दुर्ग।असल बात न्यूज़। शहर की सत्ता में अब कांग्रेस का कब्जा हो गया है तो जैसा कि आमतौर पर होता है पुराने कार्यकाल के दौरान हुए कार्...
दुर्ग।असल बात न्यूज़।
शहर की सत्ता में अब कांग्रेस का कब्जा हो गया है तो जैसा कि आमतौर पर होता है पुराने कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों में तथाकथित गड़बड़ियों अनियमितताओं और घोटालों को खोज खोज कर सामने लाया जा रहा है। अभी बाजार पार्किंग घोटाला सामने आया है जिसमें लाखों रुपए का वारा न्यारा किए जाने का संदेह है। खास बात यह है कि इस मामले में अभी बाजार प्रभारी खुद मुखर हैं और गड़बड़ी होने का जमकर आरोप लगाते हुए तमाम जिम्मेदार लोगो को कटघरे में खींच रहे हैं। इस मामले में आईएएस अधिकारी के साथ निचले स्तर के कर्मचारियों की मिलीभगत होने के भी आरोप लगाए गए हैं।
यहां नगर निगम के राजस्व तथा बाजार प्रभारी ऋषभ जैन ने आज फिर आरोप लगाते हुए दोहराया है कि पार्किंग घोटाला भाजपा के शासनकाल में हुआ है। निगम के आयुक्त तथा बाजार अधिकारी के साठगांठ से हुआ है। यह घोटाला भाजपा के शासन काल से शुरू हुआ था अब इस पूरे मामले में लीपापोती करने की करते हुए मनगढ़ंत तथा झूठी बातें फैलाई जा रही है। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष ने मामले में एफ आई आर दर्ज कराने की बात को लेकर चुनौती दी तो उसके बाद यह मामला और तूल पकड़ने लगा है और ऋषभ ने आरोपों को दोहराया है।
दुर्ग शहर में अभी पार्किंग घोटाला सुर्खियों में है। चारों तरफ इस घोटाले को लेकर ही चर्चा चलती दिख रही है। हर कोई अपने- अपने अनुसार मामले में अपने तरह से बातें कह रहा है। आज इस मामले में तब और गर्माहट आ गई जब निगम के नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा ने राजस्व प्रभारी ऋषभ जैन को चुनौती दे दी कि मामले में जो जिम्मेदार है उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखाएं। इस पर ऋषभ जैन ने भी कमेंट किया है। उन्होंने कहा है कि यह तो पता होना चाहिए कि निगम प्रशासन की तरफ से एफ आई आर दर्ज कराने का अधिकार किसके पास है। नेता प्रतिपक्ष बता दे कि निगम अधिनियम में राजस्व प्रभारी को निगम की तरफ से एफ आई आर दर्ज कराने का अधिकार है तो वे नेता प्रतिपक्ष के साथ ही जाकर एफ आई आर दर्ज कराएंगे।
ऐसे आरोप-प्रत्यारोप के बीच दुर्ग शहर में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। यहां राजस्व तथा बाजार प्रभारी स्वयं हो कर पार्किंग वसूली के मामले में गड़बड़ी तथा घोटाला होने की शिकायत कर रहे हैं। तो लोगों को लगने लगा है कि यह वास्तव में घोटाले का बड़ा मामला है और इसमें अभी काफी कुछ सामने आना बाकी है। बहुत कम ही ऐसे मामले सामने आते हैं जब सत्ताधारी दल के लोग पदाधिकारी स्वयंं आरोप लगाते हैं। अक्सर शिकायत करने वालों के साथ जनसमूह खड़ा नजर आता है । राजस्व तथा बाजार प्रभारी ऋषभ जैन ने जिस तरह से पार्किंग वसूली में गड़बड़ी घोटाले के मामले में जिस तरह से सख्त लहजे में शिकायतें की हैं और आरोप लगाए हैं इससे ऐसा लगता है कि इस लड़ाई में वे अभी आगे भी चुप रहने वाले नहीं है ।
फिलहाल रोज नए आरोप-प्रत्यारोप आ रहे हैं। इस मामले को बड़े घोटाले के जैसे पर्दाफाश किया जा रहा है। तो इससे राजनीतिक सरगर्मी भी लगातार बढ़ती जा रही है। हो सकता है कि जल्द ही उच्च स्तरीय हस्तक्षेप भी दिखने लगे। आयुक्त स्तर के अधिकारी से लेकर प्रशासनिक व्यवस्था पर जिस तरह से आरोप लगे हैं उससे हड़कंप मच रहा है। इसकी गूंज राजधानी रायपुर तक पहुंच रही है।