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देखिए, मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में भी किस तरह से की जाती है गड़बड़ी, आयकर विभाग ने छापा मारकर कई सबूत जुटाए

  मेडिकल कॉलेजों एमबीबीएस में एडमिशन के लिए देशभर में नीट के द्वारा एक साथ परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। स्वभाविक तौर पर यह परीक्षाएं काफी प...

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 मेडिकल कॉलेजों एमबीबीएस में एडमिशन के लिए देशभर में नीट के द्वारा एक साथ परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। स्वभाविक तौर पर यह परीक्षाएं काफी प्रतिष्ठा पूर्ण होती है।एमबीबीएस में एडमिशन के लिए कितनी  मारामारी चल रही है यह सबको मालूम है।अब जो फैक्ट्स सामने आ रहे हैं उससे दिख रहा है कि इन परीक्षाओं में भी गड़बड़ी करने के रास्ते निकाल लिए गए हैं।

आयकर विभाग ने बेंगलुरू में तलाशी अभियान चलाया

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मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी करने की शिकायत
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0 देखिए इस तरह से की जाती है मेडिकल परीक्षाओं में प्रवेश लेने में गड़बड़ी
नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।
देश में नीट के माध्यम से आयोजित की जाने वाली मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा में भी गड़बड़ी किए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं और आयकर विभाग की जांच में इसमें कई खुलासे हुए हैं।

आयकर विभाग ने  बेंगलुरू और मेंगलुरु में पंजीकृत प्रमुख ट्रस्टों के खिलाफ तलाशी और जब्ती का अभियान शुरू किया है। ये ट्रस्ट मेडिकल कॉलेज सहित कई शैक्षणिक संस्थान चला रहे हैं। तलाशी अभियान कर्नाटक और केरल के 56 विभिन्न स्थानों पर चलाया गया था।

तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान पाया गया  कि इन मेडिकल कॉलेजों के ट्रस्टियों व प्रमुख लोगों ने एजेंटोंदलालों और एनईईटी परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों के साथ  मिलीभगत से एनईईटी के माध्यम से हुई मेडिकल कॉलेजों की पारदर्शी चयन प्रक्रिया को बिगाड़ दिया । अनियमितता के पहले चरण में एनईईटी परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल करने वाले कुछ विद्यार्थियों ने राज्य काउंसलिंग (उनका संबंधित कॉलेज से जुड़ने का कोई इरादा नहीं थाक्योंकि उन्होंने किसी अन्य स्थान पर अपना प्रवेश सुरक्षित कर लिया था या प्रवेश ले लिया थाके माध्यम से एमबीबीएस में प्रवेश ले लियाइससे कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईएकी काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान एजेंटों/ बिचौलियों/ कन्वर्टर्स (जो नियमित सीटों को प्रबंधन सीटों में परिवर्तित करने से जुड़ी सेवा उपलब्ध कराते हैंकी मिलीभगत से एक मेडिकल कॉलेज में मेडिकल पाठ्यक्रम की सीटें ब्लॉक कर ली गईं। इस क्रम मेंये विद्यार्थी प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो गए जिससे खाली सीटें कॉलेज प्रबंधन के लिए उपलब्ध हो गईं। ये सीटें खाली सीटों के चरण (प्रवेश के चरण के बाद एक कॉलेज में खाली या बिना भरी सीटेंके माध्यम से भरने के लिए कॉलेज प्रबंधन को उपलब्ध हो गईं।

 इस चरण मेंकॉलेज प्रबंधन ने कैपिटेशन शुल्क/ नकद डोनेशन के रूप में भारी धनराशि लेकर कम योग्य अभ्यर्थियों (एनईईटी में कम रैंक हासिल करने वालेको प्रवेश देकर भर दींजो कर्नाटक शैक्षणिक संस्थान (कैपिटेशन शुल्क निषेधअधिनियम, 1984 के तहत अवैध है। कैपिटेशन शुल्क इन मेडिकल कॉलेजों के प्रमुख लोगों/ ट्रस्टियों के द्वारा नियुक्त दलालों/ एजेंटों के एक नेटवर्क के माध्यम से इकट्ठा किया जाता है।

तलाशी अभियान के परिणाम स्वरूप एमबीबीएसबीडीएस और परास्नातक सीटों में प्रवेश को सीट के लिए नकदी लेने से जुड़े कई सबूत जब्त हुएजिनमें विभिन्न वर्षों के लिए इन कॉलेजों में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों/ दलालों से मिलीं नोटबुक्सहस्त लिखित डायरियांनकदी के विवरण से युक्त एक्सेल शीट शामिल हैं। इस बात का भी खुलासा हुआ कि प्रबंधनशिक्षककर्मचारीमेधावी विद्यार्थी और दलाल ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में हेराफेरी के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही सबूतों से संकेत मिले हैं कि प्रबंधन कोटे के विद्यार्थियों को लिखित परीक्षा और वायवा में पास करने के लिए लाख से लाख रुपये में एक प्रकार की पैकेज व्यवस्था है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसे भी सबूत मिले हैंजिनसे प्रथमदृष्ट्या पता चलता है कि इन कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में हेराफेरी के द्वारा मिली नकद धनराशि को ट्रस्टियों द्वारा गैर धर्मार्थ उद्देश्यों में लगा दिया गया हैजो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 12एए का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। इसके अलावाअचल संपत्तियों ने भारी मात्रा में नकदी के रूप में निवेश के कई मामले सामने आए हैंजिन पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 69 के प्रावधान लागू होते हैं। एक कॉलेज टिंबर/ प्लाईवुड उद्योग में उतर गयाजहां कम धनराशि की इनवॉयस बनाने से जुड़े सबूत भी पाए गए हैं।

अभी तकमिले सबूतों से संकेत मिलते हैं कि ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में हेराफेरी के द्वारा अवैध कैपिटेशन शुल्क के रूप में 402.78 करोड़ रुपये स्वीकार किए गए हैं और आयकर विभाग के समक्ष इसका खुलासा नहीं किया गया है। तलाशी के दौरान 15.09 करोड़ रुपये की नकद धनराशि जब्त की गई है। ट्रस्टियों के आवासीय परिसरों से 81 किलो सोने के आभूषण (लगभग 30 करोड़ रुपये मूल्य के), 50 कैरेट के हीरे व 40 किलोग्राम चांदी बरामद हुई है और प्रथमदृष्ट्या ये वस्तुएं अघोषित हैं। घाना में 2.39 करोड़ रुपये की अघोषित विदेशी संपदाओं के अलावा बेनामी रूप में 35 लग्जरी कारों में भारी निवेश के सबूत मिले हैं।