Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


गौठान के का हाल-चाल हे तेला तो बता, कतना किलो गोबर खरीदी होगे,ये तो बता

कृषि प्रधान देश भारत में देश की पुरातन संस्कृति, ग्रामीण विकास, कृषि और पुरातन परंपराओं को पुनर्जीवित करने की बात, तो बार-बार की जाती रही है...

Also Read

कृषि प्रधान देश भारत में देश की पुरातन संस्कृति, ग्रामीण विकास, कृषि और पुरातन परंपराओं को पुनर्जीवित करने की बात, तो बार-बार की जाती रही है लेकिन इस दिशा में ठोस कदम शायद ही कभी उठाए गए। छत्तीसगढ़ राज्य, में अभी सरकार ने अपनी योजनाओं में बड़ा ध्यान ग्रामीण विकास पर केंद्रित किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं वर्मी टैंक के लिए कितना गोबर खरीदा गया ? और उससे कितना वर्मी निकल रहा है ? जैसी छोटी-छोटी बातों की स्वयं बारीकी से जानकारी ले रहे हैं तो ग्रामीण विकास की योजनाओं का यहां धरातल पर सकारात्मक परिणाम दिखने की संभावना बढ़ती जा रही है।


0 अशोक त्रिपाठी 

असल बात न्यूज़।

विशेष रिपोर्ट


पाटन विधानसभा क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम के 4 स्कूल खुलेंगे। आगामी वित्त वर्ष से राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की शुरुआत की जाएगी। जब अपने क्षेत्र का मुख्यमंत्री हो तो जनसाधारण की भी अपेक्षाएं, उम्मीदें बढ़ जाती हैं। आम लोगों को लगता है कि अपना, अपने बीच से मुख्यमंत्री है तो अपनी हर समस्या, हर शिकायतों का हल होना ही चाहिए। उसके  क्षेत्र में हर सुविधाएं, प्रत्येक व्यवस्था, नई योजना प्राथमिकता पूर्वक, पहले पहुंचनी चाहिए। ऐसे में जब लोगों को मुख्यमंत्री से सीधे बातचीत करने का मौका मिले, अपनी बात सीधे कह सकें, अपने दुख- दर्द समस्याओं को उन्हें, मुख्यमंत्री को सीधे बताने का अवसर मिले, तो जनसाधारण का उत्साह, उम्मीदे  कई गुना बढ़ जाना स्वाभाविक है। मन में एक अलग खुशी का अहसास महसूस होता नजर आता है।  अभी पाटन विधानसभा क्षेत्र में करीब -करीब ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत गांव-गांव में पहुंच रहे हैं और लोगों से सीधे मुलाकात  कर रहे हैं। इस दौरान जन सामान्य को मुख्यमंत्री तक अपनी बात को सीधे पहुंचाने का अवसर मिल रहा है। और तो और मुख्यमंत्री स्वयं होकर भी लोगों का हाल-चाल तथा उनकी समस्याओं को पूछ रहे हैं तथा लोगों के जवाबों को गंभीरता से सुन भी रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में कितनी खुशी होगी उसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है।

