0 रायपुर। असल बात न्यूज़। 0 विशेष रिपोर्ट कैंम्पा की महत्वाकांक्षी योजनाओं से छत्तीसगढ़ राज्य में जंगल क्षेत्रों के ग्रामीणों को रोजगार तो...
0 रायपुर। असल बात न्यूज़।
0 विशेष रिपोर्ट
कैंम्पा की महत्वाकांक्षी योजनाओं से छत्तीसगढ़ राज्य में जंगल क्षेत्रों के ग्रामीणों को रोजगार तो मिला ही इस क्षेत्र में विकास की नई शुरुआत भी हुई है। लगन और मेहनत से काम करने की वजह से छत्तीसगढ़ राज्य इस योजना से ग्रामीणों को रोजगार देने में नंबर वन भी बन गया।
वनांचल इलाके के ग्रामीणों को भी रोजगार मिल रहा है। उन्हें रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वन विभाग उन्हें रोजगार उपलब्ध करा रहा है। इस साल पूरे देश में कोरोना संकट के चलते कई सारी दिक्कतें पैदा हुई हैं और लोगों को रोजगार की सबसे अधिक जरूरत हुई। करुणा संकट की वजह से लाखों लोगों के रोजगार शिंदे उनका काम धंधा बंद हो गया ।वनांचल इलाके के ग्रामीणों को तो और अधिक रोजगार की जरूरत है अन्यथा वहां से पलायन होने का खतरा शुरू हो सकता है। ऐसी आशंका को देखते हुए और शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत वन विभाग ने वनांचल के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने का काम शुरू किया और अब उसमें, इस काम में छत्तीसगढ़ पूरे देश में नंबर वन बन गया है।
कहा जाता है कि की लगन , धैर्य आत्मविश्वास और मेहनत करने की इच्छा शक्ति हो तो किसी भी काम में भी नंबर वन स्थान हासिल किया जा सकता है। यहां के वनांचल इलाकों में कैंम्पा की विभिन्न योजनाओं के तहत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इन योजनाओं से वनांचल के ग्रामीणों को रोजगार तो मिल ही रहा है वनांचल इलाकों में बसी बस्तियों, गांवो की तस्वीर भी बदल रही है। जंगल इलाकों में भी पहले नाले, तालाब सूखने लगते थे। ठंड, शीतकाल बीतने के बाद इनमें पानी नहीं के बराबर रह जाता था। और गर्मी आते तक तो ये पूरी तरह से सूख जाते थे। आप कल्पना कर सकते हैं कि ऐसे में वहां के पशु पक्षियों, जानवरों को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।ये पशु, पक्षी, जानवर तो निश्चित रूप से पानी के लिए इन्हीं नरवा नालों तालाब और नदी पर निर्भर रहते हैं।
कैंपा की योजना के तहत वनांचल इलाकों में ग्रामीणों को रोजगार देने का जो काम शुरू किया गया है उसमें नरवा के विकास, नालों के पुनरुद्धार का भी काम किया जा रहा है। नरवा, नालो का पुनरुद्धार आज पहली आवश्यकता बन गई है। इस बारे में काफी पहले से सोचा जा रहा है कि नालो, नरवा में साल भर पानी रहे, तो ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है। असल में होता यह है कि बारिश के दिनों मेंबारिश तो अच्छी होती है लेकिन उसका पूरा पानी बह जाता है।ठंड के दिनों तक शीतकाल तक घर वालों में पानी रहता है लेकिन उसके बाद में धीरे-धीरे सूखने लगे आते हैं। गर्मी में यह मरुस्थल में परिवर्तित दिखते हैं। अभी इसके रिचार्जिंग का जो काम शुरू किया गया है उस से उम्मीद की जा रही है कि गर्मी में भी यहां पानी मिलेगा। कैम्पा की योजना पर काम शुरू हुआ तो ऐसी उम्मीदों को पंख लग गए और अब नरवा के जीर्णोद्धार, पुनरुद्धार का काम काफी कुछ कर लिया गया है। नरवा नालों में पानी की उपलब्धता को देखकर यहां के ग्रामीणों में भी खुशी दिख रही है।
ऐसी ही कई सारी योजनाओ में कैंप के तहत वनांचल के ग्रामीणों को काम दिए जा रहे हैं। योजना में कई सारे काम शामिल किए गए हैं, योजना बड़ी है और उसमें काफी अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है।छत्तीसगढ़ राज्य में इन योजनाओं पर काम शुरू हुआ तो धीरे-धीरे ग्रामीणों में भी इसके प्रति उत्सुकता और जागरूकता पैदा हुई। ग्रामीण इस काम से जुड़ने लगे और छत्तीसगढ़ ने रिकॉर्ड बना डाला। नया रिकॉर्ड बन गया। पूरे देश में इस योजना में राज्य में सबसे अधिक रोजगार देने का रिकॉर्ड बन गया। केंद्र सरकार के द्वारा जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसमें छत्तीसगढ़ राज्य की उपलब्धि को बताया गया है और छत्तीसगढ़ राज्य के द्वारा सबसे अधिक काम देने के रिकॉर्ड का उल्लेख किया गया है। राज्य के बस्तर और सरगुजा बिलासपुर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य ने सिर्फ 1 अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के अंतिम सप्ताह तक वनांचल इलाके में ग्रामीणों को 4 करोड़ 33 लाख 900 दिन का काम दिया है।इसमें ग्रामीणों को रोजगार के आवाज में लगभग 300 करोड रुपए की राशि का भुगतान करने की जानकारी मिली है। वनांचल इलाकों के ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए वहां के ग्राम पंचायतों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, तथा जागरुक नागरिकों से जानकारी ली जाती है। जो काम करने की इच्छुक, योग्य होते हैं उन्हें काम उपलब्ध करा या जाता है।
छत्तीसगढ़ राज्य में इन योजनाओं के तहत वनांचल इलाके के ग्रामीणों को आगे भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। इनकी योजनाओं के तहत जो काम हो रहे हैं गांव के विकास के लिए वे अत्यंत जरूरी है।सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें मशीनों से काम नहीं लेकर ग्रामीणों से काम करवाया जा रहा है और उन्हें रोजगार दिलाया जा रहा है। ऐसी योजनाओं से रोजगार तो मिल ही रहा है वही जंगल इलाकों के गांव गांव में वृक्षारोपण हेतु क्षेत्र की तैयारी,पुराने रोपित क्षेत्रों का रखरखाव भवन पुल पुलिया वन मार्ग उन्नयन, तालाब गहरीकरण, चारागाह का विकास इत्यादि कार्य, कराए जा रहे हैं।जंगल क्षेत्रों के ग्रामीण में भी खुशी है कि उन्हें रोजगार मिल रहा है वहीं उनके क्षेत्र में विकास के काम भी दिख रहे हैं।
ऐसे छोटे-छोटे काम करते-करते छत्तीसगढ़ राज्य, जंगल क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार दिलाने में भी नंबर वन बन गया। उम्मीद की जा रही है कि क्षेत्र में आगे और प्रगति होगी।