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तृतीय लिंग समुदाय के 13 उम्मीदवार बनेंगे पुलिस आरक्षक

  मुख्यमंत्री श्री बघेल और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने दी बधाई समाज कल्याण विभाग कर रहा तृतीय लिंग समुदाय को समाज की मुख्य धारा मे...

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मुख्यमंत्री श्री बघेल और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने दी बधाई

समाज कल्याण विभाग कर रहा तृतीय लिंग समुदाय को समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास - परीक्षार्थियों के निःशुल्क कोंचिग की व्यवस्था की


रायपुर, । असल बात न्यूज।

राज्य की पुलिस में तृतीय लिंग  समुदाय के उम्मीदवार भी अब आरक्षक बनने जा रहे हैं। अभी रायपुर रेंज में पुलिस आरक्षको की भर्ती की प्रक्रिया पूरी हुई है जिसमें तृतीय लिंग के उम्मीदवारों ने भी हिस्सा लिया और इनमें से अब कुछ का चयन भी हो गया है।रायपुर रेंज पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इस परीक्षा में तृतीय लिंग समुदाय के 13 उम्मीदवारों का पुलिस आरक्षक पद पर चयन हुआ है और दो उम्मीदवार वेंटिंग लिस्ट में हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रायपुर जिले से 8, धमतरी से एक, राजनांदगांव से 2, बिलासपुर से एक, कोरबा से एक, अंबिकापुर से एक तृतीय लिंग के परीक्षार्थी का चयन पुलिस आरक्षक हेतु किया गया है। 


इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने सभी चयनित उम्मीदवारों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने तृतीय लिंग समुदाय को बधाई देते हुए कहा है कि तृतीय लिंग समुदाय के शासकीय नौकरी में आने से छत्तीसगढ़ में नई शुरूआत हुई है। यह बदलते छत्तीसगढ़ की पहचान है, जिसमें सभी वर्गों की उन्नति के लिए समान अवसर मौजूद हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि चयनित उम्मीदवारों से प्रेरित होकर तृतीय लिंग समुदाय के और भी व्यक्ति पढेंगे और आगे बढ़ेंगे। श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि तृतीय लिंग के व्यक्तियों के शासकीय नौकरी में आने से उनके प्रति समाज के नजरिए में एक बड़ा परिवर्तन आएगा। 


उल्लेखनीय है कि आरक्षक भर्ती में तृतीय लिंग समुदाय के 97 लोगों ने लिखित परीक्षा दी थी। जिनमें से 23 परीक्षार्थियों का चयन फिजिकल टेस्ट के लिए किया गया था। समाज कल्याण विभाग ने तृतीय लिंग समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए निःशुल्क कोंचिंग की व्यवस्था की थी। तृतीय लिंग समुदाय के परीक्षार्थियों को प्रशासन एकेडमी में 30 दिन तक लिखित परीक्षा की तैयारी कराई गई थी। इसके पश्चात् राज्य संसाधन एवं पुनर्वास केन्द्र में 120 दिनों तक लिखित और फिजिकल टेस्ट की तैयारी विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से कराई गई। यहां उनके निःशुल्क भोजन और ट्रैक सूट की भी व्यवस्था विभाग द्वारा की गई थी। तृतीय लिंग समुदाय ने सहयोग के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है।