यह काफी सही कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के लोग बड़े भोले- भाले, सीधे-साधे होते हैं। मन से निश्चल दिल से साफ। कोई छल कपट नहीं। उनकी मांगे, अपेक्षाएं, उम्मीदें भी कोई बहुत अधिक बड़ी नहीं होती। वे मुख्यमंत्री से भी खुल कर सीधे बात करते हैं तब भी अपने गांव के विकास के बारे में ही बात करते हैं। गांव के सौंदर्यीकरण, वृक्षारोपण , शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, चारागाह, विभिन्न कार्यक्रमों के लिए भवन, स्कूल में शिक्षक, फसल की बिक्री के लिए खरीदी केंद्र, गांव की गलियां के सीमेंटीकरण की ही मांग करते हैं। इन सब से बड़ी, अधिक और कुछ मांगे नहीं होती। अब हाईस्कूल तथा अस्पताल की मांग भी आने लगी है। असल में छत्तीसगढ़ के गांवो में अभी भी पुरातन भारतीय संस्कृति रचती- बसती है। लोगों के मन में दूसरों के प्रति आदर और सम्मान हैं। अनावश्यक लोभ -लालच भी कहीं नजर नहीं आता। लोग जितना मिले उसमें ही संतोष कर लेने के भी आदि  हैं। अनावश्यक विवादों से तो हमेशा बचने की कोशिश की जाती है। अधिक हुआ तो गांव के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का आग्रह किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गांवो और ग्रामीणों किसानों के हालात, उनकी समस्याओं के बारे में  खासी जानकारी, अनुभव है। अभी तो हमें जैसे ठान लिया है कि पूरे राज्य में गांव का समग्र विकास करना है। और इसी कारण यहां क्या कार्यक्रम किए जाने चाहिए ? विकास की क्या योजनाये बननी चाहिए ? इसकी उन्होंने नई जिम्मेदारी संभालने के साथ ही योजना तैयार कर ली है। कहा जाता है कि नई सरकार का अभी बहुत अधिक फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर ही है। यह कहा गया है कि गांवो का विकास होगा तब ही  देश का विकास होगा। और छत्तीसगढ़ सरकार, अभी संभवत इसी रास्ते पर चल रही है,। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम की गांव- गांव में ही नहीं, देखा जाए तो देश भर में सराहना हो रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से भी गांव की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने,गांव के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, कृषि कार्य को मजबूत बनाने के लिए नए रास्ते तैयार करने के उपाय किए जा रहे हैं। कहा जाता है कि इस तरह के देश की प्राचीन संस्कृति, परंपराओं से जुड़े कार्यक्रम, देश के दूसरे विभिन्न  प्रदेश भी शुरू करना चाहते हैं लेकिन अपनी परेशानियों की वजह से वे ऐसे कार्यक्रम तात्कालिक तौर पर शुरू नहीं कर पा रहे हैं। छत्तीसगढ़ गांव का प्रदेश है। यहां 70% से अधिक आबादी अभी भी गांव में ही बसती है। गांव में ही इनका गुजर बसर होता है। बाहर काम पर जाने वाले लोग भी उम्र के ढलान पर गांव ही वापस लौट आते हैं और अपनी जिंदगी सुखचैन के साथ गांव में ही बिताना पसंद करते हैं। घर के आंगन में बंधी  गाय और दूधमुहे बछड़े को देखकर गांव के लोगों को कितना सुकून मिलता है और उन्हें चारा- दाना देकर उनकी थकान किस तरह से मिट जाती है, यह गांव का व्यक्ति ही सहज रूप  से समझ सकता है। ऐसे में राज्य सरकार ने गांव गांव में गौठान बनाने की योजना की शुरुआत की और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन योजनाओं के बारे में लोगों को विस्तार से जानकारी दी है तो प्रत्येक गांव और प्रत्येक ग्रामीण इस कार्यक्रम से सीधे जुड़ता नजर आ रहा है। सभी गांव में गौठान बनाने की होड़ सी लग गई। अभी यहां के लगभग 80% गांवो में गौठान बनकर तैयार हो गए हैं ।लोगों में इससे जुड़ने की इसलिए भी अधिक उत्सुकता है कि गौठान से लोगों को रोजगार दिलाने की भी तैयारी की गई है। इस योजना के तहत गौठान के समीप लगभग एक एकड़ जमीन इसी कार्य के लिए सुरक्षित रखी गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां भी जाते हैं, सभाएं लेते हैं, लोगों से बातचीत करते हैं वहां गौठान की जरूर बात कर लेते हैं। वे गांव के लोगों की बातें सुनते हैं, समस्याएं समझते हैं और उसके निराकरण की घोषणा भी करते हैं तो वही गांव के प्रमुख, गौठान समिति के सदस्य यह जरूर पूछ लेते हैं कि गांव में गौठान में कितनी गाय हैं। कितना गोबर निकल रहा है। वर्मी कंपोस्ट खाद बन रहा है कि नहीं। गोबर बिक रहा है कि नहीं ? गोबर का पैसा चरवाहे को मिला है कि नहीं ? इत्यादि। इससे यह समझा जा सकता है कि यह सरकार नरवा गरवा घुरवा बाड़ी के महत्वाकांक्षी  कार्यक्रम को लेकर कितनी संजीदा और गंभीर है। यह हमेशा माना जाता रहा है कि सरकार कितनी भी योजना बना ले, जनता के सहयोग के बिना कोई कार्यक्रम सफल नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गांव के लोगों को बातचीत करने के दौरान समझाते, उत्साहित करते  हुए सकारात्मक रुख के साथ कहते हैं हमने अपनी कई परंपराओं और मान्यताओं को भुला दिया है। गौठान, हमारी गांव की पारंपरिक प्राचीन व्यवस्था है। इसे पुनर्जीवित करना है। गौ माता के काम में राजनीति नहीं होनी चाहिए। गौठान बनेगा, गौमाता बसाएंगे, रहेंगे तो गांव की अर्थव्यवस्था भी मजबूत, सुदृढ़ होती जाएगी। व्यवस्था गांव की है, इसमें सब को मिलकर काम करने में हिचक नहीं होना चाहिए।  सभी के  सहयोग की जरूरत है। यह सिर्फ सरकार का काम नहीं है। मुख्यमंत्री की ऐसी भावनात्मक अपील के बीच ग्रामीण जनों को सरकार की यह योजना इसलिए भी पसंद आ रही है क्योंकि इससे गांव के लोगों की आमदनी बढ़ाने का कार्यक्रम भी जोड़ा गया है। गोबर खरीदा जा रहा है। पहले गोबर का कोई मोल नहीं था। अभी गोबर बेचकर चरवाहे तथा ग्रामीण 5000 से लेकर 50 हजार रुपए तक प्रतिमाह कमा रहे हैं। जिनकी जेब में पैसा पहुंच रहा है, उनकी खरीददारी की शक्ति बढ़ रही है तो उनकी खुशियां भी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस दौरान आम ग्रामीणों से विशुद्ध छत्तीसगढ़ी में हंसी ठिठोली के साथ बात करते हैं तो लोगों के मन में भी मुख्यमंत्री से बातचीत करने मैं सारी हिचक धीरे-धीरे दूर होती जाती है और वे सभी अपनी बात उनसे खुलकर करते हैं। झिझक, हिचकिचाहट नहीं रहने से छोटी मोटी शिकायतें भी खुलकर सामने आ जाती  हैं।

