दुर्ग, भिलाई। असल बात न्यूज़। 0 खोज रिपोर्ट दुर्ग भिलाई के नगरीय इलाकों में ज्वालामुखी के महाविस्फोट जैसे हालात नजर आने लगे हैं। हर कॉलोनी...
दुर्ग, भिलाई। असल बात न्यूज़।
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दुर्ग भिलाई के नगरीय इलाकों में ज्वालामुखी के महाविस्फोट जैसे हालात नजर आने लगे हैं। हर कॉलोनी में कहीं ना कहीं संक्रमित मिल रहे हैं। विस्मयकारी तरीके से गृहणियां भी संक्रमित मिल रही है जबकि उनका बाहर आना-जाना ना के बराबर होता है। एक- एक परिवार में तीन - तीन,चार - चार लोग संक्रमित हो गए हैं। चारों तरफ एक अनजाने दहशत का वातावरण दिख रहा है। Lockdown नहीं लगा है लेकिन लोगों ने घरों से बाहर निकलना कम कर दिया है। सड़कों में भी विरानी छाई दिख रही है।
12 मार्च के बाद Corona के संक्रमण के जब मामले बढ़ने लगे तो ऐसी कतई उम्मीद नहीं थी कि दुर्ग-भिलाई के शहरी इलाकों में ज्वालामुखी के महा विस्फोट के जैसे हालात हो जाएंगे। दुर्ग जिले में शायद ही कोई ऐसी कॉलोनी शेष होगी जहां कोरोना के संक्रमित नहीं मिले हो। दुर्ग शहर में केलाबाड़ी के साथ 4 कॉलोनी, कंटेनमेंट जोन बना दिये गये है। कल पिछले 24 घंटे के दौरान सिर्फ दुर्ग शहर में 181 नए संक्रमित मिले हैं। 8 साल, 10 साल, 5 साल, 3 साल, 13 साल,16 साल के बच्चे और किशोर भी संक्रमित हो जा रहे हैं। इससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई है। पहले यह एक निश्चित माना जा रहा था कि छोटी उम्र के बच्चों पर कोरोना के संक्रमन का असर नहीं होगा।
देश में कोरोना की रिकवरी रेट काफी अच्छी है। इससे माना जा रहा है कि यहां संक्रमित जल्दी ठीक भी हो जाएंगे।भारत में आज कोरोना से ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 1,11,51,468 हो गई है और राष्ट्रीय रिकवरी दर इस समय 95.75 प्रतिशत है।पिछले 24 घंटों में 21,180 मरीज ठीक हुए हैं। दुर्ग जिले में भिलाई शहर में भी स्थिति बिगड़ गई है। यहां जुनवानी, पांच रास्ता सूपेला, लक्ष्मी नगर, को हका, राधिका नगर, एसीसी कॉलोनी जामु ल, चंद्र नगर शिवाजी नगर मॉडल टाउन इत्यादि कॉलोनी में एक ही परिवार के कई संक्रमित मिले है। भिलाई में पिछले 24 घंटों के दौरान 430 नए संक्रमित मिले हैं।
पिछले 24 घंटों में कोरोना से 212 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना से होने वाली मौत के नये मामलों में छह राज्यों का योगदान 85.85 प्रतिशत है और पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में सबसे अधिक लोगों (99) की मौत हुई है। इसके बाद पंजाब में 44 और केरल में 13 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
इस समय कोरोना मृत्युदर 1.37 प्रतिशत है और इसमें लगातार कमी दर्ज की जा रही है।
14 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं मिली है। इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्रप्रदेश, असम, उत्तराखंड, लक्षद्वीप, सिक्किम, लद्दाख, दमन और दीव, दादरा और नागर हवेली, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड, मिजोरम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और अरूणाचल प्रदेश शामिल है।
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) 10 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 25/12/2020 को गठित किया था। आईएनएसएसीओजी तभी से कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग और कोविड-19 वायरस का विश्लेषण कर रहा है और इस प्रकार पाए जाने वाले वायरस के नए वैरिएंट तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है। विभिन्न वायरसों के वैरिएंट एक प्राकृतिक घटना है और यह लगभग सभी देशों में पाए जाते हैं।
आईएनएसएसीओजी ने जिस समय से अपना कार्य शुरू किया है उसने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से साझा किए गए 10787 पॉजिटिव सेंम्पल में से इस वायरस के 771 चिंताजनक प्रकारों (वीओसी) का पता लगाया है। इसमें ब्रिटेन के वायरस (बी.1.1.7.) लिनिएज के 736 पॉजिटिव नमूने भी हैं। दक्षिण अफ्रीकी वायरस लिनिएज (बी.1.351) के 34 नमूने भी पॉजिटिव पाए गए हैं। एक नमूना ब्राजील लिनिएज (पी.1) के वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। ये वीओसी युक्त नमूने देश के 18 राज्यों में चिन्हित किए गए हैं।
कोरोना वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग और इसका विश्लेषण अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों से लिए गए नमूनों, वीओसी के संपर्क में आए पॉजिटिव नमूनों और अधिकतर राज्यों में सामुदायिक स्तर पर एकत्र किए गए नमूनों से किया गया है।
महाराष्ट्र से लिए गए नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि दिसंबर 2020 की तुलना में ई484क्यू और एल452आर म्यूटेशन के अंशों वाले नमूनों में वृद्धि हुई है। इस प्रकार की म्यूटेशन दर्शाती है कि यह विषाणु शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में कारगर है और इसका प्रभाव भी पहले से अधिक है। ये म्यूटेशन लगभग 15 से 20 प्रतिशत नमूनों में पाए गए हैं और पहले सूचीबद्ध वीओसी के साथ मेल नहीं खाते हैं। इन्हें वीओसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। लेकिन इनमें भी अधिक परीक्षण, करीबी संपर्कों का व्यापक रूप से पता लगाना, पॉजिटिव मामलों और उनके संपर्क में आए लोगों को तत्काल अलग करना और राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार इनके उपचार की आवश्वकता है।
केरल के सभी 14 जिलों में से 2032 नमूनों की सिक्वेंसिंग की जा चुकी है और एन440के ऐसा वैरिएंट है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे सकता है तथा यह 11 जिलों से लिए गए 123 नमूनों में पाया गया है। यह वैरिएंट इससे पहले आंध्र प्रदेश से लिए गए 33 प्रतिशत नमूनों और तेलंगाना के 104 नमूनों में से 53 में पाया गया था। यह वैरिएंट 16 अन्य देशों में भी पाया गया है। जिनमें ब्रिटेन, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। अभी तक इस प्रकार के वैरिएंट की बेहतर तरीके से जांच हुई है।
हालांकि वायरस की चिंताजनक किस्मों (वीओसी) और दोहरी म्यूटेशन वाला वैरिएंट भारत में पाया जा चुका है, लेकिन इनकी संख्या इतनी नहीं है जिससे यह स्थापित किया जा सके या ऐसा कोई सीधा संबंध दर्शाया जा सके कि इनकी वजह से कुछ राज्यों में कोरोना महामारी में बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना से उत्पन्न स्थिति का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिग और महामारी शोध अध्ययन अभी भी जारी हैं।