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सिंचाई की धमनी-शिराएं होंगी दुरूस्त, पहली बार सौ किमी तक पूरी लंबाई में नहरों का होगा जीर्णोद्धार

  टूट फूट की मरम्मत होगी, गाद निकालने का कार्य होगा, मनरेगा के माध्यम से होगा काम, इससे पहले नहरों के कुछ पैच में काम होता आया था -कलेक्टर ड...

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टूट फूट की मरम्मत होगी, गाद निकालने का कार्य होगा, मनरेगा के माध्यम से होगा काम, इससे पहले नहरों के कुछ पैच में काम होता आया था

-कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने दिये थे निर्देश, जलसंसाधन विभाग के दो करोड़ रुपए के प्रस्ताव को जिला पंचायत ने किया स्वीकृत

दुर्ग । असल बात न्यूज़।

जिले में सिंचाई का दायरा व्यापक करने के लिए पहली बार नहरों की संपूर्ण लंबाई में टूट-फूट की मरम्मत तथा गाद निकालने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए जलसंसाधन विभाग ने दो करोड़ रुपए के प्रस्ताव जिला पंचायत को भेजा था, जो आज ही स्वीकृत हुआ। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीते दिनों हुई बैठक में इस संबंध में निर्देश कार्यपालन अभियंता को दिये थे। इन कार्यों में नहर का मरम्मत कार्य, तटबंधों के मजबूतीकरण के कार्य और गाद हटाने के कार्य किये जाएंगे। कार्यपालन अभियंता श्री बीजी तिवारी ने बताया कि इस संबंध में कलेक्टर महोदय के निर्देश के पश्चात प्रस्ताव स्वीकृति के लिए जिला पंचायत के समक्ष भेजे गये थे जिन्हें स्वीकृत कर लिया गया है। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि जलसंरक्षण के लिए यह कार्य बेहद अहम हैं। इसके साथ ही इनसे बड़ी संख्या में मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन भी किया जा सकेगा। 

*पैच में हुआ, पूरी नहर में कार्य नहीं हो पाया था*- सिंचाई रकबा बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है कि अभी उपलब्ध जल की एक-एक बूंद का उपयोग किया जा सके। जिले में तांदुला बांध तंत्र से नहरें निकाली गई हैं। काफी पुरानी नहरें होने के कारण इनमें टूट-फूट हो गई। समय-समय पर इनकी मरम्मत भी होती रही लेकिन पूरी पैच तक काम नहीं हो पाया। इसकी वजह से नहरों में गाद जमती रही। छोटी-छोटी झाड़ियां उग आईं। नहरों में टूट-फूट की वजह से काफी सारा पानी बर्बाद होता रहा। 




इन पर होगा काम* - जिला पंचायत द्वारा जो प्रस्ताव स्वीकृत किये गये है। उनमें माइनर नहर, मटिया माइनर नहर, बेलौदी माइनर नहर तथा भाताखार माइनर नहर के मरम्मत के कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार सिपकोना शाखा नहर में गाद के हटाने तथा तटबधों के मजबूतीकरण के कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार तुलसी माइनर, सिकोला माइनर, पाटन माइनर, देवा माइनर एवं सावनी माइनर जैसे जीर्णोद्धार कार्यों के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया। 

*बड़ी संख्या में होगा मनरेगा से रोजगार सृजन*- नहरों के मरम्मत, तटबंधों के मजबूतीकरण एवं गाद निकालने के इस कार्य में बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा। सिंचाई की वृद्धि के लिए यह कार्य बेहद महत्वपूर्ण होगा।