पाटन के जामगांव आर में जनसंपर्क कार्यक्रम में गांव के चतुर साहू ने कुंमहली गांव में पानी की बहुत समस्या होने जानकारी दी तो मुख्यमंत्री ने यह बताने के बाद कि इस साल गांव में सब  घर तक नल जल कनेक्शन पहुंच जाएगा, उससे पूछ लिया कि गांव में गौठान बन गया है कि नहीं। और गौठान में कितनी गाय हैं। यहां भरर गांव के जीवन ठाकुर ने भी माइनर लाइनिंग के जीर्णोद्धार और सामुदायिक भवन के निर्माण की मांग की तो उससे मुख्यमंत्री ने चुटीले अंदाज में  गांव के गौठान के बारे में जानकारी ली। जनसंपर्क कार्यक्रम में कई बार ऐसा दौर भी आया कि मुख्यमंत्री और आम लोगों के बीच हंसी -ठिठोली का दौर भी चलता रहा और हंसी के ठहाके लगते रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा एक गांव के गौठान समिति प्रभारी से यह पूछे जाने पर कि गांव में गौठान कहां बना है उसने यह बताया कि श्मशान घाट के बगल.... तो उपस्थित जनसमूह ठहाके लगाए बिना नहीं रह सका। बोरवाय सेक्टर के ईश्वर चंद्राकर ने वर्मी कंपोस्ट के लिए और अधिक टंकी की मांग की तो सभी सभी के चेहरो पर मुस्कान आ गई। उसने बताया कि उसके गांव में सभी वर्मी टंकी भर गई है। 83 सौ क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। जामगांव आर के सरपंच राजकुमार ठाकुर ने गांव में 30 बिस्तर वाले अस्पताल तथा जामगांव आर को पूर्व तहसील का दर्जा देने की मांग उठाई। भारत की सरपंच श्रीमती गरिमा भारदिय ने गांव के युवा को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दुकान निर्माण अथवा अन्य कार्य उपलब्ध कराने तथा गंदे पानी की निकासी के लिए नाली निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि नाली नहीं होने की वजह से अभी गंदा पानी गांव के तालाब में चले जाता है जि ससे तालाब का पानी दूषित हो रहा है।

