धान खरीदी 1 दिसम्बर से, टोकन जारी होने आरंभ दुर्ग । असल बात न्यूज़। दुर्ग जिले में धान खरीदी 1 दिसंबर से आरंभ होगी। इसके लिए टोकन जारी किय...
धान खरीदी 1 दिसम्बर से, टोकन जारी होने आरंभ
दुर्ग । असल बात न्यूज़।
दुर्ग जिले में धान खरीदी 1 दिसंबर से आरंभ होगी। इसके लिए टोकन जारी किये जाना आरंभ हो चुके हैं। आज 26 टोकन जारी किये गए।
राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में गतवर्ष से 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई हैै। राज्य में गिरदावरी के पश्चात प्रविष्टि का कार्य 10 नवम्बर को समाप्त हो चुका है। गिरदावरी के संबंध में किसी भी जिले से कोई प्रस्ताव लंबित नही है। एक दिसम्बर से धान खरीदी शुरू होने के बाद रकबे में कोई परिवर्तन नही किया जाएगा। यदि रकबे में कोई परिवर्तन या संशोधन की जरूरत हो उसे 30 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए। एक दिसम्बर के बाद साफ्टवेयर को लॉक कर दिया जाएगा। गिरदावरी के कार्य में अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
धान खरीदी के लिए आवश्यक बारदाने की व्यवस्था खरीदी के पूर्व करने के निर्देश दिए गए हैं। पीडीएस सिस्टम एवं मिलरों से प्राप्त बारदानों का भौतिक सत्यापन करा लें और बारदाने एकत्रित कर खरीदी केन्द्रों में समय पूर्व उपलब्ध कराया जाएं। बारदानों की कमी की पूर्ति के लिए राज्य शासन द्वारा 70 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने खरीदी जा रही है। इस प्लास्टिक के बारदाने का उपयोग केवल धान खरीदी करके सबसे पहले सीधे मिलरों के पास भेजने के लिए किया जाएगा। प्लास्टिक बैग का उपयोग चावल रखने के लिए नही किया जाएगा।
धान बेचने वाले किसानों की संख्या के साथ रकबा बढ़ने से किसानों की सुविधा के लिए राज्य में लगभग 260 नवीन धान उपार्जन केन्द्र खोले गए हैं। इन केन्द्रों में चबूतरा निर्माण सहित खरीदी केन्द्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा की व्यवस्था, ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, तालपतरी, कांटा-बांट सत्यापन, मास्चर मीटर, बोर्ड लगाने का कार्य खरीदी शुरू होने से पूर्व पूरा कर ऑनलाईन रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए गए। राज्य के खरीदी केन्द्रों मंे दो चरणों में 7 हजार 620 चबूतरों का निर्माण कराने की स्वीकृति दी गई है। जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूर्ण नही हो पाया हैं, वे 30 नवम्बर तक निर्माण कार्य पूरा कराएं।
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि में बिना अनुमति के अन्य राज्यों से धान आयात को रोकने की जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौपी गई है। कोचियों द्वारा अन्य सीमावर्ती राज्यों से धान लाकर यहां बेचा जाता है। इसे रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों के सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखने, चेक पोस्ट लगाकर जांच करने, चार पहिया वाहनों के अलावा मोटर सायकल पर बार-बार धान लाने वालों की भी जांच करने का निर्देश जारी किया है।