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नेशनल,उपराष्ट्रपति ने सभी राष्ट्रों से फरार आर्थिक अपराधियों को शीघ्र स्वदेश भेजने का अनुरोध किया

  उपराष्ट्रपति ने उद्योगपतियों से कहा, समूचे कारोबारी समुदाय का नाम खराब करने वाले को अलग-थलग करें नई दिल्ली।  असल बात न्यूज। उपराष्ट्रपति,श...

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उपराष्ट्रपति ने उद्योगपतियों से कहा, समूचे कारोबारी समुदाय का नाम खराब करने वाले को अलग-थलग करें

नई दिल्ली।  असल बात न्यूज।

उपराष्ट्रपति,श्रीएम.वेंकैया नायडू ने आज सभी देशों से अनुरोध किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि अन्य देशों से फरार होने वाले आर्थिक अपराधियों को तुरंत उन देशों में वापस कर दिया जाना चाहिए जहां के वे वांछित अपराधी हैं। उन्होंने कहा कि कानून उन लोगों के साथ सख्त होना चाहिए जो आम लोगों का पैसा लूटते हैं और विदेश में सुरक्षित ठिकाना चाहते हैं।

सूरत में आज साउथ गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दक्षिण गुजरात के उद्योगपतियों और कारोबारी बिरादरी के साथ बातचीत करते हुए, उपराष्ट्रपति ने उद्योग जगत से अपील की कि वे ऐसे भ्रष्ट लोगों को अलग-थलग करें जो पूरे कारोबारी समुदाय का नाम खराब करते हैं और देश में नैतिक कॉर्पोरेट प्रशासन की आवश्यकता पर जोर दिया।

लोकलुभावन नीतियों के प्रलोभन का विरोध करने के लिए सरकारों से आग्रह करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे लोगों और व्यवसायों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाएं, ईकोसिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित करें जिससे वे बिना किसी बाधा के बढ़ सकें।

इस अवसर पर, उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि "आत्मनिर्भर भारत" भारतीय व्यवसायों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है। उन्होंने इस अवसर का लाभ उठाने और पीपीई किट की सफलता की कहानी को अन्य क्षेत्रों में भी दोहराने का आह्वान किया।

चर्चा के दौरान, उन्होंने लॉकडाउन से पहले के तथ्यों पर प्रकाश डाला, भारत में पीपीई किट और एन-95 जैसे फेस मास्क की उत्पादन क्षमता बहुत ही कम थी, लेकिन कुछ ही समय में, हम पीपीई किट के दूसरे सबसे बड़े निर्माता के रूप में उभरे हैं। उन्होंने कहा, 'हम  केवल आज खुद की मांग को पूरा कर रहे हैं, बल्कि कई देशों को इन आवश्यक वस्तुओं का निर्यात भी कर रहे हैं।'

कोविड-19 महामारी के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान को शुरू करने के बारे में बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा विदेशी आपूर्ति पर हमेशा के लिए निर्भर नहीं रह सकता है। उन्होंने आगाह किया, इस तरह की निर्भरता हमें वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी रुकावट या व्यवधान के प्रति संवेदनशील बनाती है।


श्री नायडू ने कहा कि हमारे युवाओं को केवल नौकरी मांगने।वाला नहीं होना चाहिए और उन्हें नौकरी देने वाला बनना चाहिए उन्होंने भारतीय युवाओं में उद्यमिता की भावना को बढ़ाने लिए उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को बढ़ाने का आह्वान किया।

 उन्होंने अकादमिक संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर फंडों को शुरू करने का भी आह्वान किया।

श्री नायडू ने भारत के सीमित संसाधनों के उचित और न्यायसंगत बंटवारे के लिए प्रणालियों की व्यवस्था करने की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कहा कि इस तरह की व्यवस्था लोकतंत्र में सबसे बेहतर तरीके से संभव है जहां लोगों की इच्छा शासन को दिशा प्रदान करने में सर्वोच्च है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में, संवैधानिक पदों पर उन चुने हुए प्रतिनिधियों को रखा जाता है जो लंबे समय तक सार्वजनिक भावनाओं की अवहेलना नहीं कर सकते।


इस अवसर पर गुजरात के मंत्री, श्री ईश्वर परमार, संसद सदस्य (लोकसभा), श्री सी. आर. पाटिल, संसद सदस्य (लोकसभा), श्रीमती दर्शना जरदोश, एसजीसीसीआई के अध्यक्ष, श्री दिनेश नवदिया और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।