जनसंपर्क कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की हंसी ठिठोली के बीच गांव के लोगों से बातचीत होती है। तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुछ मुद्दों पर गंभीर भी हो जाते हैं। गांव में प्रवेश द्वार बनाने का आग्रह किए  जाने पर वे गंभीर होकर कहते हैं यह तो बिल्कुल अनुपयोगी जैसा है। प्रवेश द्वार से रास्ता चलने वाले लोगों को धूप में छांह भी नहीं मिलती। एक गांव से  शहीद के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की मांग आई तो मुख्यमंत्री ने गंभीर होकर यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि प्रवेश द्वार की जगह किसी मार्ग अथवा भवन का नाम शहीद के नाम पर किया जा सकता है और करना चाहिए। विभिन्न गांवो से लोगों ने इस दौरान गलियों के सीमेंटीकरण की मांग भी उठाई तो उस मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री ने गंभीर होते हुए कहा कि अभी गलियों के सीमेंटी करण का काम पूरी तरह से रोक देना चाहिए। गांव गांव में नल जल कनेक्शन देने का काम चल रहा है। सड़कों की खुदाई होगी। ऐसे में अभी सीमेंटीक़रण होगा तो वे सब खुदाई से खराब हो जाएंगे।उन्होंने कहा कि नल जल योजना के तहत घर-घर में नल कनेक्शन दिए जाने के बाद ही गलियों के सीमेंटीकरण का काम शुरू किया जाना चाहिए। विभिन्न गांव में अलग-अलग समाज के लोगों के सामुदायिक भवन के निर्माण की मांग पर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छोटे-छोटे सामुदायिक भवन के निर्माण के बजाय गांव में बड़ा एक भवन बनना चाहिए जहां सभी के कार्यक्रम अच्छे तरीके से हो सके। अभी छोटे सार्वजनिक भवन में किसी भी कार्यक्रम में आधे लोग अंदर होते हैं तो आधे लोगों को बाहर ही खड़े, बैठे रहना पड़ता है। उन्होंने, लोगों से वही सीधे  पूछ भी लिया कि किसी कार्यक्रम में ऐसा ही होता है कि नहीं। गांव-गांव में गौठान के साथ अब वर्मी टैंक भी बनकर तैयार हो गए हैं और उनमें जैविक खाद तैयार किया जाने लगा है। मुख्यमंत्री ने किसानों और गौठान समिति के लोगों को इस बात का भी ध्यान रखने को कहा कि वर्मी टैंक में कितना किलो गोबर डाला जा रहा है ? और उससे कितना वर्मी निकल रहा है। उन्होंने कहा कि इसका ध्यान रखने पर ही हमें वास्तविक फायदे का पता लग सकेगा। मुख्यमंत्री ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने भी योजना बना रहे हैं। विभिन्न गांव से जब स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग आई उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अभी हॉट बाजार क्लीनिक योजना से स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध कराए जा सकते हैं। उन्होंने जिले के कलेक्टर को इस बारे में तत्काल कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि विकासखंड के इलाकों में जहां स्वास्थ्य केंद्र नहीं है वहां जिस दिन बाजार लगता है वहां हॉट बाजार क्लीनिक योजना के तहत चलने वाला वाहन लाया जा सकता है और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने महिलाओ के लिए ऐसे ही अलग से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान जनसामान्य लोगों से बातचीत करते हुए कहा है कि गौठान सरकार की महत्वपूर्ण योजना है और इससे आगे चलकर बहुत बड़ा काम होने वाला है। इसी से गांव- गांव  में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनेगा। गौठान से बहुत अधिक गतिविधियां संचालित हो सकते हैं। तेल पेराई, धनकुट्टी का काम यहां किया जा सकता है। हमारी जो योजना है उससे निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधरेगी। उन्होंने यह भी कहा कि खारून नदी के पानी का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए भी योजना बनाई जा रही है।

ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से गांव के लोगों को मुख्यमंत्री से सीधे बात करने की खुशी तो मिल ही रही है। गांव के विकास के लिए आगे क्या योजना बनने वाली है इसकी तस्वीर भी साफ होती जा रही है। अपनी बात कह देने, समस्याएं बता देने से लोगों के मन का बोझ भी हल्का हो रहा है। तो वहीं उन्हें यह भी दिख रहा है कि अपने मुख्यमंत्री  में अपने लोगों के बीच में आने में आज भी संकोच नहीं है। कोई दूरियां नहीं है। सरलता और सहजता के साथ वे पहले के जैसे ही सब से मिल लेते हैं। ऐसे में लोगों का भरोसा बढ़ा है कि अपनी समस्याओ को सुलझाने के लिए वे कभी भी अपने मुख्यमंत्री से मिल लेंगे। कहां जा रहा है कि जो योजनाएं बन रही है उन पर सकारात्मक तरीके से धरातल पर वास्तविक काम होता रहा तो  पाटन विकास खंड के गांवो आने वाले दिनों में राज्य में आदर्श गांव के रूप में विकसित होते नजर आएंगे। यहां विकास का वह बुनियादी ढांचा तैयार दिख सकता है जहां युवाओं के लिए रोजगार के ढेर सारे अवसर होंगे और खेती किसानी भी बड़े फायदे का व्यवसाय बन जाएगा। ऐसी तैयारियों के पूर्ण होने के बाद यह क्षेत्र दूसरे शहर के बेरोजगारों को भी रोजगार मुहैया कराने में सक्षम साबित हो सकता है।






मुख्यमंत्री के सेलूद तथा जामगांव और के जनसंपर्क कार्यक्रम में सर्व श्री शंकर बघेल, जनपद पंचायत पाटन के अध्यक्ष श्रीमती राम बाई गजानंद सिन्हा, निर्मल कोसरे, रामस्वरूप चंद्राकर, जवाहर वर्मा, अश्वनी साहू, रूपेंद्र शुक्ला, जयंती  साहू, श्रीमती भारती, पूरन लाल साहू,  कौशल चंद्राकर, उमाकांत चंद्राकर राजकुमार ठाकुर प्रकाश नाहटा, सुरेश साहू नीलकंठ यादव अशोक साहू विशेष रूप से उपस्थित थे।