छ.ग. में 5 अक्टूबर को ब्लॉक, 06 अक्टूबर को जिला व 07 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम सौपा जायेगा ज्ञापन।...
छ.ग. में 5 अक्टूबर को ब्लॉक, 06 अक्टूबर को जिला व 07 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम सौपा जायेगा ज्ञापन।
रायपुर। असल बात न्यूज़।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई गैंगरेप एवं हत्या की वीभत्स घटना के विरोध में छत्तीसगढ़ राज में भी विरोध प्रदर्शन तेज हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के तत्वावधान में, उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार को तत्काल भंग करने तथा पीड़िता स्वर्गीय मनीषा वाल्मीकि को न्याय दिलाने की मांग को लेकर राज्य में 5 अक्टूबर को ब्लॉक, 06 अक्टूबर को जिला व 07 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसकी अगुवाई राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉक्टर शिव कुमार डहरिया तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी, अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष धनेश पाटिला, अगुवाई करेंगे ।
पत्रवार्ता में डॉक्टर ने कहा है कि पूरी घटना अमानवीय है। बर्बरता का खुला उदाहरण है। इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। दलितसमाज की बेटी स्व. मनीषा बाल्मीकि का दिनांक 14.09.2020 को सामूहिक बलात्कार कर अपराधियों द्वारा उनकी जीभ काट दी गई, रीढ़ की हड्डी को तोड़कर गर्दन को मरोड़ा गया इस तरह उनके द्वारा जघन्य व क्रूरतम अपराध किया गया जो उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में यह वारदात घटित हुआ है। 14 सितंबर से 28 सितंबर तक मनीषा बिटिया का समुचित ईलाज नहीं कराया गया। जब उनकी तबीयत ज्यादा गंभीर हुई तब उसे सफदरगंज अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया गया। जहां 29 सितंबर रात्रि को उनकी मृत्यु हो गयी और उसी मध्य रात्रि को लगभग 2.30 बजे स्व. मनीषा का दाह संस्कार भी कर दिया गया तथा परिजनों को मृतका का अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिया गया।
हिन्दु रीति-रिवाज के अनुसार किसी भी मृतक का अंतिम संस्कार रात में नहीं किया जाता, किन्तु सच का सामना न करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिस ने यह कदम उठाकर धार्मिक संस्कारो को भी समाप्त करने का प्रयास किया है। जबकि योगी जी अपने आपको हिन्दु सम्राट एवं हिन्दुओं के संरक्षक बताते है।
पत्र वार्ता में बोलते हुए मंत्री डॉक्टर डहरिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में की बर्बरता इतनी बढ़ गई है कि मीडिया वाले को भी परिवार वालो से मिलने नहीं दिया गया, वहीं उनके घर जाने वाले सभी रास्ते में पुलिस की तैनाती कर दी गई ताकि कोई भी भेट मुलाकात न कर सके। इस तरह हाथरस में कहा जा सकता है कि पूरे कानून व्यवस्था को कोरोना हो गया है।
इस प्रकार की घटना को उत्तर प्रदेश सरकार अंजाम देकर अनुसूचित जाति समाज एवं नारी जाति को अपमानित किया है जो प्रजातंत्र और देश के संविधान के खिलाफ है।
01 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी, परिवार वालो से मिलने के लिये हाथरस गये जहां रास्ते में ही पुलिस वालो ने बलपूर्वक रोक दिया तथा राहुल गांधी के गिरेबान को पकड़कर नीचे गिरा दिया गया जिसकी हम घोर निंदा करते है।
उत्तर प्रदेश की इस घटना को लेकर छत्तीसगढ़वासियों में जबरदस्त रोष व्याप्त है जिसे लेकर छ.ग. अनुसूचित जाति कांग्रेस कमेटी तथा अनुसूचित जाति वर्ग के समस्त सामाजिक संगठनों के द्वारा संयुक्त रूप से क्रमवार धरना प्रदर्शन किया जायेगा। जिसके अनुसार 05 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के समस्त ब्लाको में धरना देकर तहसीलदार एवं एस.डी.एम. के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति जी के नाम ज्ञापन सौपा जायेगा। उसी तरह 06 अक्टूबर को प्रदेश के सभी 28 जिलों में तथा 07 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन आयोजित कर कलेक्टर एवं महामहिम राज्यपाल जी के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौपा जायेगा। जिसमें उत्तर प्रदेश में दलित समाज के साथ होने वाली लगातार विभिन्न जघन्य अपराधो को देखते हुये उत्तर प्रदेश के अजय कुमार बिस्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ की सरकार को तत्काल बर्खास्त कर वहां के जिला एवं पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर “एस्ट्रो सिटी एक्ट” के तहत कार्यवाही कर अपराधियों को फास्ट्रेक कोर्ट के माध्यम से यथाशीघ्र फांसी की सजा दिलवाये जाने की मांग की जायेगी।
गुरूघासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, के प्रदेश अध्यक्ष के पी खंडे, अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष व पार्षद रायपुर सुंदरलाल जोगी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के प्रभारी महामंत्री सुनील बांधे अकादमी युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष एस.पप्पु बघेल,कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के रायपुर जिला अध्यक्ष मनोज बंजारे इत्यादि के ने भी राज्यपाल तथा महामहिम राष्ट्रपति जी को सौंपा जाने वाले पत्र में हस्ताक्षर किया है।