एजुकेशन हब भिलाई ने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यहां से प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में छात्रों का आईआईटी, ...
एजुकेशन हब भिलाई ने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यहां से प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में छात्रों का आईआईटी, मेडिकल पढ़ाई के लिए चयन होता है। अभी यहां के कक्षा पांचवी के छात्र लिवजोत सिंह अरोरा का सीधे 10वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए चयन किया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल छत्तीसगढ़ के द्वारा आईक्यू टेस्ट के आधार पर उसका बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए चयन किया गया है। इस तरह से सिर्फ 11 साल का छात्र दसवीं की परीक्षा देगा। यह भिलाई के लिए अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।इस उपलब्धि पर बच्चे और उसके अभिभावकों को बधाइयां दी जा रही है।
रायपुर, ।।असल बात न्यूज़।
वर्तमान में दुर्ग के माइल्डस्टोन स्कूल की कक्षा 5वीं में अध्ययनरत छात्र लिवजोत सिंह अरोरा पिता श्री गुरविंदर सिंह अरोरा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस वर्ष आयोजित होने वाली कक्षा 10वीं बोर्ड की परीक्षा देगा। महज 11 वर्ष 4 माह के इस छात्र को आईक्यू टेस्ट के आधार पर बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की गई है। अस्पताल में जांच के आधार पर उसका आईक्यू 16 वर्ष की उम्र के बराबर है। छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में संभवतः यह पहला मामला है, जब बारह वर्ष से कम उम्र के किसी बच्चे को 10वीं बोर्ड की परीक्षा में बैठने का मौका दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि बुद्धिलब्धि या इंटेलिजेस कोशेंट (आईक्यू) कई अलग मानकीकृत परीक्षणों से प्राप्त एक गणना है जिससे बुद्धि का आंकलन किया जाता है।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव प्रो. व्ही.के. गोयल से प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्र लिवजोत सिंह अरोरा में शैक्षणिक सत्र 2020-21 में कक्षा 10वीं की परीक्षा में बैठने की अनुमति के लिए मंडल कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। वर्तमान में छात्र दुर्ग के माइल्डस्टोन स्कूल की कक्षा 5वीं में अध्ययनरत है। छात्र का शासकीय जिला अस्पताल दुर्ग से आईक्यू टेस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट अनुसार छात्र का आईक्यू 16 वर्ष की उम्र के बराबर है। आईक्यू टेस्ट के आधार पर छात्र कक्षा 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित होना चाहता है। छात्र का आवेदन मंडल की परीक्षा और परीक्षाफल समिति में निर्णय हेतु प्रस्तुत किया गया। समिति के सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श करने के बाद विशेष प्रकरण मानकर छात्र लिवजोत सिंह अरोरा को वर्ष 2020-21 की कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया। समिति के निर्णय अनुसार छात्र को कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की गई है।