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रेरा के वेब पोर्टल पर त्रैमासिक प्रगति अद्यतन नहीं करने के कारण ओम विहार कॉलोनी को एक लाख रूपए की शास्ति अधिरोपित

  रायपुर, । असल बात न्यूज़। छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा रायगढ़ जिले के बेलाडूला स्थित रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ’’ओम विह...

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रायपुर, । असल बात न्यूज़।

छत्तीसगढ़ भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) द्वारा रायगढ़ जिले के बेलाडूला स्थित रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ’’ओम विहार कॉलोनी’’ द्वारा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की त्रैमासिक प्रगति को प्राधिकरण के वेबपोर्टल पर अद्यतन नहीं करने के कारण एक लाख रूपए का शास्ति अधिरोपित किया गया है।

  रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ’’ओम विहार कॉलोनी’’ के प्रमोटर-स्व. श्री परमानंद गुप्ता, के विधिक वारिस, जिला-रायगढ़ (छ.ग.) को छत्तीसगढ़ रेरा में पंजीयन क्रमांक-PCGRERA170718000577  के माध्यम से 17 जुलाई 2018 से पंजीकृत किया गया है। भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-11 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार सभी प्रमोटर्स को उनके प्रत्येक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की त्रैमासिक प्रगति रेरा के वेबपार्टल पर अद्यतन करना अनिवार्य है। संबंधित प्रमोटर द्वारा उपरोक्तानुसार प्रावधानों तथा प्राधिकरण के निर्देशों का अवहेलना करते हुए पंजीयन के पश्चात् विवादित रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की प्रगति प्राधिकरण के वेबपोर्टल पर अद्यतन नहीं किया गया है। प्राधिकरण ने अधिनियम की धारा-61 के अंतर्गत 15 फरवरी 2019 को अनावेदक के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक-M-COM-2019-00514  संधारित किया गया। प्रकरण में विधिवत् सुनवाई करने फलस्वरूप प्रोजेक्ट ’’ओम विहार कॉलोनी’’ बेलाडूला, जिला-रायगढ़ के द्वारा प्रमोटर-स्व. श्री परमानंद गुप्ता, के विधिक वारिस, जिला-रायगढ़ (छ.ग.) को उक्त कृत्य भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-61 के प्रावधानों का  का उल्लंघन किये जाने के कारण एक लाख रूपए शास्ति अधिरोपित किया गया। 

इस राशि की वसूली हेतु आर.आर.सी. जारी करते हुए कलेक्टर, जिला-रायगढ़ को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है। साथ ही विवादित प्रोजेक्ट में विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसके लिए कलेक्टर-जिला-रायगढ़ (छ.ग.) व जिला-पंजीयक रायगढ़ को पृथक से पत्र प्रेषित किया गया है। यदि प्रमोटर के विधिक वारिस, वारिसों द्वारा उपरोक्तानुसार निर्धारित समयावधि में उपरोक्त आदेशों का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 अंतर्गत उन्हें डिफाल्टर घोषित करने तथा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्ते) नियम, 1999 अंतर्गत उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।