रायपुर, दुर्ग । असल बात न्यूज़। पूरे देश के साथ छत्तीसगढ़ में भी प्रकृति के उपासना, पूजा के पर्व, छठ पर्व की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यान...
रायपुर, दुर्ग । असल बात न्यूज़।
पूरे देश के साथ छत्तीसगढ़ में भी प्रकृति के उपासना, पूजा के पर्व, छठ पर्व की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी याने 18 दिसंबर से शुरुआत हो गई है।श्रद्धालुओं के द्वारा अपने घरों की साफ सफाई करने के साथ तमाम नियम, तप का पालन करते हुए इस व्रत, उपासना की शुरुआत की गई है।छत्तीसगढ़ में लोगों में इस बात से भी खुशी फैल गई है कि राज्य सरकार ने इस दिन अवकाश घोषित कर दिया है।
आज इस व्रत का दूसरा दिन था जिसमें व्रत धारी दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को भोजन करते हैं जिसे खरना कहा जाता है।खरना के प्रसाद में खीर, घी लगी रोटी, दाल चावल, चावल का पिट्ठा इत्यादि शामिल होते हैं।पूरे परिवार के लोग एकजुट होकर एक साथ यह प्रसाद ग्रहण करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि छठ व्रत में पूर्ण स्वच्छता और पवित्रता का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है।
छठ पूजा के लिए व्रती और उसके परिवार के लोगों के द्वारा तलाब के घाट पर छठी मैया की स्थापना भी की जाती है। पूर्व से स्थापित छठी मैया के स्थल की सफाई की जाती है तथा रंग रोगन किया जाता है।
स्थानीय प्रशासन के द्वारा हर जगह तालाब और घाटों की साफ- सफाई कराई जा रही है ताकि छठ मैया की पूजा में कोई व्यवधान, दिक्कत ना पैदा हो। विभिन्न जनप्रतिनिधि यो ने भी तालाबों की साफ सफाई के लिए विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया है।
राज्य शासन द्वारा छठ पूजा के अवसर पर 20 नवम्बर 2020 को छत्तीसगढ़ शासन के समस्त शासकीय कार्यालयों तथा संस्थाओं के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस संबंध आज मंत्रालय महानदी भवन से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है। यह अवकाश राज्य शासन द्वारा ‘निगोशियेबल इंस्टूमेंट एक्ट 1881‘ के तहत घोषित किया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य शासन द्वारा गतवर्ष से प्रदेश में तीजा, हरेली पर्व, छठ पूजा, माता कर्मा जयंती और विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जा रहा है।