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जमीन की रजिस्ट्री के लिए अब पटवारी के नहीं काटना पड़ेगा चक्कर

  यह कहा जाता है कि शासन के जो तीन- चार विभाग हैं उसमें आम लोग, पटवारी के चक्कर काट,काट कर भी बहुत परेशान होते हैं।पटवारी कार्यालय के बारे म...

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 यह कहा जाता है कि शासन के जो तीन- चार विभाग हैं उसमें आम लोग, पटवारी के चक्कर काट,काट कर भी बहुत परेशान होते हैं।पटवारी कार्यालय के बारे में तो यह भी कहा जाता है कि चक्कर काटते रहो पटवारी से मुलाकात हो गई तो आपकी किस्मत बहुत अच्छी है। पंजीयक विभाग ने अब प्रदेश की जनता के लिये जमीन रजिस्ट्री को सरल बनाने हेतु अच्छी पहल की है। नई योजना के लागू हो जाने पर आम लोगों को रजिस्ट्री के लिए पटवारी का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। राज्य के,राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि इस आदेश से भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम और आम जनो को अपनी जमीन की रजिस्ट्री हेतु बेहतर सुविधा मिलेगी ।

रायपुर ।असल बात न्यूज़।

 कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान प्रदेश की जनता को एक और सुविधा मिलने जा रही है। जमीन की रजिस्ट्री के लिये अब पटवारी के पास नहीं लगाना होगा चक्कर, भुईंया में अपलोड दस्तावेज ही होंगे रजिस्ट्री के लिए मान्य। इस आदेश के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके पीछे कारण यह है कि लोगों को रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन नक्सा खसरा व बी- 1 में पटवारी के हस्ताक्षर और सील लगवाना पड़ता था। अब जमीन रजिस्ट्री में पटवारी व तहसीलदार के हस्ताक्षरित खसरा पांचसाला और खसरा बी-१ की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले पटवारी व तहसीलदार के सील और दस्तखत बिना रजिस्ट्री नहीं की जा रही थी। अब भुइंया वेबसाइट में अपलोड खसरा पांचसाला और खसरा बी- 1 से ही रजिस्ट्री की जाएगी। महानिरीक्षक पंजीयक ने यह निर्देश जारी करके सभी जिला कलेक्टरों को पत्र प्रेषित किया है।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा इस निर्देश के बाद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके पीछे कारण यह है कि लोगों को रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन नक्सा खसरा व बी-१ में पटवारी के हस्ताक्षर और सील लगवाना पड़ता था। इसके लिए उन्हें बार-बार पटवारी कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहा था। जिससे रजिस्ट्री पेंडिंग हो जाती थी और शासन को भी राजस्व का नुकसान होता था। अब इन सभी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है। यदि किसी प्रकार से कोई संदेह हो अथवा प्रश्नाधीन भूमि भुईया साफ्टवेएर के साईट में उपलब्ध न हो तभी पटवारीध्तहसीलदार द्वारा प्रमाणित राजस्व अभिलेख की मांग किया जाए। शिकायतें मिल रही थी कि पटवारी कार्यालय में अभिलेख देने के एवज में रिश्वत मांगी जाती है। रिश्वत नहीं देने वालों को बार-बार कार्यालय के चक्कर कटवाया जाता है। इसकी वजह से पूर्व के आदेश को शिथिल करके यह छूट दी गई है। राजस्व मंत्री ने कहा कि इस आदेश से भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी और आम जनो को अपनी जमीन की रजिस्ट्री हेतु सुविधा होगी।