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संसद का बजट सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित,;संसद के दोनों सदनों द्वारा कुल 18 विधेयक पारित

  नई दिल्ली। असल बात न्यूज़। संसद का बजट सत्र ,  2021, जिसकी शुरुआत 29  जनवरी  2021 ( शुक्रवार) को  हुई थी, को   (अनिश्चित काल के लिए स्थगित...

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नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।

संसद का बजट सत्र2021, जिसकी शुरुआत 29 जनवरी 2021 (शुक्रवार) को हुई थी, को  (अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।

इस दौरानराज्यसभा और लोकसभा अवकाश के लिए क्रमशः 12 फरवरी2021 (शुक्रवार) एवं 13 फरवरी2021 (शनिवार) को स्थगित रही और विभिन्न मंत्रालयों / विभागों से संबंधित अनुदान मांगों की पड़ताल करने और उसकी रिपोर्ट देने में विभिन्न विभागों से जुड़ी स्थायी समितियों को समर्थ बनाने के लिए 8 मार्च2021 (सोमवार) को फिर से बैठी।

बजट सत्र के बारे में बोलते हुएकेन्द्रीय संसदीय मामलों के मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पूरे बजट सत्र2021 के दौरान लोकसभा की 24 बैठकें और राज्यसभा की 23 बैठकें हुईं। बजट सत्र के पहले भाग में लोकसभा की कुल 12 और राज्यसभा की 11 बैठकें हुईं। सत्र के दूसरे भाग में क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा की 12 बैठकें हुईं।

इस सत्रजिसकी बैठकें मूल रूप से 8 अप्रैल2021 तक होनी थीको दोनों सदनों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की मांग के कारण स्थगित किया गया ताकि सदस्य कुछ खास राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों में चल रही चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकें।

 

धन्यवाद प्रस्ताव:

इस वर्ष का पहला सत्र होने के नातेराष्ट्रपति ने 29 जनवरी2021 को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। लोकसभा में श्रीमती लॉकेट चटर्जी द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया और डॉ. वीरेंद्र कुमार द्वारा इसका समर्थन किया गया। लोकसभा में इसपर निर्धारित 15 घंटे के बजाय 16 घंटे 58 मिनट तक चर्चा हुई। राज्यसभा मेंधन्यवाद प्रस्ताव को श्री भुवनेश्वर कलिता द्वारा पेश किया गया और श्री विजय पाल सिंह तोमर ने इसका समर्थन किया। राज्यसभा ने इस पर निर्धारित 15 घंटे के बजाय 15 घंटे 41 मिनट तक चर्चा की। दोनों सदनों द्वारा इस सत्र के पहले भाग के दौरान धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की गई और उसे स्वीकार किया गया।

केन्द्रीय बजट की प्रस्तुति:

वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए केन्द्रीय बजट 1 फरवरी2021 (सोमवार) को पेश किया गया। इस सत्र के पहले भाग में दोनों सदनों में केन्द्रीय बजट पर आम चर्चा हुई। लोकसभा में इस पर निर्धारित 10 घंटे के बजाय 14 घंटे 44 मिनट तक चर्चा हुई। राज्यसभा में निर्धारित 10 घंटे के बजाय 10 घंटे 56 मिनट तक इस पर चर्चा हुई।

लोकसभा मेंरेलवेशिक्षा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा हुई और उन्हें अलग – अलग स्वीकार किया गया। इसके बाद, बाकी के  मंत्रालयों / विभागों की अनुदान मांगों पर बुधवार17 मार्च2021 को सदन में मत – विभाजन किया  गया। संबंधित विनियोग विधेयक भी 17.03.2021 को लोकसभा में पेश किया गया और उस पर विचार करने के बाद उसे पारित किया गया।

वित्तीय वर्ष 2020-21 के अनुदानों के लिए अनुपूरक मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक; केन्द्र - शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के अनुदान मांगों और वर्ष 2020-21 के अनुदानों की अनुपूरक मांगों और केन्द्र - शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए वर्ष 2020-21 के अनुदानों के लिए अनुपूरक मांगों तथा वर्ष 2021-22 के लिए लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) मांगों को उनकी स्वीकृति के बाद लोकसभा में उसपर विचार करके उसे 18.03.2021 को पारित किया गया।

