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मरवाही विधानसभा उपचुनाव में भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा भी उछला

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0  मरवाही विधानसभा उपचुनाव


मरवाही विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक वातावरण गर्भ होने लगा है। इस चुनाव में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।मरवाही विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है।कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल को आज एक ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाते हुए कहा है कि  स्वर्गीय अजीत जोगी जी के  परिवार के किसी भी सदस्य को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य नहीं माना जा सकता है। फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की समुचित जांच करानेे की मांग राजपाल से की गई है।


रायपुर। असल बात न्यूज़।


 कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की समुचित जांच के लिये राज्यपाल को ज्ञापन सौपा गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि हम सब छत्तीसगढ़ के आरक्षित वर्ग के विधायकगण आपसे सादर अनुरोध करना चाहते है कि मरवाही विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। किंतु फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर पूर्व में स्व. अजीत जोगी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित सीट मरवाही विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे। स्व. जोगी के जाति प्रमाण पत्र को हाई पावर कमेटी द्वारा दिनांक 23.08.2019 को निरस्त किया गया है। 




राज्यपाल को सौंपा गए ज्ञापन में कांग्रेस के विधायकों ने कहा है कि उपरोक्त परिस्थतियों में स्व. अजीत जोगी के जाति संबधी प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण उनके पुत्र अमित जोगी एवं उनके परिवार के किसी भी सदस्य को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य नहीं माना जा सकता है। 

स्व. अजीत जोगी के द्वारा उपरोक्त प्रमाण पत्र निरस्तीकरण के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर में याचिका में लंबित है ओर वह रद्ध (Abate)हो चुका है क्योकि जोगी की मृत्यु हो चुकी है। 


आवेदन पत्र प्रार्थीया के द्वारा भरा नहीं गया है उसे गिरधर मानिकपुरी के द्वारा भरा गया है अर्थात यह जाति प्रमाण पत्र असत्य एवं झूठा प्रथम दृष्टया ही साबित हो जाता है तथा विश्व सुशील साधु के प्रकरण में भी उनके 5वीं अंकसूची में क्रिश्चियन लिखा है, गोंड नहीं लिखा गया है।


ऋचा रूपाली साधु के पिता वन विभाग में रेंजर के पद पर कार्यरत थे परंतु कहीं भी उनकी जाति गोंड नहीं लिखी गई है न ही उन्होने ऐसा कोई प्रमाण पत्र दर्शाया है, बल्कि वरिष्ठता सूची के क्रमांक - 133 में सामान्य श्रेणी अंकित है एवं ऋचा जोगी के द्वारा अकलतरा विधानसभा चुनाव के समय जो जमीन का विवरण दिया गया था उन्हें भुईया वेबसाईट से देखने व निकाले जाने पर जाति का कॉलम खाली छूटा हुआ है और गोंड जाति कहीं अंकित नहीं है अर्थात ये लोग एवं इनका परिवार गण आदिवासी जाति से संबंध्दता नहीं रखते हैं और अब जान बूझकर अपने आप को फर्जी आदिवासी साबित करने में लगे हुए हैं जो गंभीर व आपराधिक कृत्य है। उसी चुनाव में ऋचा रूपाली जोगी ने जमानत राशि 10 हजार जमा की थी जो सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को लगता है जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को 5 हजार लगता है अतः ये आदिवासी समुदाय के नही है। एवं इनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर अपराध दर्ज किए जाने योग्य है।

इसके अलावा अनेकों विधिक एवं प्रशासनिक संव्यवहारो में कहीं भी साधु परिवारों ने अपनी जाति को गोंड साबित करने का प्रमाण जमा नहीं किया है।