- संभागायुक्त ने कलेक्टर्स, एसपी, डीएफओ एवं जिला पंचायत सीईओ की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक ली,-शासन की प्राथमिकता की योजनाओं के क्रियान्वयन...
-संभागायुक्त ने कलेक्टर्स, एसपी, डीएफओ एवं जिला पंचायत सीईओ की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक ली,-शासन की प्राथमिकता की योजनाओं के क्रियान्वयन तथा राजस्व के लंबित प्रकरणों के निराकरण पर विशेष ध्यान देने को कहा
दुर्ग .। असल बात न्यूज़।
संभागायुक्त श्री टीसी महावर ने आज जिला मुख्यालय राजनांदगांव से दूर आरोहण बीपीओ ग्राम टेड़ेसरा में कलेक्टर्स, एसपी, डीएफओ एवं जिला पंचायत सीईओ के कार्यों की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक ली और इसके साथ पुलिस महानिरीक्षक तथा पुलिस अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था एवं अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेकानंद सिन्हा, सीसीएफ (मुख्य वन संरक्षक) श्रीमती शालिनी रैना, कलेक्टर राजनांदगांव श्री टोपेश्वर वर्मा, कलेक्टर दुर्ग श्री सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, कलेक्टर कबीरधाम श्री रमेश कुमार शर्मा, कलेक्टर बालोद श्री जन्मेजय महोबे, कलेक्टर बेमेतरा श्री शिव अनंत तायल, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
संभागायुक्त श्री महावर ने कहा कि सभी अधिकारी समन्वय एवं सहयोग के साथ बेहतरीन कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता की योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें। राजस्व के लंबित प्रकरणों के निराकरण के कार्य में विशेष ध्यान दें। पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि संभाग में कानून एवं शांति व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने भी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों के बेहतर तालमेल का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि दोनों अधिकारी साथ मिलकर कार्य करते हैं तो समस्या का निपटारा तुरंत हो जाता है। उन्होंने समस्या के तत्काल निराकरण के लिए कहा।
संभागायुक्त ने कहा कि अविवादित नामांतरण, विवादित नामांतरण, अविवादित खाता विभाजन, विवादित खाता विभाजन का समय-सीमा में निराकरण करें। सीमांकन का कार्य महत्वपूर्ण है जहां ज्यादा प्रकरण लंबित है वहां शीघ्र निराकरण करें। उन्होंने जिलावार राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि तहसीलवार समीक्षा करने पर यह देखा जा सकता है कि किस तहसील से ज्यादा प्रकरण लंबित है। निराकृत प्रकरणों का राजस्व अभिलेखागार में भेजा जाना महत्वपूर्ण कार्य है। केस के डिस्पोजल के बाद उसे रिकार्ड रूम में सुरक्षित रखा जाना चाहिए। इस कार्य के लिए डिप्टी कलेक्टर की ड्यूटी लगाएं।
संभागायुक्त श्री टीसी महावर ने कहा कि नक्शा नवीनीकरण का कार्य करें। उन्होंने कलेक्टर्स से कहा कि लैण्ड रिकार्ड, डायवर्सन, भू-भाटक वसूली, नजूल की समीक्षा अलग से करें। जिससे राजस्व अमले के कार्य में तेजी आएगी। उन्होंने गिरदावरी कार्य की भुईयां साफ्टवेयर में एन्ट्री की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों का निरीक्षण करें। एसडीएम एवं तहसीलदार निरीक्षण के दौरान दायरा पंजी, डिस्पोजल पंजी का निरीक्षण करें जिससे उन पर नियंत्रण रखा जा सके। भू-अर्जन प्रकरण तथा मुआवजा वितरण की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि अवितरित अवार्ड की राशि कितनी लंबित है इस पर ध्यान रखते हुए कार्य करें। भू-अर्जन के कितने प्रकरण नये हैं इसके साथ ही योजनाओं में भू-अर्जन के प्रकरण, जो समय-सीमा समाप्त होने पर निरस्त कर दिए गए है उन पर भी ध्यान दें। धान खरीदी, मक्का खरीदी एवं किसान पंजीयन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि समिति की सीमा देख लें एवं डिफाल्टर समिति पर निगरानी रखें। धान खरीदी के दौरान बार्डर स्थित जिले राजनांदगांव एवं कबीरधाम में राजस्व, पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारी समन्वित तरीके से कार्य करेंगे। उन्होंने व्यक्तिगत, सामुदायिक वन अधिकार पत्रों के वितरण की जानकारी ली। