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मालवाहक ट्राली में अधिक लोड से संतुलन बिगड़ा, मां बमलेश्वरी देवी मंदिर में रोप वे ट्राली टूटकर गिरने की घटना

  जिला प्रशासन द्वारा  जांच के आदेश रायपुर डोंगरगढ़। असल बात न्यूज़ टीम। राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित मां बमलेश्वरी देवी का मंदिर ...

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 जिला प्रशासन द्वारा  जांच के आदेश

रायपुर डोंगरगढ़।

असल बात न्यूज़ टीम।



राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में स्थित मां बमलेश्वरी देवी का मंदिर आम श्रद्धालुओं के भक्ति और आस्था का बड़ा केंद्र है। प्रतिदिन दूर-दूर के स्थानों  से हजारों लोग यहां माता बमलेश्वरी देवी का   दर्शन करने पहुंचते हैं। नवरात्रि पर्व के अवसर पर यहां यह  भीड़ तो लाखों में पहुंच जाती है। सैकड़ों किलोमीटर दूर दूर से लोग पैदल चलकर माता के दर्शन करने पहुंचते हैं। लोग सीढ़ियां चढ़कर और पैदल चलकर ही माता का दर्शन करने पहुंचने की कोशिश करते हैं । वृद्ध, असहाय, निशक्त लोगों के लिए रोप वे  वहां पहुंचने का साधन है। रोपवे के टूट कर गिर जाने और उस में एक मजदूर  की मौत हो जाने की घटना ने श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख दिया है। आम लोगों को लग रहा कि यह घटना वास्तव में कतिपय लापरवाही तथा असावधानी के  कृत्य का परिणाम है। जिले के कलेक्टर ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं लेकिन लोगों को इतने भर से संतोष नहीं है। अखिर यह लोगों की आस्था, श्रद्धा और भक्ति से जुड़ा हुआ मामला है।

घटना के बाद यहां श्रद्धालु विचलित है। वैसे, यह घटना श्रद्धालुओं को मंदिर लाने ले जाने का काम बंद हो जाने के बाद हुई है। लेकिन कहा जा रहा है कि ऐसी ही असावधानी बरती गई तो घटना किसी भी समय और किसी के भी  साथ  हो सकती है। रोपवे  टूटने के जैसी घटनाओं से अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। रोपवे के टूटने का हादसा यहां पहले भी हो चुका है।

जब घटना हुई है, उस समय रोपवे से श्रद्धालुओं को मंदिर लाने- ले जाने का काम बंद हो गया था। रोप वे का संचालन मां बमलेश्वरी देवी मंदिर समिति ट्रस्ट के द्वारा किया जाता है। श्रद्धालुओं के लिए रोप वे का संचालन आना जाना शाम को 6:00 बजे तक ही किया जाता है। श्रद्धालुओं का आना जाना बंद हो जाने के बाद मालवाहक ट्राली से  सामान ढोने का काम किया जाता है। सामान नीचे लाने का काम किया जाता है और नीचे से जरूरत का समान ऊपर पहुंचाया जाता  है। बताया जाता है कि घटना इसी दौरान हुई। श्रद्धालुओं का आना-जाना जारी करने के दौरान याद घटना होती तो निश्चित रूप से बड़ी अनहोनी होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

 पता चला  है कि रोपवे की ट्राली में सरिया लाद दिया गया था। अभी मंदिर के बारे में श्रद्धालुओं के लिए वेटिंग रूम बनाया जा रहा है। यह waiting room रोपवे से आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बन रहा है। यहां ठहर कर लोग कुछ देर आराम कर सकते हैं। घटना किस कारण से हुई उस समय  ड्यूटी पर तैनात लोगों को कतई समझ नहीं आया लेकिन कहा जा रहा है कि  संभवत: मालवाहक ट्राली में अधिक वजन लद जाने की वजह से  उसका बैलेंस बिगड़ गया.। नीचे से ट्राली ऊपर जाती है तो ऊपर से भी ट्राली नीचे आती हैं। सरिया लदी ट्राली ऊपर जा रही थी  तो ऊपर से आ रहे ट्राली में एक मजदूर गोपी सवार था। बताया जाता है कि नीचे की ट्राली में अधिक लोड होने तथा ऊपर की ट्राली खाली होने से वाह ट्राली का संतुलन बिगड़ गया था और वह डगमगाने लगी। खाली ट्राली डगमगाते हुए  ऊपर ही टावर से टकरा गई।। टकराकर टूट जाने से ट्राली नीचे गिर गई। उसके बाद यह गंभीर हादसा हो गया। फिलहाल मामले में जांच शुरू कर दी गई है।

इधर घटना में मृत मजदूर के बारे में बताया जाता है कि वह रोपवे संचालन से संबंधित ही काम करता था। इसके साथ उससे दूसरे काम भी कराए जाते थे। घटना के बाद उसके परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने की मांग भी की जा रही है।