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चार साल पहले सीने में गोली लगी थी, आज भी बहुत दर्द रहता है--एक प्लाटून कमांडर

  किसी मुठभेड़,  हमले में पुलिस, सुरक्षा बल के जवानों को गोली लग जाती है, वे घायल हो जाते हैं तो तो उसकी पीड़ा , दर्द लंबे दिनों तक बने रहता...

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 किसी मुठभेड़,  हमले में पुलिस, सुरक्षा बल के जवानों को गोली लग जाती है, वे घायल हो जाते हैं तो तो उसकी पीड़ा , दर्द लंबे दिनों तक बने रहता है। गोली तो निकल जाती है, घाव धीरे-धीरे सूख जाते हैं। लेकिन जख्म से जो दर्द दूर होता है वह जब तब उभर आता है। विभिन्न मुठभेड़ों में घायल जवानों को जब राज्य के पुलिस महानिदेशक से मुलाकात करने, अपनी बात कहने का मौका मिला तो उन्होंने इस पीड़ा, व्यथा को भी सुनाया।

मुठभेड़ में घायल जवानों की समस्याओं का संवेदनशीलता से होगा निराकरण : डी जे पी श्री अवस्थी


डीजीपी घायल जवानों से हुये रूबरू और सुनी समस्यायें

 

रायपुर । असल बात न्यूज।

 डीजीपी  डीएम अवस्थी ने कहा है कि विभिन्न घटनाओं मुठभेड़ में शहीद, पुलिस जवानों के परिजनों की हम देखभाल करते हैं और ऐसी घटनाओं में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए घायल हो जाने वाले बहादुर जवानों के देखभाल की भी जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने आज यहां  नक्सल हिंसा में घायल जवानों से मुलाकात की। 

कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान बहुत ही बहादुरी से नक्सल मोर्चे पर डटे हुए हैं। उनके अदम्य साहस और शौर्य पर सभी को गर्व है। जब भी नक्सल घटनाएं होतीं हैं तो आप अपनी जान दांव पर लगाकर अपने कर्तव्यपथ पर डटे रहते हैं। मुठभेड़ में कुछ जवान शहीद हो जाते हैं, जिनके परिजनों की देखभाल हम परिवार की तरह करते हैं। लेकिन मुठभेड़ में घायल जवानों की देखभाल भी हमारी जिम्मेदारी है।  घायल जवानों के इलाज के इलाज में बहुत खर्च होता है। उन्हें नियमानुसार पूरी चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

कार्यक्रम में प्लाटून कमांडर विनोद मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2016 में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान सीने में गोली लगने से गंभीर घायल हो गया था।  आज भी सीने में बहुत दर्द रहता है। मुझे कार्यालयीन कार्य दे दिया जाये। हेड कान्सटेबल योगराज शर्मा ने बताया कि वर्ष 2007 में नक्सलियों से लड़ते हुये दोनों पैरों में गोली लग गयी थी। तब से एक पैर में रॉड डला हुआ है। चलने-फिरने में बहुत समस्या होती है। मुझे सुबह ड्यूटी गणना से रियायत दे दी जाये। प्रधान आरक्षक यशवंत साहू ने बताया कि साल 2013 में आईईडी ब्लास्ट के दौरान एक आंख और कान खराब हो गया है। कृपया नाईट ड्यूटी से राहत दे दी जाये। डीजीपी श्री अवस्थी ने कहा कि आप सभी की परेशानियों को देखते हुये तत्काल निराकरण किया जायेगा।

 उल्लेखनीय है कि डीजीपी श्री डीएम अवस्थी द्वारा विभिन्न मुठभेड़ों में घायल हुए जवानों की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदना कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत विभिन्न मुठभेड़ों में घायल जवानों की जानकारी एकत्रित कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। आज 25 जवानों और उनके परिजनों को रायपुर बुलाकर उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले 20 साल में करीब 6 सौ 75 जवान घायल हुए हैं।


 कार्यक्रम में- प्लाटून कमांडर विनोद मिश्रा, प्रधान आरक्षक संतोष वर्मा, प्रधान आरक्षक योगराज, आरक्षक सुनीत कुमार, आरक्षक पंकज ठाकुर, आरक्षक मुनेश्वर यादव, आरक्षक लक्ष्मीनारायण बजरंगी, आरक्षक शिवराम सोनी, , प्रधान आरक्षक लाखन सिंह, आरक्षक मनमोहन सदावर्ती, आरक्षक सहदेव राजवाड़े, , प्रधान आरक्षक बृजेश सिंह, आरक्षक शिवशंकर प्रसाद, प्रधान आरक्षक अशोक कुजूर, प्रधान आरक्षक यशवंत साहू, आरक्षक गंगेश्वर यादव, प्रधान आरक्षक कुंजलाल नेताम, आरक्षक धनीराम सोरी, आरक्षक विनय बघेल, प्रधान आरक्षक कोमल खलखो, सहायक आरक्षक सियाराम यादव, सहायक आरक्षक गोवर्धन कुंजाम सहित बड़ी संख्या में जवान उपस्थित थे।