भिलाई में अब ट्रक मालिक आंदोलन पर उतर आए हैं। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े इन लोगों का आरोप है कि जहां भी लोग काम कर रहे हैं जामुल में संयंत...
भिलाई। असल बात न्यूज़।
कोरोना महामारी के फैलाव से उपजे संकट का वाहन मालिकों और चालकों पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। इस दौरान कई- कई दिनों तक उनका कामकाज बंद रहा है। गाड़ियां कई- कई दिनो तक खड़ी रही। ऐसे में इनकी आर्थिक हालत चरमरा जाना स्वभाविक है। अब जब जनजीवन सामान्य तौर पर पटरी पर लौट रहा है, लॉकडाउन हटने के बाद कामकाज व्यापार शुरू हुआ है तो इनको काम देने में पक्षपात की शिकायतें सामने आ रही है।
प्रदर्शन स्थल पर बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से यहां क्रमबद्ध तरीके से सीमेंट का परिवहन होता था। कम तथा अधिक गाड़ी रखने वाले मालिकों सभी को काम मिल रहा था। अभी इसमें भेदभाव शुरू हो गया है। यूनियन में बिखराव पैदा करने की कोशिश की गई है। बड़े ट्रांसपोर्टर जिनके पास अधिक गाड़ियां हैं ऐसा लगता है कि सबकुछ उनके नियंत्रण में हो गया है। जिसके चलते छोटे ट्रांसपोर्टरों को काम नहीं दिया जा रहा है। ट्रक मालिकों की हालत ऐसी हो गई है की घरों में 2 वक्त का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है।
यूनियन ने सभी ट्रक, ट्रक मालिकों को पूर्व की तरह एक समान तरीके से काम देने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि गाड़ियों का ऑर्डर यूनियन में बुक कराया जाना चाहिए। यूनियन क्रमबद्ध तरीके से उस आर्डर के अनुरूप माल का प्रदान करने के लिए गाड़ियां उपलब्ध करवाएगी। पहले ऐसा होता था लेकिन इस परंपरा को तोड़कर ढेर सारे ट्रक मालिकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी कर दी गई है। पहले सभी लोगों की गाड़ियां चलती थी। सब एक दूसरे की मदद करते थे। आपस में भाईचारा की भावना थी। कतिपय तत्वों ने इसे खंडित करने की कोशिश की है।
यूनियन ने उनकी मांग पूरी नहीं होने पर आगे आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दौरान सर्व श्री यूनियन अध्यक्ष सुरजीत सिंह सीता, महासचिव प्रभुनाथ बैठा, हरेंद्र यादव प्रभाकर गुप्ता सुखचैन सिंह, गोपाल बिष्ट, अमरजीत सिंह जतिंदर सिंह चहल कुलविंदर सिंह वीपी सिंह, विक्रांत पटेल अमित मजूमदार अनूप गोस्वामी ललन सिंह अंजली मिश्रा विभूति सिंह, ओम प्रकाश यादव विवेकानंद यादव सहित बड़ी संख्या में ट्रक मालिक उपस्थित थे। नगर पालिका परिषद जामुन के अध्यक्ष श्रीमती सरोजिनी चंद्राकर के प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने तथा आंदोलन को साथ देने से प्रदर्शनकारियों का उत्साह बढ़ा है।