नई दिल्ली। असल बात न्यूज़। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य से चालू खरीफ सीजन में सिर्फ़ 24 लाख मैट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में लेने की अ...
नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य से चालू खरीफ सीजन में सिर्फ़ 24 लाख मैट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में लेने की अनुमति दी है। ताजा स्थिति में इससे अधिक चावल केंद्र पुल के लिये नहीं लिया जाएगा। अभी समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा केंद्रीय पूल में चावल लेने के मुद्दे पर देश भर में हंगामा और विवाद हो रहा है इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण दिया गया है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि जो राज्य वित्तीय प्रोत्साहन देने की स्थिति में है उन राज्यों में निर्धारित मात्रा से अधिक धान की खरीदी होने पर उसे केंद्रीय पूल से बाहर माना जाएगा। छत्तीसगढ़ के लिए यह मामला बड़ा मुद्दा है।
छत्तीसगढ़ राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी चल रही है और मंडियों में धान की बंपर आवक हो रही है। राज्य को धान खरीदी में इस समय कई तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। एक तरफ तो उसके सामने बारदाने की कमी की समस्या है तो वही धान का उठाव नहीं होने से धान संग्रहण केंद्रों और मंडियों में धान बड़े पैमाने पर जाम होता जा रहा है। धान का उठाव जाम होने सेेे बारदाने की रीसाइक्लिंग भी जाम हो गई है। बारदाने भी जाम पड़ गए हैं।
केंद्रीय पूल के तहत किसानों से धान की खरीद के लिए डीसीपी और गैर - डीसीपी राज्यों दोनों में भारत सरकार, राज्य सरकार और भारतीय खाद्य सहयोग के बीच एक समझौता किया गया है जिस ज्ञापन पर तीनों ही पक्षों की ओर से हस्ताक्षर किए गए हैं।
डीसीपी राज्य के एमओयू के खंड संख्या 3 के अनुसार, “ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में, एमएसपी के ऊपर किसी भी तरह का बोनस / वित्तीय प्रोत्साहन देने की स्थिति में, राज्य की कुल खरीद निर्धारित कुल आवंटन से अधिक हो जाने पर टीपीडीएस / ओडब्ल्यूएस के तहत ऐसी अतिरिक्त मात्रा को केंद्रीय पूल के बाहर माना जाएगा। इस तरह से इस अतिरिक्त मात्रा को केंद्रीय पूल में नहीं लिया जाएगा।
यह बताया गया है कि ऐसे समझौते के तहत राज्यों से पूछा जाता है कि वे प्रोत्साहन दे रहे हैं या नहीं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्यों में इस तरह का प्रोत्साहन दिया जाना पाया गया। इसके चलते केंद्र सरकार के द्वारा खरीद की मात्रा को प्रतिबंधित किया गया है । अभी उतना ही धान की खरीदी की जा रही है जो कि पूर्व में बोनस या प्रोत्साहन के बिना खरीदी गई थी। केंद्र सरकार का दावा है कि एक समान नीति का पालन कर रही है। छत्तीसगढ़ खरीद में भी इसी का अनुसरण किया जाता है।
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि स्थिति को देखते हुए केएमएसएस 2020-21 के दौरान केंद्रीय पूल के तहत एफसीआई को छत्तीसगढ़ से 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है, जो पिछले वर्षों की मात्रा के बराबर है।