भिलाई।असल बात न्यूज़। 0 विशेष प्रतिनिधि। 0 चिंतन भिलाई इस्पात संयंत्र से बड़ी मात्रा में चोरी कर trailer मेे लोड कर ले जाए जा रहे आरोपिय...
भिलाई।असल बात न्यूज़।
0 विशेष प्रतिनिधि।
0 चिंतन
भिलाई इस्पात संयंत्र से बड़ी मात्रा में चोरी कर trailer मेे लोड कर ले जाए जा रहे आरोपियों को पकड़ने में सुरक्षा बल के जवानों को सफलता तो मिल गई लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद संयंत्र से चोरी के मामले में फिर से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। पहला सवाल तो यही उछल रहा है कि पकड़े गए ट्रेलर में आगे और पीछे का नंबर अलग- अलग नहीं होता, और उससे शक नहीं हुआ होता तो क्या वह चोरी का माल पार हो गया होता ? क्या संयंत्र से चोरी का माल ऐसे ही रोज पार तो नहीं हो जा रहा है ? संयंत्र प्रबंधन को चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए क्या और कड़े प्रबंध नहीं किए जाने चाहिए ?
भिलाई इस्पात संयंत्र से चोरी कर ले जाए जा रहे पिग आयरन को पकड़ लिए जाने के बाद आम लोगों की नजर संयंत्र में चोरी की घटनाओं की ओर गई है। उक्त घटना में ट्रेलर के चालक की सीट के नीचे तथा ड्राइवर केबिन के सीलिंग में भरकर बड़ी मात्रा में पिग आईरन को संयंत्र से बाहर निकालने की कोशिश करने की घटना सामने आई है। जैसी खबरें आ रही हैं उसके अनुसार उक्त ट्रेलर में आगे का नंबर और पीछे का नंबर अलग मिला तथा नंबरों को ग्रीस लगाकर छुपाने की कोशिश की गई थी जिसके बाद वहां ड्यूटी पर तैनात सीआईएसफ आरक्षको को शक हुआ और ट्रेलर की तलाशी ली गई तब चोरी की घटना उजागर हुई। लोगों के जेहन में ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यदि नंबर को देख कर वहां ड्यूटी पर तैनात लोगों को शक नहीं होता तो क्या संयंत्र से उक्त कीमती पिग आयरन पार हो जाता। वाहन की सीट के नीचे तथा केबिन में सीलिंग में छिपाकर बेश कीमती सामानों को चोरी करने की कोशिशें हो रही हैं।इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संयंत्र से चोरी करने में जुटे अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है। ऐसी घटनाओ में जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे तो लग रहा है कि आरोपियों को समझौता पूरा भरोसा था कि वे कहीं पकड़े नहीं जाएंगे। चोरी का माल पार करने में उन्हें पूरी सफलता मिल जाएगी। चोरी के मामले का खुलासा नहीं होगा। ऐसे में यह सवाल उठना भी स्वाभाविक है कि संयंत्र से चोरी करने वाले आरोपियों का इतना मनोबल कैसे बढ़ता जा रहा है ? संयंत्र के भीतर से माल पार करने की हिम्मत उनमें कहां से आ रही है ? ऐसे तत्वों का आखिर कौन संरक्षण दे रहा है ? ऊपर से किसकी मिलीभगत और संरक्षण से यह सब कुछ हो रहा है ?
संयंत्र से चोरी की घटनाएं होने की बार बार शिकायतें आती हैं तथा कहा जाता है कि इन चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के पीछे बड़ा माफिया काम करता है। चोरी का माल भिलाई इस्पात संयंत्र से बाहर निकलने के बाद उसे दुर्ग भिलाई, रायपुर क दुर्ग के उद्योगों में, औद्योगिक संस्थानों में खपा दिए जाने की पोस्ट खबरें सामने आती रही है। लोहे को गला दिए जाने के बाद उसकी पहचान करना मुश्किल होता है। अपराधी इसी बात का फायदा उठाते हैं।