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नवरात्रि दीपावली, ईद, , क्रिसमस, छठ जैसे महत्वपूर्ण त्योहार होंगे, इसकी प्लानिंग करें कि किस तरह सजगता और सुरक्षा से लोग अच्छे से त्योहार का आनंद ले सकें

  अगले सौ दिन बेहद महत्वपूर्ण, त्योहारों के मौके पर ज्यादा भीड़ जुटने की आशंका - सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने पर दें पूरा जोर, लोगों को सज...

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 अगले सौ दिन बेहद महत्वपूर्ण, त्योहारों के मौके पर ज्यादा भीड़ जुटने की आशंका

- सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने पर दें पूरा जोर, लोगों को सजग रहने के बारे में समझाएं


दुर्ग,। असल बात न्यूज़।

अभी सौ दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे। जिले में लाकडाउन लगाने के निर्णय से पाजिटिव केस में कमी आई है लेकिन कोविड का खतरा बना हुआ है किसी भी तरह से सजगता कम नहीं करनी है। इन सौ दिनों में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार होंगे। इनमें दीपावली, नवरात्रि, दशहरा, ईद और क्रिसमस तथा छठ पूजा जैसे त्योहार होंगे। इसमें बड़ी संख्या में भीड़ बाजारों में और सार्वजनिक स्थल पर आ सकती है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पालन करने के लिए पूरी रणनीति बनाएं। लोगों को भी इस संबंध में जागरूक करें कि कोविड से बचाव का रास्ता सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना है। बिना जरूरी कारण के सार्वजनिक स्थलों पर न जाएं।



 कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि त्योहारों के मौके पर किस तरह से बाजारों में विशेष व्यवस्था बनाई जा सकती है। इस पर रणनीति बना लें। त्योहारों के मौके पर किस तरह से सजग रहकर कोरोना से बच सकते हैं इस संबंध में भी लगातार जागरूकता अभियान चलाएं। कलेक्टर ने कहा कि कांट्रैक्ट ट्रेसिंग टीम अपना काम बेहतर तरीके से करे। जैसे ही मरीज चिन्हांकित होता है आवश्यक पड़ने पर उसे हास्पिटल भेजने की कार्रवाई की जाए अथवा होम आइसोलेशन के लिए तुरंत मेडिकल किट की व्यवस्था देखी जाए। कलेक्टर ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के घरों में स्टीकर चिपके हैं या नहीं, इस पर पूरी सजगता रखें। उन्हें नियमित रूप से फोन आ रहे हैं या नहीं, इस बात पर फीडबैक लें। आवश्यकता पड़ने पर तुरंत हास्पिटल भेजें। उन्हें डेडिकेटेड कोविड हास्पिटल में तुरंत भेजें। इसके साथ ही रिस्पांस टाइम बहुत अच्छा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी फीवर क्लीनिक में मेडिकल किट होना चाहिए। लक्षण के मामले में एंटीजन निगेटिव आने पर आरटीपीसीआर अथवा ट्रूनाट भी कराएं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सर्वे अभियान में पचास वर्ष से अधिक आयु के लोग और कोमार्बिड लोगों की विशेष रूप से पहचान करें। इन्हें नियमित रूप से फोन करें और किसी भी तह के लक्षण पर इन्हें टेस्ट के लिए भेजा जाए।