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत गौठान के फेस-2 का निर्माण एवं वर्मी बेड निर्माण, चारागाह, नरवा की नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि नरवा शासन की महत्वपूर्ण योजना है जिसमें राजनांदगांव और बालोद जिले में अच्छा कार्य हुआ है। चबूतरा निर्माण का कार्य 15 नवम्बर तक पूर्ण हो जाना चाहिए। वर्मी बेड के निर्माण पर जिला पंचायत सीईओ विशेष ध्यान दें। डीएमएफ एवं समग्र ग्रामीण विकास के तहत अप्रारंभ कार्यों पर ध्यान देते हुए कार्य करें। गोधन न्याय योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। गोबर एकत्रित होने पर डीकम्पोजर का उपयोग करते हुए वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कराएं। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण चक्रशील बना रहे। संभागायुक्त ने सभी जिला पंचायत सीईओ से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के संबंध में जानकारी ली। परिवीक्षाधीन अधिकारियों के नियमित प्रशिक्षण एवं उनके कार्यों की मॉनिटरिंग करें।
संभागायुक्त श्री महावर ने कहा कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने समन्वय करते हुए अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। कानून व्यवस्था के निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारी साथ में रहेंगे और जरूरी बातों के संबंध में जिला मजिस्टे्रट को अवगत कराएंगे। उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को प्रतिबंधात्मक धाराओं से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि निकट समय में ईद एवं दीपावली का पर्व आ रहा है और कानून व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना होने से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है। खतरनाक सड़कों का चिन्हांकन कर पीडब्ल्यूडी से समन्वय कर इसे दूर कराएं। कोविड-19 के संकट की चुनौती का सामना करते हुए हमें कार्य करना है। पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश पर कोविड-19 के कठिन समय में शासन के निर्देशों का पालन किया गया और त्वरित गति से क्रियान्वयन भी हुआ। संभागायुक्त ने सभी पुलिस अधीक्षकों से उनके जिले की कानून व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली।
पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि राजस्व, पुलिस एवं वन विभाग शासन के महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। एकता एवं समन्वय के साथ इनका कार्य होना चाहिए। कानून व्यवस्था एवं शांति बनाए रखने में जिला मजिस्टे्रट की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। समाज के हित के लिए सभी को मिलकर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राजनांदगांव जिले के बागनदी बार्डर में बड़ी संख्या में श्रमिकों के आने पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने आपसी समन्वय से बेहतरीन कार्य किया। सड़क चिरचारी के राहत कैम्प में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने श्रमिकों के लिए सराहनीय कार्य किए, जिससे जिला एवं पुलिस प्रशासन की नई छवि निर्मित हुई। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में भूमि संबंधी एवं वन संबंधी विवादों का निराकरण आपसी समन्वय से किया जा सकता है। महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं एवं बातों को ध्यान में रखते हुए कार्य करें।
मुख्य वन संरक्षक श्रीमती शालिनी रैना ने बताया कि वनधन केन्द्र एवं हाट बाजार स्वीकृत हो गए है। इस कार्य को प्राथमिकता से करते हुए गति लाने की जरूरत है। खैरागढ़ एवं कबीरधाम में लघु वनोपज संग्रहण का कार्य आरंभ हो गया है। लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं लघु वनोपज केन्द्र पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव श्री डी श्रवण, पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री प्रशांत ठाकुर, पुलिस अधीक्षक बालोद श्री जितेन्द्र सिंह मीणा, पुलिस अधीक्षक कबीरधाम श्री शलभ कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक बेमेतरा श्री दिव्यांग कुमार पटेल, वनमंडलाधिकारी राजनांदगांव श्री बीपी सिंह, वनमंडलाधिकारी खैरागढ़ श्री रामावतार दुबे, जिला पंचायत राजनांदगांव श्रीमती तनुजा सलाम एवं दुर्ग संभाग के सभी जिला पंचायत सीईओ तथा एसडीएम राजनांदगांव श्री मुकेश रावटे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।