दिनांक 23.03.2021 को लोकसभा ने वित्त विधेयक2021 पारित किया। राज्यसभा ने भी 23.03.2021 को सभी विनियोग विधेयकों और 24.03.2021 को वित्त विधेयक2021 को वापस कर दिया। संपूर्ण वित्तीय प्रक्रियाएं 31 मार्च2021 से पहले संसद के दोनों सदनों में पूरी कर ली गईं।  

इस सत्र में पारित विधेयक:

इस सत्र के दौरान कुल 20 विधेयक (लोकसभा में 17 और राज्यसभा में 03) पेश किए गए। 18 विधेयकों को लोकसभा द्वारा और 19 विधेयकों को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया। संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 18 है। लोकसभा / राज्यसभा में पेश विधेयकोंलोकसभा द्वारा पारित विधेयकोंराज्यसभा द्वारा पारित विधेयकोंदोनों सदनों से पारित विधेयकों और राज्यसभा में वापस लिए गए विधेयकों की सूची अनुलग्नक में संलग्न है।

संसद के सदनों द्वारा पारित किए गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयक इस प्रकार हैं: -

आर्थिक क्षेत्र / इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस से संबंधित कदम

खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक2021 तेजी से आर्थिक विकास के लिए खनन क्षेत्र को उसकी पूर्ण क्षमता के साथ विकसित करने का प्रावधान करता है।

बीमा (संशोधन) विधेयक2021 का उद्देश्य भारतीय बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश की सीमा को मौजूदा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण की अनुमति देकर सरकार की एफडीआई नीति के उद्देश्य को प्राप्त करना है।

मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) विधेयक2021 मध्यस्थता एवं सुलह (संशोधन) अधिनियम2019 के लागू होने के बाद विभिन्न हितधारकों द्वारा उठाए गए चिंताओं का समाधान करता है।

नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट विधेयक2021 भारत में दीर्घकालिक गैर-पुनरावृत्ति अवसंरचना वित्तपोषण (लॉन्ग-टर्म नॉन – रिकोर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग) के विकास को समर्थन देने के लिए नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट की स्थापना का प्रावधान करता है।

प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2021 (मेजर पोर्ट ऑथोरिटीज बिल2021) का उद्देश्य प्रमुख बंदरगाहों को अधिक स्वायत्ततालचीलापन प्रदान करना और मेजर पोर्ट ट्रस्ट्स एक्ट1963 को निरस्त करके उनके प्रशासन को पेशेवर बनाना है।

स्वास्थ्य क्षेत्र

गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन (संशोधन) विधेयक2021 गर्भावस्था की समाप्ति के लिए गर्भ काल की ऊपरी सीमा को बढ़ाता है और सुरक्षित गर्भपात की सेवा और गुणवत्ता से समझौता किये बिना व्यापक गर्भपात देखभाल तक महिलाओं की पहुंच को मजबूत करता है।

नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन्स बिल2021 संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा शिक्षा एवं सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव, संस्थानों का मूल्यांकन, एक केंद्रीय रजिस्टर एवं राज्य रजिस्टर के रखरखाव और बेहतर पहुंच, अनुसंधान एवं विकास और नवीनतम वैज्ञानिक उन्नति और उससे जुड़ी गतिविधियों को अपनाने के लिए उपयुक्त प्रावधान करता है।  

सामाजिक न्याय से जुड़े सुधार

संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक2021 तमिलनाडु राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश1950 में संशोधन करता है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) विधेयक2021 अधिनियम2011 को तीन साल की अवधि के लिए 01.01.2021 से 31.12.2023 तक के लिए आगे बढ़ाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक2021 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधायिका और कार्यपालिका के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देगा।

 

लोकसभा में नियम 193 के तहत महिलाओं के सशक्तीकरण’ पर अल्पकालिक चर्चा हुईजोकि अनिर्णायक रही।

श्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि पूरे बजट सत्र2021 में लोकसभा की उत्पादकता लगभग 114% और राज्यसभा की उत्पादकता 90% की रही।