देश के सात राज्यों में अब तक पक्षियों में होने वाली बीमारी एवियन इन्फ्लुएंजा के फैलने तथा इससे पक्षियों की मौतें होने की खबरें आ रही थी। ...
देश के सात राज्यों में अब तक पक्षियों में होने वाली बीमारी एवियन इन्फ्लुएंजा के फैलने तथा इससे पक्षियों की मौतें होने की खबरें आ रही थी। अभी छत्तीसगढ़ राज्य के बालोद जिले से भी यह बीमारी फैलने की खबर आ रही है। इस जिले में पक्षियों की असामान्य मौतों की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसके बाद यहां R R T टीमो की गठन किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर भी इस बीमारी के नियंत्रण के लिए निर्देश दिए गए हैं।
हरियाणा के पंचकूला जिले के दो पोल्ट्री फार्म में आईसीएआर-एनआईएचएसएडी से एवियन इन्फ्लुएंजा के सकारात्मक नमूनों की पुष्टि के बाद, मध्य प्रदेश के शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, आगर, विदिशा जिले में एवियन इन्फ्लुएंजा के सकारात्मक मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश के पार्क, कानपुर, प्रतापगढ़ और राजस्थान के दौसा जिले मैं भी उसके पॉजिटिव नमूने मिले हैं। अब तक, बीमारी की पुष्टि सात राज्यों (केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश) मैं इस बीमारी के सकारात्मक रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की जा चुकी है।
प्राप्त खबर के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में 08 जनवरी की रात और 09 जनवरी की सुबह यहां के बालोद जिले में पक्षियों की असामान्य मृत्यु की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। राज्य ने आपातकालीन स्थिति के लिए आरआरटी टीमों का गठन किया है और नमूनों को नामित प्रयोगशाला में भी भेजा गया है।
इसके अलावा, संजय झील, दिल्ली से बत्तखों में असामान्य मृत्यु की रिपोर्ट भी प्राप्त हुई है। नमूने परीक्षण के लिए नामित प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। एआई की पुष्टि के लिए मुंबई, ठाणे, दापोली, परभणी और बीड जिलों से मृत कौवों के नमूने भी NIHSAD को भेजे गए हैं।
इस बीच केरल के दोनों प्रभावित जिलों में कल्लिंग ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है और पोप ऑपरेशनल सर्विलांस प्रोग्राम दिशानिर्देश केरल राज्य को जारी कर दिए गए हैं। निगरानी और महामारी विज्ञान जांच के लिए केरल, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रभावित राज्यों का दौरा करने के लिए तैनात की गई संयुक्त टीमें वहां पहुंच चुकी हैं।
राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों / प्रशासकों पशुपालन विभाग से सचिव DAHD ने बीमारी की स्थिति की करीबी सतर्कता के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रभावी संचार और समन्वय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है और मनुष्यों में इस बीमारी के फैलाव की किसी भी आशंका को नियंत्रित करने को कहा है। ताजा सर्वेक्षणों में जल निकायों, जीवित पक्षी बाजारों, चिड़ियाघरों, पोल्ट्री फार्मों आदि के के सतत निरीक्षण के अलावा शवों का उचित निपटान, और पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा को मजबूत करने को कहा गया है। मुख्य सचिवों और प्रशासन से आवश्यक पीपीई किट और सहायक उपकरण के पर्याप्त स्टॉक का अनुरोध किया गया है।