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10वीं बोर्ड की परीक्षा 15 अप्रैल और 12वीं बोर्ड की परीक्षा 3 मई से

  कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन, कंटेनमेंट जोन के कारण अनुपस्थित परीक्षार्थियों को विशेष परीक्षा में बैठने की होगी अनुमति दुर्ग जिले में है 14 अप्...

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कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन, कंटेनमेंट जोन के कारण अनुपस्थित परीक्षार्थियों को विशेष परीक्षा में बैठने की होगी अनुमति

दुर्ग जिले में है 14 अप्रैल तक lockdown,  उसके बाद, बच्चे देंगे परीक्षा ?

बोर्ड परीक्षाये सिर पर, लेकिन सभी बड़े शहर ध्वनि प्रदूषण की बड़ी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं,इसको नियंत्रित करने स्थानीय प्रशासन ने कहीं नहीं किया है कोई उपाय

पूरे राज्य में ध्वनि प्रदूषण बनती जा रही है बड़ी समस्या


रायपुर, । असल बात न्यूज।

 छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने कोरोना संक्रमण की वजह से छात्रों का साल बर्बाद न हो, इसको ध्यान में रखते हुए 10वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षा ऑफलाइन मोड में निर्धारित समय-सारणी के अनुसार आयोजित किए जाने का निर्णय लिया है। 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं 15 अप्रैल से एक मई तक तथा 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 3 मई से 24 मई तक ऑफलाइन मोड में आयोजित होंगी। कोरोना को ध्यान में रखते हुए बोर्ड द्वारा छात्रहित में लिए गए निर्णय के अनुसार छात्रों के प्रवेश पत्र तथा परीक्षा केन्द्रों के अधिकारियों-कर्मचारियों के ड्यूटी आदेश के आधार पर परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने की अनुमति रहेगी। बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि जो परीक्षार्थी कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन, कंटेनमेंट जोन आदि के कारण किसी विषय या सभी विषयों की परीक्षा में अनुपस्थित रहते हैं, तो उनकी अंकसूची में अनुपस्थित न रहकर "C" लिखा जाएगा।

ऐसे विद्यार्थी को उन विषय में अंक नहीं दिए जाएंगे परन्तु उसे पास श्रेणी में उत्तीर्ण माना जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जिनकी अंकसूची में "C" अंकित है। उनके लिए पूरक परीक्षा के साथ विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी और विशेष परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर उनकी अंकसूची में "C" के स्थान पर प्राप्तांक अंकित कर पुनरीक्षित अंकसूची जारी की जाएगी और उन्हें श्रेणी भी दी जाएगी। 


माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सचिव ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए सभी मान्यता प्राप्त शालाओं को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। परीक्षा कक्ष में प्रवेश से लेकर छात्रों की बैठक व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही कक्ष की बैठक क्षमता के अनुरूप 50 प्रतिशत छात्रों को ही उस कक्ष में बैठाएं जाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी छात्रों, शिक्षकों और शालाओं के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। परीक्षा केन्द्र को सेनेटाईज करने के साथ ही छात्रों, शिक्षकों एवं शालाओं के अधिकारियों-कर्मचारियों के हाथों को सेनेटाइज करने की व्यवस्था के भी निर्देश दिए गए हैं। कोरोना पीड़ित छात्र को किसी भी परिस्थिति में परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी।

यहां सवाल यह उठता है कि कौन बच्चा माध्यमिक शिक्षा मंडल को बताने जा रहा है कि वह कोरोना संक्रमित है अथवा नहीं। दूसरी बात यह है कि बच्चे अपनी परीक्षा की तैयारी करेंगे कि कोरोना का टेस्ट कराने भटकेंगे। शिक्षा मंडल के इस आदेश के बाद कई अभिभावकों, छात्र छात्राओं का कहना है कि अभी लॉकडाउन आंशिक लॉकडाउन तथा जगह-जगह कोरोना पॉजिटिव मिलने की वजह से आम नागरिकों के साथ छात्र वर्ग में मनोवैज्ञानिक रूप से चिंतित है।कोरोना कब कहां किस को हो जा रहा है कुछ पता नहीं चल रहा है। ऐसे में बच्चों को पढ़ाई की तैयारी करने में भी दिक्कत हो रही है।