रायपुर, दुर्ग, भिलाई। असल बात न्यूज़। 0 health news लोगों की जान बचाने के लिए शहर में नई मशीन आ गई है। उन लोगों की जान बचाने, नई जिंदगी दे...
रायपुर, दुर्ग, भिलाई। असल बात न्यूज़।
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लोगों की जान बचाने के लिए शहर में नई मशीन आ गई है। उन लोगों की जान बचाने, नई जिंदगी देने यह मशीन काम करती है जोकि हार्ट की समस्या से जूझ रहे हैं। Heart की problem कितनी critical होती है सभी जानते हैं। और छत्तीसगढ़ में तो इस बीमारी का इलाज बहुत ही कम है और मरीजों को इस बीमारी के इलाज के लिए दूसरे शहरों की तरफ भागते देखा जाता है। इस मशीन को इसीपी enhance external counter pulsation मशीन के नाम से जाना जाता है। दावा किया जा रहा है कि यह मशीन नेचुरल तरीके से शरीर में मल्टीपल बाईपास का विकास करती है जिससे मरीज को नई जिंदगी मिल जाती है। हार्ट की ब्लॉकेज को दूर करने में इसे बाईपास सर्जरी से भी अधिक सफल होने का दावा किया जा रहा है।
अपने शहर अथवा छत्तीसगढ़ प्रदेश में हार्ट की प्रॉब्लम होने पर मरीजों को इलाज कराने के लिए अक्सर हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, वेल्लूर बेंगलुरु इत्यादि शहरों की तरफ जाते देखा जाता है। छत्तीसगढ़ में हृदय से संबंधित के इलाज के लिए जो व्यवस्था ये हैं सुविधाएं हैं उसे हमेशा कम कर कर आंका गया है।
भिलाई में यह मशीन इसीपी आ गई है जिससे बिना बाईपास सर्जरी, बिना एनजीओ प्लास्टि के हार्ट के ब्लॉकेज को दूर करने का दावा किया जा रहा है। यह मशीन भिलाई में अस्पताल में उपलब्ध है।
अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने हमसे बातचीत करते हुए बताया कि मनुष्य के शरीर में blood के सरकुलेशन के लिए मुख्य रूप से तीन pipeline होती है। इनके अतिरिक्त छोटी pipeline होती है जिसे वोलेटरल सरकुलेशन कहा जाता है।
मनुष्य के शरीर में तीनों मुख्य पाइप लाइन में है ब्लॉकेज होता है। इन pipeline को एल ए डी, आरसीए और एलसीएक्स कहा जाता है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि लोगों में जब ब्लॉकेज 80 से 90% तक बढ़ जाता है तब उन्हें इस ब्लॉकेज का पता चलता है। आमतौर पर लोगों की दिनचर्या, खानपान, जीवन शैली तेल की चीजों , non veg , अल्कोहल, तंबाकू जैसी चीजों के सेवन से शरीर में बुलाकर बढ़ता जाता है। एक समय यह ब्लॉकेज हॉट जाता है और वह हार्ट अटैक कहलाता है। यह जानलेवा हो सकता है।
इसीपी मशीन बाईपास सर्जरी से बचाती है और कहा जा रहा है कि यह अधिक फायदेमंद है। असल बात न्यूज से चिकित्सकों ने बातचीत करते हुए बताया कि इसीपी मशीन से इलाज से एनजीओ प्लास्टि से होने वाले दर्द से भी बचा जा जाता है। उक्त मशीन के द्वारा शरीर में कॉलेटरल सरकुलेशन को develop किया जाता है।
यह भी दावा है कि मशीन से शरीर में अतिरिक्त पाइप लाइन का विकास किया जाता है। चिकित्सकों का दावा है कि बाईपास सर्जरी से तो शरीर में एक अतिरिक्त pipe line का निर्माण किया जाता है। जिसे हाथ हाथ और पैर की पत्नी नाश को काटकर तैयार किया जाता है। ECP machine इसकी जगह शरीर में नेचुरल तरीके से मल्टीपल बाईपास का विकास करती है और यह जीवन को बढ़ाने में सहायक साबित होती है।
सबसे खास बात यह कही जा रहा है कि इस मशीन के द्वारा बिना चीर फाड़, बिना सर्जरी के नेचुरल बाईपास का निर्माण किया जाता है। तो यह मशीन जिंदगी को बचाने और जीवन को बढ़ाने में वास्तव में सहायक साबित होने जा रही है।