छत्तीसगढ़ की मां बमलेश्वरी देवी, यहां के जन जन के आस्था का केंद्र जागृत देवी , मां बमलेश्वरी डोंगरगढ़ मंदिर की चमक प्रसिद्धि ख्याति अब देश ...
छत्तीसगढ़ की मां बमलेश्वरी देवी, यहां के जन जन के आस्था का केंद्र जागृत देवी , मां बमलेश्वरी डोंगरगढ़ मंदिर की चमक प्रसिद्धि ख्याति अब देश के कोने-कोने तक पहुंचेगी।इसके लिए देशव्यापी स्तर पर एक योजना तैयार की गई है। “माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर, डोंगरगढ़ का विकास” के नाम से यह परियोजना अक्टूबर 2020 में 43.33 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित की गई है। अब इस योजना के तहत तेज गति से काम शुरू हो रहा है।मां बमलेश्वरी देवी मंदिर की प्रसिद्धि, ख्याति को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम शुरू होने से छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं, आम लोगों में भारी खुशी की लहर दिख रही है।दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद विजय बघेल ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रत्येक योजनाओ में छत्तीसगढ़ को खास महत्व दिया है।चाहे नल जल योजना हो, अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कल्याण की बात हो अथवा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने उनकी,आर्थिक मजबूत करने की स्थिति मजबूत करने की बात हो प्रत्येक कार्य में छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता दी गई है।मां बमलेश्वरी देवी मंदिर में माता सभी वर्ग के लोगों की आस्था का केंद्र है। मां बमलश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ की कीर्ति प्रसिद्धि देश के कोने कोने में है।
नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।
उक्त योजना के तहत मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ मैं विकास के नए कार्यों की शुरुआत होने जा रही है । केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने वर्चुअल माध्यम से छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में "माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर का विकास" परियोजना की आधारशिला रखी।यह परियोजना पर्यटन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रशाद (पीआरएएसएचएडी) योजना के तहत स्वीकृत की गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस परियोजना में 'तीर्थ यात्रा गतिविधि केंद्र' में तीर्थ यात्रा के बुनियादी ढांचे के विकास कार्य के साथ श्री यंत्र के आकार की प्रतिष्ठित इमारत, सीढ़ियों का निर्माण, शेड, पैदल मार्ग, आस पास के इलाके की रोशनी व्यवस्था, झील का किनारा, अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के साथ पार्किंग स्थल का विकास और माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर और प्रज्ञागिरी में तीर्थ यात्रा के लिये सुविधाएँ उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा।
केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने इस अवसर पर बोलते हुए आशा व्यक्त की है कि इस परियोजना के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने के बाद निश्चित रूप से मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।
तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन' (पीआरएएसएचएडी) भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह योजना पर्यटन तीर्थयात्रा के एकीकृत विकास और विरासत स्थलों के विकास के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत बुनियादी ढाँचागत विकास जैसे प्रवेश स्थल (सडक, रेल और जल मार्ग), अंतिम हिस्से तक सम्पर्क, सूचना/ द्विभाषी केंद्र, एटीएम / मुद्रा विनिमय जैसी बुनियादी पर्यटन सुविधाओं, आवागमन के पर्यावरण अनुकूल साधन, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत से इलाके की प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, पीने का पानी, शौचालय, क्लोक रूम, प्रतीक्षा केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, शिल्प बाज़ार / हाट / स्मारिका दुकानें / जल-पान केंद्र, वर्षा से बचाने के लिये शेड, दूरसंचार सुविधाएं, इंटरनेट सम्पर्क आदि का विकास शामिल है।आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशाद योजना के तहत 13 परियोजनाओं को अब तक, सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। पूर्ण की गई परियोजनाओं में सोमनाथ, मथुरा, तमिलनाडु और बिहार में दो-दो परियोजनाएं और वाराणसी, गुरुवायूर और अमरावती (गुंटूर), कामाख्या और अमृतसर में एक-एक परियोजना शामिल हैं। प्राप्त होगा।