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महाविद्यालय के महिला सेल द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष में परिचर्चा का आयोजन

  भिलाई। असल बात न्यूज़। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के महिला सेल द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष में  परिचर्चा का आयो...

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  भिलाई। असल बात न्यूज़।

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के महिला सेल द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष में  परिचर्चा का आयोजन किया गया । परिचर्चा में विद्यार्थियों के अलावा प्राध्यापकों ने भी भाग लिया और अपने अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम की संयोजक डॉ. तृषा शर्मा ने परिचर्चा के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बालिकाएं हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने का माद्दा रखती हैं जरूरत है उन्हें सिर्फ अवसर देने का । इसका उद्देश्य बालिकाओं को उनके अधिकार और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर श्रीमती हंसा शुक्ला ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा की बालिकाओं को समान अवसर और समान अधिकार दिया जाना चाहिए । बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं । 

बी.एड. तृतीय वर्ष की छात्रा दीपा साहू ने कहा कि बचपन से ही बालिकाओं को गुड टच और बैड टच के विषय में पालक बताएं ताकि वे समय पर अपने को सुरक्षित कर सकें। बी.एड. तृतीय वर्ष की छात्रा ओमीन साहू ने कहा मदर्स डे की तरह बालिका दिवस मनाना चाहिए ताकि वो जागरण बन सकें । उनको आगे बढ़ाने में किसी प्रकार का रोक टोक नहीं करना चाहिए ।उनको हर क्षेत्र में समान अधिकार दिया जाना चाहिए।

 सहायक प्राध्यापक श्रीमती उषा साहू ने कहा राष्ट्रीय बालिका दिवस 2009 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया था।   24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1966 में भारत की महिला प्रधानमंत्री ने श्रीमती इंदिरा गांधी ने इसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी । बी.एड. तृतीय वर्ष के छात्र राजेश कुमार ने कहा बालिकाओं पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। जिससे साक्षरता दर में वृद्धि हो सके। सरकार द्वारा बालिकाओं के लिए 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना भी चलाई गई है जिसका लाभ बालिकाएं समय समय पर उठा सकती हैं ।बी.एड. तृतीय वर्ष के छात्र सोमेश्वर दास मानिकपुरी कहा कि समाज के लिए लड़की आशीर्वाद रही है । हम देवी की पूजा करते हैं हमें घर की महिलाओं को भी इतनी ही इज्जत देनी चाहिए।  बालिकाएं समाज की स्तंभ होती हैं । महिलाओं के बिना समाज हर क्षेत्र में अधूरा है । 

 सहायक प्राध्यापक श्रीमती डॉ रचना पांडे ने कहा हम लड़कियों को हर क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रमोद करें, मोटिवेट करें,उन्हें मार्गदर्शन दें, कुरीतियों, अनाचार से उन्हें बचाएं ।लड़कियों की कम होती हुई संख्या को हमें रोकना होगा । सहायक अध्यापक डॉ स्वाति पांडे ने कहा कि बालिकाओं का अस्तित्व जन्म से मृत्यु तक होता है वह जननी है और हमेशा से सम्माननीय हैं सहायक प्राध्यापक श्रीमती मंजू कनौजिया ने कहा लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा पर समान रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। महिलाएं शक्तिशाली होती हैं । ज्योति यादव बी.एड. तृतीय सेमेस्टर ने बालिका दिवस के अवसर पर कविता प्रस्तुत किया। कविता का शीर्षक था "मैं बोझ नहीं"।  बी.एड .तृतीय वर्ष की छात्रा ने "मैं भी लेती सास हूं, पत्थर नहीं इंसान हूं" शीर्षक से कविता पाठ किया । दीपा साहू बीएड तृतीय सेमेस्टर द्वारा बालिकाओं के लिए कविता प्रस्तुत की गई "हर दुख दर्दसहकर वह मुस्कुराती है ।"