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सड़क पर भटक रहे पशुओं को रोज रात को खिलाते हैं गरम खाना

  भिलाई। असल बात न्यूज़।  वैसे  तो गोवंश, पशुओं की सेवा के लिए ढेर सारी संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन ज्यादातर यही दिखता है कि कुछ दिन रफ्तार...

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  भिलाई। असल बात न्यूज़।

 वैसे  तो गोवंश, पशुओं की सेवा के लिए ढेर सारी संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन ज्यादातर यही दिखता है कि कुछ दिन रफ्तार के बाद  पूरी सेवा भावना, योजनाएं  ठंडी पड़ती जाती हैं। असल में इस सेवा  भावना के पीछे भी  पैसा खर्च होता है मेहनत लगती है तथा सेवा करने के लिए धैर्य भी रखना पड़ता है। बड़े बड़े धन्ना सेठों पूंजीपतियों के कदम ऐसी सेवा  करने में डगमगाने लग जाते हैं। इसके विपरीत भिलाई में एक संस्था बिना किसी प्रचार के सड़क पर घूमने के लिए मजबूर मेरी ,बेजुबान पशुओं को प्रतिदिन खाना खिला रही है।

इस team में ज्यादातर युवा सदस्य हैं।यहाँ युवाओं का उत्साह, जज्बा, एकजुटता  की भावना देखते ही बनती है।ये युवा  जिस कंपनी में कार्यरत हैं इस सेवा भावना   के कार्य मैं वह भी  पूरा सहयोग प्रदान कर रही है।  ये युवा बताते हैं  अपनी कंपनी के सहयोग से वे सब मिलकर पशुओं तथा आम लोगों की सेवा के लिए  काम कर रहे हैं।  covid19 कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव के कठिन समय में भी जरूरतमंदों की सेवा की गई उन्हें जरूरत अनुसार  सामग्री भी उपलब्ध कराई गई।

गौठान बने हैं। शासन से भी तमाम सुविधाएं  उपलब्ध कराई जा रही हैं। लेकिन शायद ही कहीं गाय भैंस बछड़े को भरपेट खाना मिलता है। इस टीम ने संभवत इस कमी को दूर करने की कोशिश की है। वे कई महीनों से सड़क पर घूमने को मजबूर  पशुओं को भोजन खिला  रहे हैं। अब तो ऐसा लगता है कि यह  बेजुबान पशु भी उनके आने का इंतजार करते रहते हैं कि कब उनके लिए भोजन लेकर आएंगे। इस टीम के सदस्य पहुंचते हैं तो आवाज सुनकर ही आसपास के सारे पशु, गाय बछड़े सब एक जगह  एकत्रित हो जाते हैं। और जब वे भोजन देकर लौटने लगते हैं उन लोगो को दूर तक निहारते रह जाते  हैं  शायद उन सभी का शुक्रिया अदा करने के लिए। बेजुबान पशुओं को भी संभवत मालूम है कि दूसरों की सेवा आज कौन करता है।  करोड़ों ,अरबो  जमा कर भी स्वार्थी लोग अभी भी अपना पेट भरने लगे हैं। दूसरों का लूट कर, छीन कर, गबन कर  अभी  भी सब अपना अपना बनाने में लगे हैं  तो सच्चे  सेवा भाव से किये जा रहे काम की  जितनी तारीफ की जाए कम है। इस बड़ी बात यह भी है कि  युवाओं की टीम निस्वार्थ भाव से या सेवा का काम कर रही है। आज युवाओं के संस्कार, काम करने के तरीके तथा समाज के प्रति  कर्तव्य पर उनकी भूमिका पर कई तरह के सवाल उठाए जाते हैं। समाज में इस तरह से युवा स्वयं होकर  दूसरों की मदद करने के लिए आगे आने लगे तो  यह चीज सबके लिए एक बड़ी मिसाल बन   सकती है।

 नई पीढ़ी, युवा वर्ग अपनी परंपराओं, संस्कृति , मान्यताओं का महत्व जानने समझने लगे और उस को समृद्ध बनाने की उसमें सोच, लगन और जागरूकता पैदा हो जाए तो निश्चित रूप से भारत को आत्म निर्भर और दुनिया का ताकतवर देश बनने से कोई नहीं रोक सकता।




 ये है संस्कारी, समाज के सुख दुख को महसूस करने वाले निस्वार्थ भावना से गौ सेवा करने वाले उत्साही युवाओं की टीम।  सदस्यों ने बताया गौ सेवा के लिए उनकी टीम के सदस्य हर समय तत्पर तो है ही जरूरतमंद लोगों की  भी सेवा करने सहयोग करने में  भी यह टीम हमेशा काम कर रही है। कोरोना के संकट के समय में भी जब  लॉकडाउन की वजह से कमजोर वर्ग के लोगों को ढेर सारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा था यह टीम उनकी मदद करने  में हमेशा आगे रही। चाहे उनके लिए राशन उपलब्ध करानेे का काम रहा हो रहा  अथवा दवाइयां दिलाने का।इस टीम ने जन सेवा के काम में बढ़-चढ़कर सहयोग किया ।