पाटन विधायक रहते भूपेश बघेल,कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष पर तत्कालीन एसडीएम से कहकर फर्जी केस दर्ज करवाया था पूर्ववर्ती रमन सरकार ने रायपुर । अस...
पाटन विधायक रहते भूपेश बघेल,कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष पर तत्कालीन एसडीएम से कहकर फर्जी केस दर्ज करवाया था पूर्ववर्ती रमन सरकार ने
रायपुर । असल बात न्यूज़।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने दुर्ग पाटन में सरकारी शराब दुकान में लूटपाट करने वालों के समर्थन में दिये जा रहे हैं अनशन को राजनीतिक ड्रामा करार दिया है और कहां है कि मोदी सरकार के किसान विरोधी बिल के गांव-गांव में हो विरोध के कारण भाजपा अपने क्षेत्र में किसानों को मुंह नहीं दिखा पा रही हैं और इन सभी बातों से ध्यान भटकाने के लिये सरकारी शराब दुकान में लूटपाट करने वाले अपराधियों के लिए अनशन का राजनीतिक नाटक किया जा रहा हैं जबकि शराब दुकान के लूटपाट में कुल 11 आरोपियों को नामजद आरोपी बनाया गया था जिनके ऊपर धारा 147, 149, 186, 186, 392 एवं लोक संपत्ति क्षति की धारा 3 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। जिनमें से सात आरोपियों ने माननीय हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली थी और शेष 4 आरोपियों ने अग्रिम जमानत हेतु आवेदन नहीं दिया था। उनकी गिरफ्तारी कानून के अनुरूप हुई और उन्हें जेल भेज दिया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि भारतीय न्याय प्रणाली के ऊपर राजनीतिक दल नहीं होता । वर्ष 2014 में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पाटन विधायक पाटन ब्लॉक अध्यक्ष एवं अन्य पर तत्कालीन भाजपा सरकार के द्वारा दबाव पूर्वक एसडीएम स्तर के अधिकारियों से कहकर 15 सितंबर 2014 को जुर्म दर्ज करवाया गया था जिनमें धारा 147,148,149,186,353 और 427 लगाई गई थी जिसमें की नियमानुसार जमानत लिया गया था । भूपेश बघेल पर जमीन कब्जा करने का फर्जी प्रकरण भी दर्ज कराया गया था जिसे माननीय न्यायालय ने खारिज कर दिया। ऐसे अभियान में उनकी मदद तत्कालीन रमन सरकार के मुखिया,पूर्व सुपर सीएम और तत्कालीन पाटन विधानसभा के अधिकारीगण देते थे लेकिन पाटन विधायक रहते भूपेश बघेल द्वारा कभी भी कानून व्यवस्था से ऊपर उठकर नाटकीय अंदाज में धरना प्रदर्शन और अनशन नहीं किया गया उनके ऊपर भाजपा सरकार और उनके स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगातार दबाव पूर्वक झूठे प्रकरण दर्ज किए जाते थे और वह उनका डटकर मुकाबला करते थे वर्तमान में सरकारी शराब दुकान के लुटेरों का साथ देने , उन्हें संरक्षण देने की कोशिश की जा रही है और अनशन की राजनीतिक नौटंकी करके मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए बनाये गये काले कानून से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है।