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आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है राज्य सरकार: पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम

  कोण्डागांव के विभिन्न गांवो में आदिवासियों के आस्था का प्रतीक देवगुड़ियों में किया शेड निर्माण का भूमिपूजन  देवगुडियो में  पूजा-अर्चना कर प...

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कोण्डागांव के विभिन्न गांवो में आदिवासियों के आस्था का प्रतीक देवगुड़ियों में किया शेड निर्माण का भूमिपूजन

 देवगुडियो में  पूजा-अर्चना कर प्रदेश वासियो के मांगा आशीर्वाद


रायपुर, । असल बात न्यूज।

 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कोण्डागांव विधायक  मोहन मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार आदिवासियों की प्राचीन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में काम कर रही हैं।  बस्तर की आदिम संस्कृति की पहचान देवगुड़ियो में ही है।  

 पीसीसी अध्यक्ष श्री मोहन मरकाम ने आज कोण्डागांव के ग्राम भाटागांव,  पुसापाल, सोड़सिवनी,  तितना,  लुभा, ग्राम संडसा,  खुड़ी,  बागबेडा और  ग्राम भतवा में सरकार द्वारा बनवाए जा रहे इन देवगुड़ियों में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए पूजा-अर्चना कर देवगुड़ियों में शेड निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। 

उल्लेखनीय है कि दूरस्थ वनांचलों में बसे गावों में आदिवासी संस्कृति के संवर्धन के लिए राज्य सरकार देवगुड़ी के कायाकल्प में  जुटा है ताकि बस्तर भ्रमण में आने वाले सैलानी बस्तर की संस्कृति को जान-समझ सके। इन देवगुड़ियों मे आदिवासी संस्कृति को चित्रकला से भी उकेरा गया है।

पत्थरो में देवी देवताओं के चित्रों को बनाया गया है। देवगुड़ी में हिंगराज देवता विराजते हैं। इन देवगुड़ियों में आदिवासियों की आस्था है। देवगुड़ी में फल, फूल के पौधे चारों ओर लगाया जाता है। ग्रामीणों के लिए बैठने से लेकर तमाम सुविधाएं यहां मुहैया कराई जा रही है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बनने वाली देवगुड़ियां आदिवासी संस्कृति की मूल पहचान है। आने वाले समय मे सैलानियों के लिए यही देवगुड़ियां आकषर्ण का मूल केंद्र भी रहेगी।