आगे भी, दिन इसी तरह से कटने वाला है।
बताया जा रहा है कि दूसरे स्थानों से ढेर सारे नेता धरना स्थल में शामिल होने आज यहां पहुंच सकते हैं। माना जा रहा है कि समर्थन बढ़ता जाएगा तो धरने पर बैठे लोगों का उत्साह भी बढ़ता जाएगा।